RSS Chief Bhagwat's Remark: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने गुरुवार को झारखंड के गुमला में एक ग्राम स्तरीय संवाद कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि उन्हें देश के भविष्य को लेकर कभी कोई चिंता नहीं थी, क्योंकि देश के विकास के लिए सामूहिक रूप से कई लोग काम कर रहे हैं। विकास भारती नामक एनजीओ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भागवत ने कहा कि उन्हें देश के भविष्य को लेकर कोई आशंका नहीं है, लेकिन यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जो भी हो, वह अच्छा हो।
VIDEO | "There is no end of progress... People want to become superman, but he doesn't stop there, then he wants to become 'Devta', then 'Bhagwan', but 'Bhagwan' says he is a 'Vishwaroop'. Nobody knows whether there is anything bigger than that. There is no end of development.… pic.twitter.com/us0m16vEoW
— Press Trust of India (@PTI_News) July 18, 2024
'सुपरमैन, देवता और फिर 'भगवान बनना चाहते हैं'
डॉ. भागवत ने आगे कहा- प्रगति और विकास का कोई अंत नहीं है। लोग महामानव यानी सुपरमैन बनना चाहते हैं, लेकिन वह यहीं नहीं रुकता, फिर वह 'देवता' बनना चाहता है, फिर 'भगवान', लेकिन 'भगवान' कहते हैं कि वह 'विश्वरूप' हैं। कोई नहीं जानता कि उससे भी बड़ा कुछ है या नहीं। विकास का कोई अंत नहीं है। व्यक्ति को यह सोचना चाहिए कि हमेशा ज्यादा की गुंजाइश रहती है। यह बात कार्यकर्ताओं को समझनी चाहिए। हर किसी को हमेशा अधिक के लिए प्रयास करना चाहिए।
कांग्रेस ने भागवत की टिप्पणी को मोदी पर कटाक्ष बताया
संघ प्रमुख की इसी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष का दावा किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की हालिया कमेंट में पीएम की आलोचना की। हालांकि, भागवत ने अपने पूरे भाषण में पीएम मोदी का कोई जिक्र नहीं किया, लेकिन जयराम रमेश ने कहा कि कि संघ प्रमुख प्रधानमंत्री की "भगवान द्वारा भेजे गए" बयान पर टिप्पणी पर कटाक्ष कर रहे थे।
I am sure the self-anointed non-biological PM has got news of this latest Agni Missile, fired by Nagpur from Jharkhand and aimed at Lok Kalyan Marg https://t.co/zjJswu6vPd
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 18, 2024
भारत के पास शांति और खुशी का ब्लूप्रिंट: संघ प्रमुख
- डॉ. भागवत ने कहा कि हमारी पूजा शैलियां और रीति रिवाज अलग-अलग हैं, क्योंकि हमारे यहां 33 करोड़ देवी-देवता हैं। इसके साथ ही हमारे देश में 3800 से ज्यादा भाषाएं और बोलियां बोली जाती हैं। खान-पान की आदतें भी एक-दूसरे से भिन्न हैं, बावजूद इसके हम सबका मन एक है और ऐसा दूसरे देशों में देखने को नहीं मिलता।
- कई लोग बिना किसी श्रेय या प्रसिद्धि की इच्छा रखे देश के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि आंतरिक और बाह्य दोनों ही तरह के विकास का कोई अंत नहीं है, यह एक सतत प्रक्रिया है। बहुत कुछ किया जा चुका है और बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
- कोरोना महामारी के बाद पूरी दुनिया ने जाना कि भारत एक ऐसा देश है जिसके पास शांति और खुशी का ब्लूप्रिंट है। भागवत ने कहा कि सनातन धर्म मानव जाति के कल्याण में विश्वास रखता है।