Lok Sabha Election 2024: एग्जिट पोल पर सियासी घमासान जारी है। भाजपा की अगुवाई वाला एनडीए गठबंधन जहां एग्जिट पोल से खुश है, वहीं कांग्रेस की अगुवाई वाले INDI गठबंधन ने एग्जिट पोल को खारिज कर दिया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने तो पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर मनोवैज्ञानिक खेल खेलने का आरोप लगा दिया। उन्होंने एक X पोस्ट में यह भी दावा किया कि गृह मंत्री शाह ने 150 डीएम को फोन कर उन पर दबाव बनाया। जयराम की इस पोस्ट पर चुनाव आयोग सख्त हो गया है।

चुनाव आयोग ने जयराम रमेश से तथ्यात्मक जानकारी और विवरण मांगा है, जिस पोस्ट में उन्होंने आरोप लगाया था कि गृह मंत्री ने 4 जून को होने वाली मतगणना से कुछ दिन पहले 150 डीएम को फोन किए थे। आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए चुनाव आयोग ने 2 जून की शाम तक उनका जवाब मांगा है।

अनुभवी नेता के बयान जनता में संदेह फैलता है
चुनाव आयोग ने जयराम रमेश को चिट्ठी लिखी है। जिसमें लिखा- मतगणना की प्रक्रिया प्रत्येक आरओ (रिटर्निंग ऑफिसर) के लिए एक पवित्र कर्तव्य है। एक वरिष्ठ, जिम्मेदार और अनुभवी नेता द्वारा इस तरह के सार्वजनिक बयान संदेह का तत्व पैदा करते हैं। चुनाव आयोग ने यह भी दावा किया कि किसी भी डीएम ने गृह मंत्री अमित शाह या किसी अन्य नेता के किसी भी अनुचित प्रभाव डाले जाने की जानकारी नहीं दी है। 

चुनाव आयोग ने जयराम रमेश से 150 डीएम के विवरण और जानकारी मांगी है, जिन्हें अमित शाह ने फोन कर प्रभावित किया है। 

20 साल बाद दोहराएगी घटना
जयराम रमेश ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि 2004 की घटना 20 साल बाद 2024 में दोहराई जाएगी। 2004 में हर एग्जिट पोल ने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार को भारी बहुमत दिया था। हालांकि, कांग्रेस और यूपीए ने सरकार बनाई। 20 साल बाद इतिहास दोहराया जाएगा। 

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि जिनकी 4 जून को छुट्टी पक्की हो गई है, उन्होंने सरकारी एग्जिट पोल कराए हैं। यह पूरी तरह से फर्जी और झूठे हैं। INDI गठबंधन दलों को 295 से कम सीटें नहीं मिलेंगी। यह एग्जिट पोल झूठा है क्योंकि हमारे मौजूदा पीएम और गृह मंत्री मनोवैज्ञानिक खेल खेल रहे हैं और विपक्षी दलों, मतगणना एजेंटों और रिटर्निंग अधिकारियों पर दबाव बना रहे हैं।