IRCTC: हाल ही में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 13 और 14 पर भगदड़ मचने से 18 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना के बाद RTI एक्टिविस्ट डॉ. विवेक पांडेय ने भारतीय रेलवे और IRCTC की नीतियों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनकी RTI से खुलासा हुआ कि रेलवे यात्रियों से मोटी रकम वसूलता है लेकिन सुविधाओं के नाम पर सिर्फ वादे करता है। खासकर बीमा और वेटिंग टिकट कैंसिलेशन के नाम पर रेलवे द्वारा की जा रही कमाई चौंकाने वाली है। यहां समझिए IRCTC इंश्योरेंस और वेटिंग टिकट कैंसिलेशन घोटाला का खुलासा
बीमा के नाम पर करोड़ों की वसूली, मुआवजा न के बराबर
RTI से मिले आंकड़ों के अनुसार, IRCTC यात्रियों से 0.45 रुपए प्रति टिकट ट्रैवल इंश्योरेंस के नाम पर वसूलता है। पिछले 5 वर्षों में बीमा कंपनियों को कुल 54.36 करोड़ रुपए का प्रीमियम दिया गया, लेकिन यात्रियों को सिर्फ 7.83 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया गया।
🚨RTI Expose: IRCTC Travel Insurance Scam ?
— Dr Vivek Pandey (@Vivekpandey21) February 16, 2025
Charges ₹0.45/ ticket
₹54 Cr paid to insurers in 5 yr
Only ₹7.8 Cr given as compensation
Who benefited—passengers or insurers?#NewDelhiRailwaystation रेल मंत्री
दिल्ली रेलवे स्टेशन दिल्ली स्टेशन #रेल_मंत्री_इस्तीफा_दो #Delhi pic.twitter.com/kFxGGVAEEU
बीमा कंपनियों को दिया गया प्रीमियम:
- वर्ष 2019-20: 10.98 करोड़ रुपए
- वर्ष 2020-21: 6.52 करोड़ रुपए
- वर्ष 2021-22: 7.89 करोड़ रुपए
- वर्ष 2022-23: 12.54 करोड़ रुपए
- वर्ष 2023-24 (दिसंबर तक): 16.43 करोड़ रुपए
कुल प्रीमियम: 54.36 करोड़ रुपए
यात्रियों को दिया गया मुआवजा:
- मृतकों के लिए: 5.35 करोड़ रुपए
- घायलों के लिए: 2.48 करोड़ रुपए
कुल मुआवजा: सिर्फ 7.83 करोड़ रुपए
वेटिंग टिकट कैंसिलेशन, यात्रियों से हजारों करोड़ की वसूली
जब कोई यात्री वेटिंग टिकट बुक करता है और उसका टिकट कन्फर्म नहीं होता, तो उसे टिकट कैंसिल करना पड़ता है। इस प्रक्रिया में रेलवे विभिन्न चार्ज लगाकर यात्रियों से पैसा काट लेता है।
वेटिंग टिकट कैंसिलेशन से रेलवे की कमाई:
- 2021-22: 402 करोड़ रुपए
- 2022-23: 415 करोड़ रुपए
- 2023-24: 413 करोड़ रुपए
कुल वसूली: 1230 करोड़ रुपए
वेटिंग टिकट कैंसिलेशन चार्ज का खेल समझिए:
- वेटिंग टिकट कैंसिलेशन चार्ज: 60-120 प्रति टिकट रुपए
- GST, क्लर्केज चार्ज, और अन्य फीस: 30-90 प्रति टिकट रुपए
नतीजा: लाखों यात्रियों से रेलवे हर साल हजारों करोड़ वसूलता है, जबकि वे यात्रा भी नहीं कर पाते।
बिना टिकट यात्रा और वेटिंग टिकट यात्रियों के लिए अलग नियम क्यों?
अगर कोई बिना टिकट ट्रेन में सफर करता है और पकड़ा जाता है, तो उसे जुर्माना देकर यात्रा की अनुमति मिल जाती है। लेकिन जिसने टिकट बुक की, पैसे दिए और उसे सीट नहीं मिली, उससे रेलवे कैंसिलेशन चार्ज के नाम पर पैसा काट लेता है। यह यात्रियों के साथ अन्याय नहीं तो क्या है?
जरूरी सुधार और नई नीति की जरूरत
इस पूरे मामले को देखते हुए यात्रियों के हित में कुछ जरूरी सुधार किए जाने चाहिए:
1. बीमा भुगतान में पारदर्शिता हो
बीमा कंपनियों को यात्रियों को मिलने वाले मुआवजे का पूरा ब्योरा सार्वजनिक करना चाहिए। और अगर बीमा के नाम पर करोड़ों का प्रीमियम लिया जा रहा है, तो उसका पूरा लाभ यात्रियों को मिलना चाहिए।
2. मुआवजा नीति में सुधार हो
- दुर्घटना पीड़ितों को सीधे मुआवजा मिले।
- रेलवे और बीमा कंपनियों की मनमानी न चले।
- एक तय समयसीमा के भीतर मुआवजा जारी करने का नियम बने।
3. वेटिंग टिकट रिफंड प्रक्रिया में सुधार हो
यदि यात्रियों को कन्फर्म सीट नहीं मिलती, तो उन्हें 100% रिफंड मिलना चाहिए।
रेलवे को यह पैसा अपने लाभ के रूप में रखने का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए।
4. यात्री सुरक्षा फंड बनाया जाए
रेलवे को एक अलग यात्री सुरक्षा फंड बनाना चाहिए। इसमें यात्रियों से वसूला गया बीमा प्रीमियम रखा जाए। इसका इस्तेमाल केवल मुआवजे के लिए किया जाए।
5. बिना टिकट यात्रा और वेटिंग टिकट यात्रियों के लिए समान नीति हो
यदि बिना टिकट यात्री को सिर्फ जुर्माना देकर यात्रा की अनुमति दी जाती है, तो वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को भी टिकट की पूरी राशि वापस मिलनी चाहिए।