Maharashtra Assembly Election:महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन 15 सीटों पर अब भी असमंजस बना हुआ है। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन, जिसमें भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी शामिल हैं, ने चार सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम घोषित नहीं किए हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर वोटर्स में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। विपक्षी महाविकास अघाड़ी, जिसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना, शरद पवार की एनसीपी और कांग्रेस शामिल हैं, ने भी 11 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित नहीं किए हैं।

विपक्षी महाविकास अघाड़ी की तैयारियों पर सवाल
महाविकास अघाड़ी गठबंधन की ओर से अब तक कांग्रेस ने 103, उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने 87 और शरद पवार की एनसीपी ने 87 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं। हालांकि, 11 सीटों पर अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं हुए हैं। इनमें से कुछ सीटें छोटे सहयोगियों और समाजवादी पार्टी को दी जा सकती हैं, लेकिन कौन और कितनी सीटें किसे मिलेंगी, इसका खुलासा अब तक नहीं हुआ है। यह स्थिति गठबंधन की तैयारियों को लेकर सवाल उठाती है।

महायुति गठबंधन में भाजपा-एनसीपी में मतभेद
महायुति में भी चुनाव से ठीक पहले असमंजस और मतभेद सामने आ रहे हैं। एक उदाहरण मंनखुर्द शिवाजी नगर सीट का है, जहां एनसीपी की ओर से नवाब मलिक ने नामांकन दाखिल किया है, लेकिन भाजपा ने शिंदे गुट के उम्मीदवार बुलेट पाटिल को इस सीट का "अधिकारिक" उम्मीदवार घोषित कर दिया है। भाजपा के नेता किरीट सोमैया ने सोशल मीडिया पर इसे वोट जिहाद और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का मुद्दा बताते हुए बुलेट पाटिल के समर्थन का ऐलान किया है।

निर्दलीय उम्मीदवारों की बढ़ती संख्या
गठबंधन के असमंजस के चलते कई नेता बागी होकर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। अजित पवार की एनसीपी के नवाब मलिक ने मंनखुर्द सीट से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में भी नामांकन भरा था, हालांकि पार्टी ने आखिरी वक्त में उन्हें अपना आधिकारिक उम्मीदवार घोषित कर दिया। इसी तरह, भाजपा प्रवक्ता शाइना एनसी भी मुम्बादेवी सीट पर शिवसेना टिकट पर लड़ रही हैं, जबकि इस सीट पर भाजपा के ही कई नेताओं ने दावेदारी जताई है।

288 सीटों के लिए 10,905 नामांकन पत्र दाखिल
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होंगे और परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। चुनाव की स्थिति देखते हुए मतदाताओं के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि दोनों गठबंधनों में सीटों को लेकर अनिश्चितता जारी है। कुल मिलाकर 288 सीटों के लिए 10,905 नामांकन पत्र दाखिल किए गए हैं।  इस चुनाव में असमंजसपूर्ण माहौल के बीच वोटिंग दिलचस्प होने की बात कही जा रही है।