Farmers Protest Live Updates: दिल्ली जाने पर अड़े किसानों ने मंगलवार को 'दिल्ली चलो' मार्च शुरू किया। इससे पहले चंड़ीगढ़ में केंद्र सरकार के साथ वार्ता में किसान संगठनों की मांगों को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई। आंदोलनकारी किसानों के जत्थे हरियाणा और पंजाब से दिल्ली की ओर निकल पड़े हैं। जिन्हें राज्यों की सीमाओं पर ही रोका जा रहा है। शंभू बॉर्डर पर दोपहर को किसानों ने पुल पर लगी रेलिंग और बेरिकेड्स तोड़ दिए। सुरक्षाबलों के साथ उनकी झड़प भी हुई। इसके बाद पुलिस ने ड्रोन के जरिए किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे। कई लोगों को हिरासत में ले लिया। जींद बॉर्डर पर भी कुछ ऐसे ही हालात नजर आए। उधर, दिल्ली के सभी बॉर्डर सील कर दिए गए और यहां भारी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की कंपनियां तैनात हैं। 

किसानों का सरकार पर मामला लटकाने का आरोप
इससे पहले सोमवार रात केंद्रीय मंत्रियों के साथ  किसानों की पांच घंटे की चर्चा बेनतीजा रही। फसलों के लिए गारंटीशुदा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मुख्य मांग पूरी नहीं हुई है। सोमवार आधी रात को किसानों ने केंद्रीय मंत्रियों के साथ हुई बैठक में हल नहीं निकलने की बात कही। किसानों ने कहा कि सरकार किसानों के मुद्दे सुलझाने में ईमानदारी नहीं दिखा रही। किसानों से बैठक करके जानबूझकर मामले को लटका रही है। देर करने की रणनीति अपना रही है। इसलिए किसान अपना 'दिल्ली चलो' मार्च जारी रखेंगे।

Live Updates:

  • किसान बड़ी संख्या में पंजाब और हरियाणा बॉर्डर पर डटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि बुधवार को फिर से दिल्ली पहुंचने के लिए प्रयास करेंगे।

  • पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा- "करीब 10 हजार लोग शंभू बॉर्डर पर पहुंच गए। किसान यहां शांतिपूर्ण स्थिति बनाए हुए हैं। कुछ भी नहीं हो रहा फिर भी ड्रोन के जरिए हमारे ऊपर आंसू गैस फेंकी जा रही है। जब तक सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती विरोध जारी रहेगा।”

  • सरकारी सूत्रों के मुताबिक, किसानों के चल रहे विरोध प्रदर्शन के कारण पंजाब में 50 फीसदी कम डीजल और 20 फीसदी कम गैस भेजी जा सकी है।

  • हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा- ''किसान केंद्र सरकार के साथ बात करना चाहते हैं, केंद्रीय अधिकारी यहां वर्ता के लिए आए भी, दो बार बातचीत हो चुकी है और आगे भी इससे इनकार नहीं कर रहे हैं। इसके बाद भी किसान दिल्ली जाने के लिए अड़े हैं। आखिर वे दिल्ली क्यों जाना चाहते हैं? लगता है कि इससे पीछे उनकी कोई मंशा है। हम शांति भंग नहीं होने देंगे। किसानों अपना फैसला वापस ले लेना चाहिए।''

  • कुरुक्षेत्र में किसानों ने ट्रैक्टर से बांध कर सीमेंट के बेरिकेड्स खींचकर दूर हटा दिए और किसान मार्च के लिए रास्ता क्लियर कर दिया।

  • बहादुरगढ़ इंडस्ट्रियल एरिया के व्यापारियों ने किसानों से अनुरोध किया कि वह अपना प्रदर्शन रोक दें। व्यापारियों का कहना है कि इससे सीधे उनके कामकाज पर असर पड़ेगा। 

  • किसान आंदोलन के कारण व्यापार प्रभावित होन की संभावना है। कन्फेडरेशन ऑफ बहादुरगढ़ इंडस्ट्रीज, हरियाणा के अध्यक्ष, प्रवीण गर्ग ने कहा कि हम किसानों के खिलाफ नहीं है, लेकिन उन्हें हमारे व्यापार उद्योग को परेशान नहीं करना चाहिए। किसानों के प्रदर्शन की वजह से बीते दो दिनों से इंटरनेट बंद है। इस वजह से ई-चालान और ई-वे बिलिंग नहीं हो पा रही है। राज्य की सीमाओं से कई तरह के माल भेजे जाते हैं। अगर बॉर्डर बंद कर दिया जाता है तो इसका सीधा असर व्यापार पर पड़ेगा। किसानों को ऐसा नहीं करना चाहिए। हमारे जिले में ही 50 हजार करोड़ से ज्यादा का व्यापार होता है। किसानों के प्रदर्शन से इंडस्ट्रीज को सीधा नुकसान उठाना पड़ेगा। 

  • हरियाणा के जिंद में पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए सड़क पर बैरिकेडिंग की और कीलें बिछाई गई हैं, जिससे किसानों को आगे बढ़ने से रोका जा सके।

  • पुलिस के मना करने के बाद भी जब हरियाण-पंजाब बॉर्डर पर किसान पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हुए तो दूसरी बार आंसू गैस के गोले दागने पड़े। 

  • हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर किसानों की ओर से पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ने के बाद पुलिस ने एक्शन लिया। पुलिस ने कई किसान नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। 

  • हरियाणा-पंजाब शंभू बॉर्डर पर किसानों ने अपने ट्रैक्टर से पुलिस की ओर से लगाई गई बैरिकेडिंग हटा दी। पुलिस की ओर से रोकने के बावजूद  नहीं रुके। 

  • हरियाणा-पंजाब शंभू बॉर्डर पर किसान पुलिस की ओर से ड्रोन के जरिए आंसू गैस के गोले दागे जाने के बाद भी रुकने के लिए तैयार नहीं हुए। किसानों ने पुलिस की ओर से लगाई गई बैरिकेडिंग हटाने की कोशिश की। 

  • किसानों के दिल्ली चलो मार्च पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि एमएसपी गारंटी योजना पूरे देश की समस्या है। इसके साथ ही बिजली अमेंडमेंट बिल और स्वामीनाथन और किसानों के कर्ज से जुड़ी समस्याएं हैं। इनका समाधान करने की जरूरत है। कोई भी सरकार हो जब तक इन मुद्दों का समाधान नहीं होगा किसानों की तकलीफ कम नहीं होगा। कर्नाटक के सुपारी किसानों, जम्मू कश्मीर के किसानों की अलग-अलग तरह की समस्याएं सामने आ रही है। बिहार में तो मंडिया ही खत्म कर दी गई। बिहार में पहले उसी विचारधारा की सरकार है, जो केंद्र में हैं। सबसे ज्यादा बदतर स्थिति तो बिहार में हैं। वहां पर मजदूरों की फैक्ट्री तैयार की जा रही है। अगर यही स्थिति रही तो पूरे देश का भी ऐसा ही हाल होगा। अलग अलग राज्यों के किसान अपनी समस्या लेकर आ रहे हैं। अगर उनके साथ किसी प्रकार की समस्या हुई तो ना तो दिल्ली यहां से दूर है और ना ही किसान हमसे दूर हैं। 

  • किसानों के आंदोलन पर राजस्थान के कृषि मंत्री किरोडी लाल मीणा ने कहा कि यह आंदोलन चुनाव के नजदीक आने पर किया गया है। इससे साफ तौर पर समझा जा सकता है कि यह विपक्षी दलों की राजनीति है। यह आंदोलन राजनीतिक पार्टियों को फायदा पहुंचाने के लिए है। किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं है। 

  • पुलिस ने हरियाणा-पंजाब शंभू बॉर्डर पर किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। इसके बाद किसान थोड़ी देर के लिए पीछे हटे। 

  • अंबाला रेंज के आईजी सिबाश कबिराज ने कहा कि पंजाब से आ रहे किसानों का हम स्वागत करेंगे। अगर वह ट्रैक्टर से आएंगे तो लोगों को दिक्कत होगी। अगर उन्हें आना है तो वे बस, ट्रेन या पैदल आए। अगर वे ट्रैक्टर से आएंगे तो हम उन्हें इसकी इजाजत नहीं दे। अंबाला और इसके आसपास के लोगों ने कहा है कि किसानों को ट्रैक्टर से आने से रोका जाए। पिछली बार किसानों की ट्रैक्टर रैली की वजह से सोनीपत और इसके आसपास के इंडस्ट्रियल इलाके में लोगों को काफी परेशानी होगी। अगर किसान रिक्वेस्ट करेंगे तो उन्हें बस, ट्रेन मुहैया कराया जाएगा, लेकिन ट्रैक्टर से जाने की इजाजत नहीं दिया गया है। 

  • पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग 1967 में इंदिरा गांधी की अगुवाई वाली सरकार एमएसपी लेकर आई थी। अभी यूपीए सरकार गए महज नौ साल हुए हैं। हमने किसानों का 72 हजार करोड़ रुपए का ऋण माफ किया। उस समय मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे। हमने पंजाब के पांच लाख किसानों के 4600 करोड़ का ऋण माफ किया। हमने बिना केंद्र की मदद के यह काम किया। इसके साथ ही टिकरी बॉर्डर पर शहीद हुए किसानों के परिवार के सदस्यों को पांच-पांच लाख रुपए का मुआवजा दिया।  किसानों को किसी प्रकार की कानूनी मदद उपलब्ध करवाने की जरूरत होगी तो हम उपलब्ध करवाएंगे। 

  • हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र  सिंह हुड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार को तुरंत किसानों से बात करके उनकी मांगों को मानना चाहिए। 

  • केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि जैसा कि हमें जानकारी मिल रही है कि बहुत सारे लोग ऐसी कोशिश करेंगे कि वातावरण प्रदूषित हो। माहौल गड़बड़ हो। मैं किसान भाइयों से भी अनुरोध करूंगा कि वह ऐसे तत्वों से सावधान रहें। भारत सरकार किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। किसानों से हुई चर्चा पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों के साथ बहुत सारे मुद्दों पर सहमति बनी, कुछ बातों पर हम अभी भी बातचीत करने के लिए खुले हैं। इसके लिए कई विकल्प वह भी दे सकते हैं और हम भी। इसके समाधान के लिए कोशिश करनी चाहिए।  मैं किसानों से अनुरोध करूंगा कि पूरे माहौल को प्रतिकूल बनाने की कोशिश में लगे लोगों से सावधान रहें।

  • कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार किसानों से बातचीत करे और उनकी समस्याओं का समाधान करे। सरकार ने किसानों से जो समझौता किया था उसे पूरा करने का काम करे। किसानों की एमएसपी की मांग जायज है। सरकार को शांतिपूर्ण ढंग से किसानों के मुद्दों का हल करे। 

  • दिल्ली-नोएडा-दिल्ली (डीएनडी) रोड पर नोएडा से दिल्ली की ओर भारी वाहनों का आवागमन है। प्रदर्शनकारी किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर कड़ी सुरक्षा और बैरिकेडिंग की गई है। मयूर विहार के पास दिल्ली-नोएडा सीमाओं पर सड़क पर आवाजाही को प्रतिबंधित करने के लिए भारी उपकरणों के साथ पुलिसकर्मी अलर्ट पर हैं।

  • किसान संगठनों के 'दिल्ली चलो' विरोध मार्च पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि "बातचीत के दौरान किसान नेताओं के ट्विटर यानी एक्स हैंडल बंद करवाए जा रहे हैं, ये किस तरह का आश्वासन और बैठक है? दो साल में आप समझे नहीं कि किसानों को क्या चाहिए?"

  • हरियाणा के साथ झरोदा सीमा पर भी दिल्ली पुलिस की सुरक्षा तैनाती की गई है। डीसीपी द्वारका अंकित सिंह ने कहा कि "शहर में धारा 144 लागू है, शहर में ट्रैक्टर ट्रॉलियों की अनुमति नहीं है। सोशल मीडिया से भी निगरानी की जा रही है। ड्रोन एक प्रभावी उपकरण है सुरक्षा निगरानी के लिए हम इसका उपयोग करेंगे"

  • प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हरियाणा-पंजाब शंभू सीमा पर आंसू गैस के साथ-साथ ड्रोन का इस्तेमाल भी किया।

  • दिल्ली-नोएडा-दिल्ली (डीएनडी) रोड पर नोएडा से दिल्ली की ओर भारी वाहनों का आवागमन है। प्रदर्शनकारी किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर कड़ी सुरक्षा और बैरिकेडिंग की गई है। मयूर विहार के पास दिल्ली-नोएडा सीमाओं पर सड़क पर आवाजाही को प्रतिबंधित करने के लिए भारी उपकरणों के साथ पुलिसकर्मी अलर्ट पर हैं।

  • पंजाब हरियाणा बॉर्डर पर पहुंचने पर किसानों को पुलिस ने रोका। पुलिस दिल्ली जाने के लिए अड़े रहे। पुलिस ने किसानाें पर आंसू गैस के गोले दागे। इसके बाद किसानों ने भी पुलिस पर पथराव किया। 

  • सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को चिट्टी लिखी है। इस चिट्ठी में 'दिल्ली चलो'  मार्च करने वाले किसानों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेने और प्रदर्शन कर रहे किसानों पर एक्शन लेने का अनुरोध किया है। 

  • दिल्ली पुलिस ने आईटीओ चौराहे पर बैरिकेडिंग की। धारा 144 लागू किया गया। भारी संख्या में महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती भी की गई।

  • केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि इस मुद्दे पर सलाह मशविरा करने की जरूरत होगी। राज्यों के साथ मिलकर इस बात पर आगे चर्चा करनी होगी। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि इसका रास्ता क्या होगा। फोरम बनाकर इस पर नियमित तौर  चर्चा की जा सकती है। किसानों की हितों की रक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। किसानों को यह समझना होगा कि उनके हितों की रक्षा भी हो और आम लोगों को भी किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो। 

  • किसानों के मार्च पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने मंगलवार को कहा कि हमें किसानों के हितों की परवाह है। अगर कोई इस मुद्दे पर राजनीति कर रहा है तो यह हमारी चिंता नहीं है। हम बातचीत और चर्चा के लिए हमेशा तैयार रहे हैं। किसानों का मुद्दा सुलझाने के लिए हम हर संभव कदम उठाने के लिए तैयार है। इस मुद्दे का समाधान ढूंढा जा सकता है। चूंकि यह मुद्दा राज्य सरकारों से भी जुड़ा है इसलिए हमें इस मुद्दे को समझने और इसे हल करने का तरीका खोजने के लिए समय चाहिए। 

  • गुरुगाम में दिल्ली की ओर जाने वाले हाईवे पर  ट्रैफिक काफी धीमी रफ्तार से चल रही है। इस बीच किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए पुलिस सड़क पर सिमेंट ब्लॉक रखवाती नजर आई।

  • किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए दिल्ली के बवाना स्टेडियम को जेल बनाने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को दिल्ली सरकार ने मानने से इनकार कर दिया है। दिल्ली सरकार के गृह मंत्री कैलाश गहलोत ने इस मुद्दे पर कहा है कि किसानों की मांगें जायज हैं। शांतिपूर्ण प्रदर्शन हर नागरिक का हक है। इसलिए किसानों को गिरफ्तार करना गलत है।

  • उत्तर प्रदेश के नोएडा बॉर्डर पर तैनात एडीसीपी अनिल कुमार यादव ने कहा कि किसी भी परिस्थति से निपटने के लिए ट्रैफिक का पूरा प्लान तैयार किया गया है। आईएससीएमएस के जरिए ट्रैफिक पर नजर रखा जा रहा है। ड्रोन का भी इस्तेमाल किया है। अभी दिल्ली बॉर्डर पर चेकिंग चल रही है इसकी वजह से ट्रैफिक थोड़ी धीमी है। शहर के बाकी हिस्सों में यातायात सामान्य है। 

  • दिल्ली पूर्वी क्षेत्र के एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस सागर सिंह कालसी ने कहा कि हमने किसान संगठनों के दिल्ली चलो मार्च को देखते हुए  हमने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। 

  • सिंघु बॉर्डर पर सुुरक्षा बलों की बैरिकेडिंग की वजह से ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा हो गई। हाईवे पर गाड़ियां धीमी रफ्तार में रेंगती नजर आईं।

  • किसानों ने पंजाब के फतेहगढ़ से दिल्ली चलो मार्च शुरू हुआ। किसानों के इस जत्थे में सैकड़ों वाहन शामिल है।

  • दिल्ली मेट्रो ने किसानों के आंदोलन को देखते हुए सुरक्षा बढ़ाई। कई मेट्रो स्टेशनों को बंद करने की योजना। उद्योग भवन मेट्रो स्टेशन के कई गेटों से एंट्री अैर एग्जिट बंद किए गए।  
  • दिल्ली एयरपोर्ट ने किसानों की रैली को देखते हुए एडवाइजरी जारी की। पैसेंजर्स को समय से पहुंचने के लिए टर्मिनल 1 (टी1) के लिए मैजेंटा लाइन या टर्मिनल 3 (टी3) के लिए एयरपोर्ट मेट्रो का इस्तेमाल करने की सलाह दी। 

250 से अधिक किसान संघ कर रहे समर्थन
250 से अधिक किसान संघ किसान मजदूर मोर्चा का समर्थन कर रहे हैं और अन्य 150 संघ संयुक्त किसान मोर्चा का समर्थन कर रहे हैं। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी (KMSC) के पंजाब अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सभरा ने सोमवार देर रात कहा- मंगलवार सुबह 200 किसान संगठन दिल्ली की ओर कूच करेंगे। अधूरे रह गए आंदोलन को पूरा करने के लिए वह दिल्ली कूच करेंगे। फिलहाल 9 राज्यों के किसान संगठन संपर्क में हैं- पुडुचेरी, कर्नाटक, तमिलनाडु, एमपी, यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब ये सभी राज्य आंदोलन के लिए तैयार हैं।

किसानों की कई मांगों पर नहीं बनी सहमति
चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अर्जुन मुंडा के नेतृत्व में बातचीत आधी रात तक चली। बैठक में बिजली अधिनियम 2020 को निरस्त करने और उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों के लिए मुआवजे पर सहमति बन गई। हालांकि किसानों की महत्वपूर्ण मांगों  जैसे कि एमएसपी कानून, किसान ऋण माफी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने पर कोई हल नहीं निकल पाया। 

दिल्ली पुलिस किसानों को रोकने के लिए तैयार
किसानों ने दिल्ली कूच करने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में दिल्ली पुलिस ने उन्हें रोकने की तैयारी शुरू कर दी है। किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने कड़े नियम लागू किए हैं। दिल्ली बॉर्डर पर सार्वजनिक कार्यक्रमों के आयोजन पर एक महीने का प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही शहर में ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों की एंट्री पर भी रोक लगा दी गई है। सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। बैरिकेड्स लगाए गए हैं। 

हरियाणा बॉर्डर पर किसानों को रोकने की तैयारी
दिल्ली से सटे हरियाणा बार्डर पर भी किसानों को रोकने की पूरी तैयारी कर ली गई है। बॉर्डर पर कंक्रीट ब्लॉकों और कंटीले तारों से ब्लॉक किया गया है। किसानों की गाड़ियों को रोकने के लिए सड़कों पर कीलें बिछाई गई हैं। सरकारी और प्राइवेट संपत्तियों को नुकसान से बचाने के लिए एहतियाती कदम उठाए गए हैं। अंबाला, जींद, फतेहाबाद, कुरूक्षेत्र और सिरसा बॉर्डर सील कर दिया गया है। पुलिस चौबीसों घंटों इन बॉर्डर पर निगरानी कर रही है।

दिल्ली और झज्जर में धारा 144 लागू की गई 
2020 जैसा किसान आंदोलन खड़ा होने के इनपुट के बाद पुलिस-प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने रोड जाम करने, जुलूस निकालने और पब्लिक मीटिंग्स पर रोक लगाई। आदेश के उल्लंघन पर आईपीसी 188 के तहत केस दर्ज होगा। इसके साथ ही दिल्ली और झज्जर में रविवार से धारा 144 रविवार लागू है।

दिल्ली में ट्रैक्टर रैलियों पर रोक
पुलिस को आशंका है कि किसान पड़ोसी राज्यों की बॉर्डर से दिल्ली में घुस सकते हैं। इससे राजधानी में सामाजिक अशांति और हिंसा का माहौल बन सकता है। इसी क्रम में नई दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैलियों पर भी रोक लगाई गई है।

हरियाणा बॉर्डर पर पुलिस की 114 कंपनियां तैनात
हरियाणा के किसानों को बॉर्डर पर रोकने के लिए पुलिस अलर्ट है। रविवार सुबह से अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद व सिरसा में तीन दिन तक इंटरनेट सेवा बंद की गई। गुरुग्राम समेत अन्य बॉर्डर पर 8 लेयर की दीवारें तैयार की गई हैं। हरियाणा और पंजाब से दिल्ली आने वाले मुख्य मार्गों पर पुलिस व केंद्रीय सुरक्षाबलों की टुकड़ियां तैनात की गई हैं।

गुरुग्राम पुलिस अलर्ट
किसानों को रोकने के लिए गुरुग्राम पुलिस अलर्ट है। सिरहौल बॉर्डर पर लोहे के बेरीकेड्स लगाए गए। दूसरी ओर, क्रेन की मदद से सीमेंट के लगे बेरीकेड्स को हटाकर लोहे के बेरीकेड्स लगा दिए गए हैं। राज्य के विभिन्न जिलों में 114 कंपनियां तैनात की गईं, जिनमें से 64 कंपनियां अर्धसैनिक बलों की और 50 कंपनियां हरियाणा पुलिस की हैं।