Kharge on BJP RSS: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने महाराष्ट्र के सांगली की चुनावी रैली में रविवार(17 नवंबर) को एक ऐसा बयान दे दिया, जिससे सियासी बवाल शुरू हो गया है। खड़गे ने रैली में बीजेपी और आरएसएस की तुलना जहरीले सांप से कर दी। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस देश के लिए सबसे बड़े राजनीतिक खतरा हैं।

खड़गे ने बीजेपी- आरएसएस को लेकर क्या कहा?
खड़गे ने चुनावी रैली को संबोधित करते हुए  कहा,'अगर सांप काट लेता है तो इंसान की मौत हो जाती है। ऐसे जहरीले सांप को खत्म कर देना चाहिए। खडगे के इस बयान से महाराष्ट्र में सियासी माहौल गर्म हो गया है। बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब खड़गे ने ऐसा बयान दिया है। पहले भी कांग्रेस अध्यक्ष बीजेपी और आरएसएस को लेकर विवादित बयान देते रहे हैं। 

भाजपा ने कहा- खड़गे का बयान भड़काऊ
खड़गे के बयान पर भाजपा ने आपत्ति जताई है। बीजेपी के  प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा है कि खड़गे का यह बयान भड़काऊ है। इसके साथ ही चुनाव आयोग से इस बयान के लिए कांग्रेस नेता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। भंडारी ने कहा, 'अगर कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी (MVA) सत्ता में आए, तो जो लोग उनका समर्थन नहीं करेंगे, उनकी जान को खतरा होगा।' भाजपा ने कहा है कि यह राजनीतिक शिष्टाचार के खिलाफ है। ऐसे बयानों से जनता में गलत संदेश जाएगा।

मोदी और योगी पर भी साधा निशाना
सांगली की चुनावी सभा में खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आड़े हाथों लिया। कांग्रेस नेता ने कहा कि कहा, "मोदी की सत्ता की भूख खत्म नहीं हो रही। मणिपुर में लोग मर रहे हैं, महिलाओं का अपमान हो रहा है, लेकिन मोदी कभी मणिपुर नहीं गए।" वहीं, झांसी में बच्चों की मौत के बावजूद योगी चुनाव प्रचार करने में व्यस्त रहे। 

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2019 के मुकाबले कम सीटों पर उतरी कांग्रेस
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस ने 2019 के मुकाबले कम सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पिछली बार पार्टी ने 147 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, जबकि इस बार केवल 103 सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा की है। महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सीट शेयरिंग के तहत उद्धव ठाकरे गुट ने 89 और शरद पवार गुट ने 87 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।  

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महाराष्ट्र में 5 साल से जारी है सियासी उठापटक
महाराष्ट्र की राजनीति ने पिछले 5 सालों से सियासी उठा-पटक जारी है। बीते पांच साल में राज्य ने तीन सरकारें और तीन मुख्यमंत्री देखे हैं। बड़े प्रोजेक्ट खोने और बढ़ते कर्ज ने राज्य की आर्थिक स्थिति को प्रभावित किया है। अब नए चुनावों में जनता यह तय करेगी कि सत्ता में कौन लौटेगा। खड़गे के विवादित बयान ने राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ा दी है। जहां कांग्रेस आक्रामक अंदाज में प्रचार कर रही है, वहीं भाजपा इस बयान को हथियार बनाकर जनता के सामने ले जा रही है।