Game Zone Fire: गुजरात के राजकोट स्थित टीआरपी (TRP) गेम जोन में शनिवार की शाम भीषण आग लग गई। इस अग्निकांड में अब तक मृतकों का आंकड़ा 27 हो गया। मृतकों में 12 बच्चे भी शामिल हैं। आग लगने की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सकी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई प्रमुख नेताओं ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। इस हादसे के मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि आग लगने के समय गेम जोन में कितने लोग थे, इसका सही अंदाजा नहीं है। मृतकों के शव इतनी बुरी तरह झुलस गए हैं कि उनकी पहचान डीएनए टेस्ट से की जाएगी। आग पर काबू पाने में तीन घंटे लगे।

राज्य सरकार ने की मुआवजे की घोषणा
राज्य सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिवारों को 4 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है। इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, शनिवार की शाम करीब साढ़े चार बजे सबसे पहले गेमिंग एक्टिविटी के लिए बनाए गए फाइबर डोम में आग लगी। इसके बाद आग गेमिंग जोन के दूसरे हिस्सों में फैल गई। आग लगने के पांच घंटे बाद आग पर काबू पाया जा सका।

इस मामले में अब तक तीन लोगों की गिरफ्तारी
पुलिस ने इस मामले में एक्शन लिया है। राजकोट गेम जोन के संचालक और मालिक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले की जांच के लिए वरिष्ठ IPS अधिकारी सुभाष त्रिवेदी की अगुवाई में पांच अफसरों की SIT गठित की गई है। गेमिंग जोन के मालिक का नाम युवराज सिंह सोलंकी और मैनेजर का नाम नितिन जैन है। इन दोनों के साथ ही एक और व्यक्ति को भी पुलिस द्वारा हिरासत में ले लिया गया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर बताया कि शहर प्रशासन को तुरंत बचाव और राहत कार्य करने का निर्देश दिया गया है।

SIT चीफ सुभाष त्रिवेदी ने क्या कहा?
अधिकारियों के मुताबिक गेमिंग जोन में भीषण आग के कारण इसका ढांचा ढह गया। लोग इसके नीचे दब गए, जिससे यह हादसा और भी ज्यादा  गंभीर हो गया। जिस समय गेमिंग जोन में आग लगी, कई लोग अंदर गेम खेल रहे थे। SIT चीफ सुभाष त्रिवेदी ने देर रात मीडिया से बातचीत के दौरान कि यह बहुत दुखद घटना है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। जांच के दौरान यह पता लगाया जाएगा कि इस भीषण अग्निकांड के लिए कौन जिम्मेदार है। इसके साथ ही भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के उठाए जाने वाले कदमों के बारे में भी जानने की कोशिश होगी। 

लाइव अपडेट्स:

  • गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और गृह मंत्री हर्ष सांघवी राजकोट के गिरिराज अस्पताल पहुंचे और टीआरपी गेमिंग जोन अग्निकांड के घायलों से मुलाकात की।

  • गुजराज के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल रविवार को राजकोट स्थित राजकोट स्थिति टीआरपी गेम जोन पहुंचे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से इस मामले की पूरी जांच करने के निर्देश दिए।

  • गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि राजकोट में बहुत दुखद घटना हुई, कई परिवार के सदस्यों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है। घटना में कई बच्चों की भी मौत हुई है। एसआईटी को सुबह तीन बजे से जांच शुरू करने का निर्देश दिया गया है। जिन विभागों के अंतर्गत गेम जोन निर्माण की जिम्मेदारी है, उन सभी अधिकारियों को आज सुबह 3 बजे तक कलेक्टर कार्यालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं। सभी प्रकार की जांच आज ही शुरू हो जाएगी और जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

  • राजकोट अग्निकांड पर गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता यह है कि, हमारे पास जो जानकारी है, उसके मुताबिक एक व्यक्ति अभी भी लापता है और उसे ढूंढना हमारी जिम्मेदारी है। हम इसके लिए अधिकतम टीमें तैनात कर रहे हैं।
  • गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी रविवार तड़के राजकोट में टीआरपी गेमिंग जोन पहुंचे। इस गेमिंग जोन में शनिवार को आग लगी थी। रविवार सुबह तक इस हादसे में मरने वालों का आंकड़ा 27 हो गया है। 

  • शनिवार को गुजरात के राजकोट स्थित टीआरपी गेम जोन में आ लगी थी। शनिवार देर रात आग पर काबू पा लिया गया। रविवार की सुबह यह गेमिंग सेंटर राख के ढेर में तब्दीन नजर आया। 

हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया
प्रशासन ने मदद और पूछताछ के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। ये नंबर +917698983267 (जणकट, पीआई) और +919978913796 (वीजी पटेल, एसीपी) हैं। लोगों से अपील की गई है कि वह किसी भी प्रकार की मदद के लिए इन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं। बता दें कि अभी भी कुछ लोग ऐसे हैं जिनके बारे में पता नहीं चल सका है। पुलिस और रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी टीम ऐसे लोगाें की तलाश में जुटी है।

राज्य के सभी गेमिंग जोन बंद किए गए
राजकोट के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने बताया कि आग के कारण की जांच की जाएगी और शहर के सभी गेमिंग क्षेत्रों को परिचालन बंद करने का आदेश दिया गया है।राज्य के पुलिस महानिदेशक ने सभी पुलिस आयुक्तों और जिला पुलिस अधीक्षकों को राज्य के सभी गेम जोन का निरीक्षण करने और बिना अग्नि सुरक्षा अनुमति के चल रहे गेम जोन को बंद करने का निर्देश दिया है।

गेमिंग जोन के पास नहीं था एनओसी
प्रशासन ने इस हादसे के पीड़ित परिवारों की मदद और पूछताछ के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजकोट के कलेक्टर ने कहा कि प्रथम दृष्ट्या ऐसा लगता है कि आग इलेक्ट्रिक शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी थी। हालांकि, इसकी मुख्य वजह अब तक सामने नहीं आ सकी है। इस गेमिंग जोन ने फायर डिपार्टमेंट से NOC भी नहीं लिया था। ऐसा संदेह है कि वेल्डिंग के दौरान  एक धमाके हुआ और आग तेजी से फैल गई। हालांकि, अब तक प्रशासन ने आग लगने का सही कारण नहीं बताया है।

सुरक्षित निकाले गए बच्चों ने क्या कहा?
हादसे के दौरान गेम जोन में खेल रहे कुछ बच्चे बाहर निकलने में सफल रहे। इन बच्चों ने बताया कि अचानक गेमिंग जोन के स्टाफ ने आकर हमें बताया कि आग लगी है। आप लोग जितनी जल्दी हो बाहर निकलें। इसके बाद हम सभी लोग दौड़कर बाहर निकल आए। आग लगने की खबर सुनने के बाद गेमिंग जोन के अंदर अफरा-तफरी मच गई। इसकी वजह से कुछ लोग बाहर नहीं निकल पाए और अंदर ही फंस गए। बताया जा रहा है कि गेम जोन से बाहर निकलने का सिर्फ एक ही रास्ता था और यह रास्ता भी बेहद संकड़ा था।

गेम जोन में स्टोर कर रखा गया था पेट्रोल-डीजल
गेम जोन में 1500 से 2000 लीटर डीजल स्टोर कर रखा गया था। इसके साथ ही गेम जोन के अंदर होने वाले गो-कार रेसिंग के लिए भी 1000 से 1500 लीटर पेट्रोल स्टोर कर रखा गया था। यही वजह रही कि आग काफी तेजी से फैली। इससे पूरा स्ट्रक्चर जल कर खाक हो गया। इसके साथ ही शनिवार को गेम जोन में एंट्री के लिए 99 रुपए वाली स्कीम लागू थी। एंट्री फी काफी कम होने के कारण बड़ी संख्या में लोग हादसे के वक्त गेम जोन में मौजूद थे।