Dehradun Car Accident: देहरादून के ओएनजीसी चौक पर हुए दर्दनाक सड़क हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। सोमवार की रात इनोवा कार ट्रक से टकराई, जिसमें 6 छात्रों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में घायल 25 वर्षीय सिद्धेश अग्रवाल का इलाज अस्पताल में चल रहा है। यह घटना दिवाली के बाद की रात को हुई, लेकिन इसके पीछे के कारणों को लेकर तरह-तरह की अफवाहें सोशल मीडिया पर फैल रही हैं। अब पुलिस ने इस हादसे की वजह से जुड़ी सच्चाई बताई है।

सोशल मीडिया पर तेज रफ्तार और रेस के दावे  
हादसे के बाद सोशल मीडिया पर कई दावे किए गए। कहा गया कि छात्र ड्रिंक एंड ड्राइव कर रहे थे। कुछ ने इसे बीएमडब्लू के साथ रेस का नतीजा बताया। लेकिन पुलिस ने इन दावों को खारिज किया है। देहरादून के एसएसपी अजय सिंह का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, गाड़ी धीमी गति में थी। अचानक हादसे से पहले ही स्पीड बढ़ी, जिसका कारण अभी जांच का विषय है।  

पानी की बोतल बनी वजह?  
पुलिस जांच में एक चौंकाने वाली बात सामने आई। एसएसपी ने बताया कि कार की ब्रेक के नीचे पानी की बोतल मिली है। जांच हो रही है कि बोतल एक्सीडेंट से पहले ब्रेक के नीचे आई या बाद में। यह भी स्पष्ट किया गया कि हादसे के समय कार में कोई सनरूफ से बाहर नहीं था। ड्रिंक एंड ड्राइविंग की बात भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गलत साबित हुई है।  

पिता ने बताया, हादसे से पहले क्या हुआ  
घायल सिद्धेश के पिता विपिन अग्रवाल ने बताया कि रात 9 बजे बेटे से बात हुई थी। वह घर लौटने की बात कर रहा था। इसके कुछ घंटों बाद हादसे की खबर आई। विपिन ने मीडिया में फैली अफवाहों पर नाराजगी जाहिर की और सभी से सहानुभूति की अपील की। उन्होंने कहा कि बेटा अभी गंभीर हालत में है और उसका इलाज चल रहा है।  

पुलिस ने अफवाहों को बताया गलत  
देहरादून पुलिस ने सोशल मीडिया पर फैल रही बातों को गलत ठहराया। एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि बीएमडब्लू से रेस और तेज रफ्तार की बातें बेबुनियाद हैं। हादसे वाली जगह पर अचानक गति बढ़ी, जिसकी जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि हादसे में शामिल सभी छात्र घर पर पार्टी कर रहे थे और कुछ घर लौट गए थे।  

इनोवा में सवार युवाओं की पहचान  
इस हादसे में जिन 6 युवाओं की मौत हुई, उनमें तीन लड़कियां और तीन लड़के शामिल थे। मृतकों में गुनीत (19), नव्या गोयल (23), और कामाक्षी (20) थीं। लड़कों में कुणाल कुकरेजा (23), अतुल अग्रवाल (24), और ऋषभ जैन (24) शामिल थे। सभी देहरादून के अलग-अलग इलाकों के निवासी थे।