महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं। इस बीच यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के नारे 'बंटोगे तो कटोगे' को लेकर विवाद मचा हुआ है। इस नारे के विरोध में अलग-अलग दलों के नेता जहां अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं, वहीं बीजेपी के कई बड़े नेता इससे दूरी बनाते दिख रहे हैं। बीजेपी के कई बड़े नेता सीएम योगी के इस नारे से किनारा कर चुके हैं। वहीं कांग्रेस समेत अलग-अलग दल के नेताओं ने सीएम योगी के इस बयान की आलोचना की है।
बीजेपी के इन नेताओं ने नारे से किया किनारा
केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता नितिन गडकरी का कहना है कि देश के सभी नागरिकों को संगठित रहना चाहिए। एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में गडकरी ने सीएम योगी आदित्यनाथ के 'बटेंगे तो कटेंगे' नारे पर कहा कि जहां तक मेरी समझ है, हमें जाति, धर्म, भाषा और लिंग के आधार पर नहीं बांटा जाना चाहिए। हमें संगठित होना होगा। इसका संदेश यह है कि हम भारतीय हैं और हमें एकजुट रहना चाहिए।
अशोक चव्हाण ने क्या कहा?
बीजेपी के राज्यसभा सांसद अशोक चव्हाण ने कहा कि इस नारे की कोई प्रासंगिकता नहीं है। चुनाव के समय नारे दिए जाते हैं। यह विशेष नारा सही नहीं है और मुझे नहीं लगता कि लोग इसकी सराहना करेंगे। व्यक्तिगत रूप से कहूं तो मैं ऐसे नारों के पक्ष में नहीं हूं। हर राजनीतिक पदाधिकारी को बहुत सोचने के बाद फैसला लेना होता है। हमें यह भी देखना होगा कि किसी की भावनाएं आहत न हों।
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BJP की MLC पंकजा मुंडे ने नारे को लेकर क्या कहा?
पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे गोपीनाथ मुंडे की बेटी और एमएलसी पंकजा मुंडे ने कहा कि मैं इस नारे का समर्थन सिर्फ इसलिए नहीं करूंगी की योगी आदित्यनाथ और मैं एक ही पार्टी से हैं। मेरा मानना है कि हमें सिर्फ विकास के लिए काम करना चाहिए। पंकजा ने साफ कहा कि एक नेता का काम है कि वह इस भूमि पर रहने वाले हर आदमी को अपना बनाए। इसलिए महाराष्ट्र में ऐसे किसी मुद्दे को नहीं लाना चाहिए।
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने किया किनारा
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सीएम योगी के इस नारे से किनारा कर लिया है। उन्होंने कहा कि 'बंटेंगे तो कटेंगे' नारा...बीजेपी का नारा नहीं है। यह सिर्फ एक भाषण का हिस्सा है। यह सीएम योगी ने कहा था। मौर्य ने कहा, मैं नहीं जानता कि सीएम ने किस संदर्भ में यह बात कही है। इस पर कोई टिप्पणी करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजेपी विकास के नाम पर चुनाव लड़ती है।
कंगना ने कहा -'बंटेंगे तो कटेंगे हमारा मुद्दा नहीं'
हिमाचल से लोकसभा सांसद कंगना रनौत ने बंटेंगे तो कटेंगे... नारे को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। कंगना ने कहा कि बंटेंगे तो कटेंगे... हमारा मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा कि बंटेंगे तो कटेंगे या वोट जिहाद जैसे मुद्दे विपक्ष की ओर से उठाए जाते हैं। विपक्षी दलों ने खुद अपनी कब्र खोदी है। हालांकि, जब उनसे कहा गया कि सीएम योगी ने ये नैरेटिव सेट किया है तो तुरंत कंगना अपने बयान से पलट गईं। कंगना ने यह एकता का आह्वान है।
कांग्रेस और विपक्षी दलों ने कैसे दिया जवाब?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नारे 'बटेंगे तो कटेंगे' का जवाब कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने दिया है। इस नारे को लेकर देश में जमकर राजनीति हो रही है। खासकर चुनावी राज्यों में इनके दम पर वोट मांगे जा रहे हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने क्या कहा?
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के 'बटेंगे तो कटेंगे' नारे का जवाब में 'डरेंगे तो मरेंगे' का नारा दिया। खरगे ने एक होकर देश को बचाने का नया नारा दिया है। खरगे ने भाजपा पर लोगों को बांटने और संविधान को बिगाड़ने का आरोप लगाया।
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ओवैसी ने कहा, मोदी-योगी देश को बांट रहे हैं
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने 10 नवंबर को महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में चुनाव प्रचार किया। यूपी के सीएम योगी के 'बंटेंगे तो कटेंगे' वाले नारे को लेकर ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी कह रहे हैं 'एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे'। सीए योगी ने कहा 'बंटेंगे तो कटेंगे', तो हम पूछ रहे हैं कि कौन बांट रहा है। आप लोग ही तो बांट रहे हैं। हम पूछते हैं कि क्या पिछले 10 साल से हिंदू समाज खतरे में है? हिंदू खतरे में हैं यह बात आप लोग ही बोल रहे हैं।
अखिलेश यादव ने योगी पर साधा था निशाना
अखिलेश यादव ने अलीगढ़ के टप्पल में 15 नवंबर को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के 'बंटेंगे तो कटेंगे' वाले नारे को लेकर योगी का विरोध किया। उन्होंने कहा कि अंग्रेज देश से चले गए और इनको छोड़ गए।उन्होंन कहा कि भारत के लोग ऐसे बयानों को महत्व नहीं देते। चुनावी सभा को संबोधित कर रहे अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की सरकार जा रही है। तो ये बंटोगे तो कटोगे नारा दे रहे हैं। यह नारा इन्होंने अंग्रेजों से सीखा है। अंग्रेजों ने डिवाइड इन रूल का नारा दिया था।
आखिलेश यादव ने कहा कि अंग्रेज तो चले गए उनके वचनवंशी, विचारवंशी अभी भी हैं। ये नकारात्मक लोग हैं। एनडीए के आगे एन लगा है, जिसका मतलब नेगेटिव है। जबकि, पीडीए में पी है यानी, प्रोगेसिव और पोजिटिव।