BJP New President 2024: भाजपा के मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट का हिस्सा बन गए हैं, जिससे भाजपा को नया अध्यक्ष मिलने की संभावना है। पार्टी के सूत्रों ने संकेत दिया है कि इस महीने के अंत में पीएम मोदी के इटली दौरे से लौटने के बाद पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष चुना जाएगा।

कार्यकारी अध्यक्ष का हो सकता है चयन
नए फुलटाइम पार्टी अध्यक्ष चुनने से पहले भाजपा का संसदीय बोर्ड कार्यकारी अध्यक्ष का चयन कर सकता है। बोर्ड जेपी नड्डा से पद पर बने रहने और कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने के लिए भी कह सकता है। बता दें कि बीजेपी में  "एक व्यक्ति एक पद" का सिद्धांत लागू है। कार्यकारी अध्यक्ष तब तक काम करेंगे जब तक कि सदस्यता अभियान और साल के अंत तक संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती।

अध्यक्ष को लेकर क्या कहता है बीजेपी का पार्टी संविधान 
भाजपा के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी होता है जब 50 प्रतिशत राज्यों में संगठनात्मक चुनाव पूरे हो जाते हैं। सदस्यता अभियान जुलाई में शुरू होगा और करीब छह महीने तक चलेगा। दिसंबर-जनवरी में नए अध्यक्ष का चुनाव होगा। कार्यकारी अध्यक्ष को पूर्णकालिक अध्यक्ष भी चुना जा सकता है। निर्वाचित अध्यक्ष का कार्यकाल जनवरी 2025 से शुरू होगा।

जेपी नड्डा के कार्यकाल का दो बार हुआ विस्तार
जेपी नड्डा को 2019 में कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था और जनवरी 2020 में औपचारिक रूप से उनका चुनाव हुआ था। अमित शाह को गृह मंत्री बनाए जाने के बाद पार्टी की जिम्मेदारी नड्डा को सौंपी गई थी। नड्डा का कार्यकाल इस साल जनवरी में समाप्त हो गया, लेकिन आम चुनावों को देखते हुए उन्हें जून के अंत तक विस्तार दिया गया। बता दें कि दो बार नड्डा के अध्यक्ष पद के कार्यकाल का विस्तार किया जा चुका है। 

कौन होगा बीजेपी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष?
पार्टी के नए अध्यक्ष के लिए संभावित उम्मीदवारों में मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल के नाम शामिल थे। हालांकि, इन तीनों को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के बाद अब पार्टी महासचिव विनोद तावड़े, सुनील बंसल या नरेंद्र सिंह तोमर के नाम प्रमुखता से चर्चा में हैं।

कई राज्यों में पार्टी बनाएगी नए अध्यक्ष
भाजपा को कई राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्ष भी तय करने हैं। बिहार में सम्राट चौधरी डिप्टी सीएम के साथ अध्यक्ष पद संभाल रहे हैं। प. बंगाल के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार केंद्र में मंत्री हैं और हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी राज्य के सीएम बन गए हैं। पार्टी को राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में सामाजिक समीकरण साधने के लिए नए अध्यक्ष की जरूरत है।

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने क्या होगी चुनौतियां?
भाजपा के नए अध्यक्ष को यूपी सहित कई राज्यों में संगठन को मजबूत करना होगा। इसके अलावा झारखंड, महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। अगले साल की शुरुआत में दिल्ली में भी चुनाव होंगे। इन राज्यों के परिणाम पार्टी और मोदी सरकार की संभावनाओं पर सीधा असर डालेंगे।

बूथ प्रबंधन को फिर से मजबूत करने पर देना होगा ध्यान
बीते दस साल में बूथ प्रबंधन भाजपा की बड़ी ताकत रही है। हालांकि, इस आम चुनाव के नतीजे ने साबित किया है कि पार्टी का बूथ प्रबंधन सबसे कमजोर कड़ी साबित हुआ है। इसके अलावा संविधान और आरक्षण खत्म होने का भ्रम अब भी वंचित वर्ग में कायम है। जाहिर तौर पर इन चुनौतियों का नए अध्यक्ष को पद संभालते ही सामना करना होगा।