Lok Sabha Elections 2024:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (18 मई) को नार्थ ईस्ट दिल्ली में रैली को संबोधित किया। मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं ईश्वर का आशीर्वाद मानता हूं कि परमात्मा ने मुझे देश के विकास को तेज गति देने के लिए आपकी सेवा में भेजा है। 50-60 साल पहले मैं अपना घर छाेड़कर निकला था। तब मुझे भी पता नहीं था कि एक दिन लाल किला पर तिरंगा फहराउंगा। जब 50-60 साल पहले घर छोड़ा तब सब कुछ छोड़ चुका था। सब कुछ छूट चुका था। लेकिन, तब मुझे पता नहीं था कि एक दिन 140 करोड़ भारतीय ही मेरा परिवार बन जाएंगे।
ना तो मैं अपने लिए जीया हूं और ना ही जन्मा हूं
पीएम मोदी ने कहा कि ना तो मैं अपने लिए जीया हूं और ना अपने लिए मैं जन्मा हूं। मैं आपके लिए और आपके बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए जी जान से खप रहा हूं। समाज जीवन का स्वभाविक क्रम है कि हर परिवार, घर का हर मुखिया अपने वारिस के लिए सोचता है, योजना बनाता है,और कुछ करता भी है। मुझे तो वह भी नहीं करना है। मेरा कोई वारिस नहीं है। अगर मेरा कोई वारिस है तो आप लोग ही मेरे वारिस हैं। 140 करोड़ देशवासी ही मेरे वारिस हैं। इसलिए मैं आपके लिए ही दिन रात मेहनत कर रहा हूं। मेरा पल-पल आपके लिए और देश के लिए है।
इंडी गठबंधन दिल्ली को तबाह करने में जुटा है
पीएम मोदी ने कहा कि राजधानी दिल्ली में हो रहे विकास कार्यों के बीच इंडी गठबंधन दिल्ली को तबाह करने में जुटा है। ये लोग राजनीति का लगातार पतन करने के लिए जिम्मेदार हैं। ये लोग देश के करोड़ों लोगों को भरोसा तोड़ने के लिए जिम्मेदार हैं। दिल्ली काे लूटने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। ये लोग भ्रष्टाचार मिटाने के नाम पर आए थे और अब हजारों करोड़ के भ्रष्टाचार के घोटाले के मामले में जेल के चक्कर लगा रहे हैं। कांग्रेस पूरी तरह से एक्सपोज हो गई है। पहले कांग्रेस वाले शराब घोटाले का पर्दाफाश करने का क्रेडिट लेने के लिए तूफान मचाए रखते थे। फिर शाही परिवार के कहने पर भ्रष्टाचारी को ही गले लगा लिया।
कांग्रेस का घमंड अब भी नहीं टूटा है।
पीएम मोदी ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस के स्थानीय नेताओं को भी समझ नहीं आ रहा है कि करें तो क्या करें। दिल्ली, हरियाणा में दोस्ती और पंजाब में कुश्ती, आखिर ये ढ़ोंग कब तक चलेगा। दुनिया देख रही है कि कैसे एक भ्रष्टाचारी दूसरे भ्रष्टाचारी को कवर दे रहा है। एक जमाना था जब कांग्रेस पूरे देश पर राज करती थी। उनकी उंगलियों के इशारे पर सरकारें बनती थी और गिरती थी। कांग्रेस ने चार पीढ़ियों तक दिल्ली पर शासन किया। लेकिन, आज दिल्ली में उनकी चार सीटें लड़ने की भी ताकत नहीं रही। कांग्रेस उस सीट पर भी नहीं लड़ पा रही है, जहां पर 10 जनपथ का इनका दरबार है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का घमंड नहीं टूटा है।