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G7 Summit: इटली में जी7 समिट के आउटरीच सेशन में प्रधानमंत्री मोदी ने ग्लोबल लीडर्स को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ग्लोबल साउथ देश दुनियाभर में अनिश्चितताओं और तनाव का खामियाजा भुगत रहे हैं।

G7 Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को इटली में चल रही G7 समिट के आउटरीच सेशन में शामिल हुए। उन्होंने टेक्नोलॉजी सेक्टर में एकाधिकार खत्म करने का आह्वान किया और कहा कि समावेशी समाज की नींव रखने के लिए इसे इनोवेटिव बनाया जाना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि भारत एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) पर नेशनल स्ट्रैटजिक पॉलिसी तैयार करने वाले पहले कुछ देशों में से एक है।

पीएम मोदी जी7 आउटरीच सेशन में क्या बोले?

  • इटली के अपुलिया रीजन में जी7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सेशन में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ग्लोबल साउथ के देश दुनियाभर में अनिश्चितताओं और तनाव का खामियाजा भुगत रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने इन देशों की प्राथमिकताओं और चिंताओं को ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर रखना अपनी जिम्मेदारी समझा है। 
  • पीएम मोदी ने आगे कहा- इन कोशिशों में हमने अफ्रीका को सबसे ऊपर रखा है। हमें इस बात को लेकर गर्व है कि भारत की अध्यक्षता में जी-20 ने अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य बनाया। भारत सभी अफ्रीकी देशों के आर्थिक और सामाजिक विकास, स्थिरता और सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगा और भविष्य में भी ऐसा जारी रखेंगे।

टेक्नोलॉजी इनोवेटिव हो, न कि विनाशकारी: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता या AI पर बल देते बहुए टेक्नोलॉजी में एकाधिकार को खत्म करने को लेकर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा- हमें टेक्नोलॉजी को इनोवेटिव बनाना चाहिए, न कि विनाशकारी। तभी हम एक समावेशी समाज की नींव रख पाएंगे। भारत इस ह्यूमन सेंट्रिक एप्रोच के साथ बेहतर भविष्य के लिए प्रयास कर रहा है। हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर नेशनल स्ट्रैटजिक पॉलिसी तैयार करने वाले पहले कुछ देशों में से एक हैं। इसके आधार पर हमने एक एआई मिशन लॉन्च किया है। इसका मूल मंत्र 'एआई फॉर ऑल' है।

भारत 2070 तक नेट ज़ीरो का टारगेट अचीव करेगा: मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत ने एआई सेक्टर में इंटरनेशनल एडमिस्ट्रेशन के महत्व पर जोर दिया था। भविष्य में भी हम एआई को पारदर्शी, निष्पक्ष, सुरक्षित, सुलभ और जिम्मेदार बनाने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे। साथ ही एनर्जी सेक्टर में भारत का दृष्टिकोण भी चार सिद्धांतों पर आधारित है - उपलब्धता, पहुंच, सामर्थ्य और स्वीकार्यता। हम 2070 तक नेट ज़ीरो के टारगेट को हासिल करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने की ओर बढ़ रहे हैं। हमें मिलकर आगे ग्रीन एरा बनाना है। 

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