Bengaluru Cafe Blast: बेंगलुरु के रामेश्वर कैफे ब्लास्ट के 2 आरोपी बंगाल के कोलकाता से पकड़े गए। इसको लेकर अब सियासत शुरू हो गई है। भाजपा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राज में बंगाल आतंकियों के लिए सेफ पनाहगाह है। इस पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पलटवार किया है। कूचबिहार के दिनहाटा में एक चुनावी रैली में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वे बंगाल के नहीं हैं। यहां छिपे हुए थे। उन्हें 2 घंटे के भीतर पकड़ लिया गया।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता ने बेहद तल्ख लहजे में कहा कि अगर बंगाल में शांति है तो भाजपा इसे बर्दाश्त नहीं कर सकती। उन्होंने सवाल पूछा कि क्या उत्तर प्रदेश सुरक्षित है? क्या राजस्थान सुरक्षित है? क्या बिहार सुरक्षित है?
West Bengal CM Mamata Banerjee addresses a public rally in Coochbehar, she says "Those people (BJP) say that Bengal is not safe. Are Rajasthan, Gujarat, Madhya Pradesh and Delhi safe? Just ask them what work they have done. In the accident that happened in Jalpaiguri,… pic.twitter.com/dmm7iNiLCp
— ANI (@ANI) April 12, 2024
कुणाल घोष ने क्यों उठाई सुवेंदु अधिकारी की जांच की मांग?
वहीं, वरिष्ठ तृणमूल नेता कुणाल घोष ने भी भाजपा के हमलों पर पलटवार करते हुए कहा कि गिरफ्तार करने वाली राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने प्रदेश की पुलिस का सक्रिय सहयोग स्वीकार किया है। एजेंसी की प्रेस विज्ञप्ति में गिरफ्तारियों में राज्य पुलिस के सहयोग का उल्लेख है।
दरअसल, राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट केस में भगोड़े मुसाविर हुसैन शाजेब और अब्दुल मथीन ताहा को बंगाल के कोलकाता से गिरफ्तार किया। शाजेब ने कैफे में बम प्लांट किया था। जबकि ताहा मास्टरमाइंड था। दोनों कोलकाता से 180 किलोमीटर दूर पूर्व मेदिनीपुर जिले के एक छोटे से शहर कांथी या कोंताई में छिपकर रह रहे थे। इन्होंने अपनी पहचान भी छिपा ली थी। पढ़िए पूरी खबर
कांथी सुवेंदु अधिकारी का गढ़
कांथी भाजपा के सुवेंदु अधिकारी का गढ़ है। 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले तक सुवेंदु अधिकारी ममता बनर्जी के करीबी सहयोगी थे। सुवेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम सीट से एक हाई-प्रोफाइल मुकाबले में ममता बनर्जी को हरा दिया था।
कुणाल घोष ने राज्य अधिकारियों से सुवेंदु अधिकारी के परिवार और रामेश्वरम कैफे हमलावरों के बीच संबंधों की जांच करने का भी आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि बंगाल पुलिस राष्ट्र-विरोधी ताकतों को दबाने में दृढ़ है और अन्य एजेंसियों के साथ सहयोग करने के लिए हमेशा तैयार है।
घोष ने उन रिपोर्टों का भी हवाला दिया, जिनमें एनआईए ने रामेश्वरम कैफे में 1 मार्च को हुए विस्फोट के सिलसिले में एक भाजपा कार्यकर्ता को हिरासत में लिया था और पूछताछ की थी।
NIA detains two chief suspects in the Rameshwaram Cafe blast, bomber Mussavir Hussain Shazib and accomplice Abdul Matheen Ahmed Taahaa, from Kolkata. Both likely belong to ISIS cell in Shivamogga, Karnataka.
— Amit Malviya (मोदी का परिवार) (@amitmalviya) April 12, 2024
West Bengal, unfortunately, under Mamata Banerjee, has become a safe…
विवाद क्यों शुरू हुआ?
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने शाजेब और ताहा की गिरफ्तारी के बारे में एक ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने कहा कि दोनों आरोपी संभवतः कर्नाटक में आईएसआईएस सेल से जुड़े हैं। मालवीय की पोस्ट की बंगाल पुलिस द्वारा तेजी से जांच की गई।
पुलिस ने कहा कि दोनों आरोपियों को उनके और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के संयुक्त अभियान के बाद गिरफ्तार किया गया। पश्चिम बंगाल पुलिस की सक्रिय भूमिका को केंद्रीय एजेंसियों ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार कर लिया है। पश्चिम बंगाल कभी भी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं रहा है और राज्य पुलिस हमेशा सतर्क रहेगी।