J&K statehood Restoration Resolution: जम्मू-कश्मीर की नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन सरकार की पहली बैठक में एक अहम प्रस्ताव पारित किया गया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अगुवाई में गुरुवार को हुई इस बैठक में केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा वापस बहाल करने का प्रस्ताव पारित किया गया। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया है। उमर अब्दुल्ला जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह प्रस्ताव सौंपेंगे।
राज्य का दर्जा बहाली का मसौदा तैयार
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने विधानसभा चुनावों में 42 सीटें जीतकर सरकार बनाई। इस जीत के बाद उमर अब्दुल्ला की प्राथमिकता जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा वापस हासिल करना है। इस प्रस्ताव का मसौदा तैयार कर लिया गया है, जिसे दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री को सौंपा जाएगा। उमर अब्दुल्ला ने चुनावों के दौरान कहा था कि वह जनता की आवाज बनकर राज्य का सम्मान और अधिकार वापस दिलाने के लिए काम करेंगे।
पीडीपी ने जताई असहमति
पीडीपी विधायक वहीद पारा ने इस फैसले पर असहमति जताते हुए सोशल मीडिया पर कहा कि उमर अब्दुल्ला का राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव 5 अगस्त 2019 के फैसले को मात्र संशोधित करने जैसा है। उन्होंने आर्टिकल 370 की बहाली पर कोई चर्चा न होने को भी बड़ी कमी बताया और कहा कि राज्य के लिए यह एक झटका है। उमर अब्दुल्ला की सरकार ने राज्य के दर्जे की बहाली पर फोकस किया है, जबकि आर्टिकल 370 की बहाली की मांग को दरकिनार कर दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई की मांग
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में भी जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने को लेकर एक याचिका दायर की गई। अदालत ने इस मामले को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया है। इस याचिका में मांग की गई है कि राज्य का दर्जा समयबद्ध तरीके से बहाल किया जाए। इससे पहले, दिसंबर 2023 में, सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से आर्टिकल 370 के हटाए जाने को सही ठहराया था।