Budget 2025: इस साल के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पुरानी टैक्स व्यवस्था को लेकर बड़ा फैसला ले सकती हैं। केंद्र सरकार पुरानी टैक्स व्यवस्था में मिलने वाली सभी छूटों को समाप्त कर नई टैक्स व्यवस्था को बढ़ावा देने पर विचार कर रही है। एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार इनकम टैक्स नियमों में बदलाव कर सकती है, जिसमें सभी करदाता नई व्यवस्था में शामिल होंगे। यह कदम कंजंप्शन (Consumption) को बढ़ावा देने और टैक्स अनुपालन सुधारने के मकसद से लिया जा सकता है। आइए जानते क्या है सरकार का प्लान। क्या कहते हैं एक्सपर्ट।
एनपीएस और हेल्थ इंश्योरेंस पर छूट बढ़ाने का प्रस्ताव
रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) की छूट सीमा 50,000 रुपए से बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने की सिफारिश की गई है। वहीं, धारा 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) पर मिलने वाली छूट को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करने का सुझाव दिया गया है। यह बदलाव आम करदाताओं को राहत प्रदान कर सकता है और बचत को बढ़ावा देगा।
10-15 लाख की आय वालों के लिए राहत
एसबीआई रिसर्च ने 10-15 लाख रुपये की वार्षिक आय वाले करदाताओं के लिए टैक्स रेट को 20% से घटाकर 15% करने का सुझाव दिया है। साथ ही, बैंक डिपॉजिट्स (Bank Deposits) पर एक समान 15% टैक्स लागू करने की बात भी कही गई है। इस बदलाव से मध्यम वर्गीय करदाताओं को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। जैसे-जैसे 1 फरवरी 2025 का दिन नजदीक आ रहा है, करदाता नई टैक्स व्यवस्था में और सुधार की उम्मीद कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार नई प्रणाली के जरिए करदाताओं को प्रोत्साहन देगी। हालांकि, यह भी संभव है कि पुरानी टैक्स व्यवस्था को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाए।
सरकार से विशेषज्ञों की क्या है उम्मीदें
एसबीआई के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. सौम्य कांति घोष ने कहा कि नई टैक्स व्यवस्था से सरकार को राजस्व में थोड़ी कमी हो सकती है। हालांकि, इससे टैक्स ग्रोथ और कंजंप्शन में सुधार होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन प्रस्तावों से सरकार को लगभग 50,000 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे का सामना करना पड़ सकता है, जो जीडीपी के 0.14% के बराबर है।
पुरानी टैक्स व्यवस्था अब भी है लोकप्रिय
पुरानी टैक्स व्यवस्था की लोकप्रियता कम होने के बावजूद कई करदाता इसे पसंद करते हैं। इसकी वजह धारा 80सी और 80डी के तहत मिलने वाली छूट और कटौती है। हालांकि, 2020 में पेश की गई नई टैक्स व्यवस्था ने सरलता और कम दरों के कारण लोकप्रियता हासिल की है। अब, यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार बजट 2025 में क्या फैसला लेती है।