AFSPA in Manipur: मणिपुर के सुरक्षा हालात को देखते हुए केंद्र सरकार ने फिर से आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल प्रोटेक्शन एक्ट (AFSPA) लागू कर दिया है। राज्य के 5 जिलों के 6 थानों में यह कानून 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगा। इस फैसले के तहत सेना और अर्ध-सैनिक बलों को इन क्षेत्रों में कभी भी किसी को हिरासत में लेने का अधिकार होगा। AFSPA की वापसी से हिंसाग्रस्त मणिपुर में सुरक्षा की स्थिति पर बड़ा असर पड़ने की उम्मीद है।
किन-किन इलाकों में फिर से लागू हुआ AFSPA
गृह मंत्रालय के आदेश में मणिपुर के कई अहम थाना क्षेत्र शामिल किए गए हैं। इनमें इम्फाल पश्चिम जिले का सेकमई और लमसांग, इम्फाल पूर्व जिले का लाम्लाई, जिरिबाम का मुख्य थाना, कांगपोकपी जिले का लेइमाखोंग और बिष्णुपुर का मोइरंग थाना शामिल हैं। इन स्थानों में लगातार हिंसा की घटनाओं के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। AFSPA की मदद से सुरक्षाबलों को इस इलाके में अपना नियंत्रण मजबूत करने में सहूलियत होगी।
AFSPA के तहत सेना को मिले विशेष अधिकार
AFSPA के लागू होते ही सेना और अर्ध-सैनिक बलों को विशेष अधिकार मिल गए हैं। सेना अब किसी भी संदिग्ध को बिना वारंट के हिरासत में ले सकती है। जरूरत पड़ने पर बल प्रयोग भी कर सकती है। इस कानून को सबसे पहले पूर्वोत्तर राज्यों में अशांत क्षेत्र की सुरक्षा के लिए 1958 में लागू किया गया था। मणिपुर में AFSPA को फिर से लागू करने का फैसला राज्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
जातीय हिंसा में 200 से ज्यादा लोगों की जान गई
मणिपुर में मई 2023 से जारी जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। हिंसा की जड़ में मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच की तनातनी है। इस हिंसा ने हजारों लोगों को बेघर कर दिया है। इंफाल घाटी और पहाड़ी इलाकों में हुई हिंसा की घटनाओं ने राज्य में अशांति का माहौल है। इन घटनाओं के चलते केंद्र सरकार ने AFSPA फिर से लागू करने का फैसला लिया है।
सुरक्षा बलों और उग्रवादियों के बीच एनकाउंटर
बता दें कि मणिपुर के जिरिबाम जिले में 11 नवंबर को उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच एनकाउंटर हुआ। CRPF जवानों ने 10 कुकी उग्रवादियों को मार गिराया। इस दौरान CRPF का एक जवान घायल हो गया। यह घटना तब हुई जब उग्रवादियों ने पुलिस स्टेशन और पास के CRPF कैंप पर हमला किया। इस हमले के बाद से स्थानीय लोगों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ी है।
AFSPA लागू क्षेत्रों में सुरक्षा सख्त
केंद्र सरकार के इस आदेश के बाद मणिपुर के 6 क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। हालांकि राज्य के 13 क्षेत्र AFSPA के दायरे से बाहर रखे गए हैं। 1 अक्टूबर को मणिपुर सरकार ने कुछ थाना क्षेत्रों को AFSPA से बाहर रखा था, लेकिन हिंसा की ताजा घटनाओं के बाद यह फैसला लिया गया है। AFSPA के प्रभावी होने से अब इन इलाकों में स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है।
यहां पढ़ें खबर से जुड़ा FAQ:
Q: AFSPA क्या है और इसे कहां लागू किया गया है?
A: AFSPA यानी आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर्स एक्ट एक विशेष कानून है जो अशांत क्षेत्रों में सेना और अर्ध-सैनिक बलों को विशेष अधिकार प्रदान करता है। मणिपुर के 6 संवेदनशील थानों में इसे फिर से लागू किया गया है, जो 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगा। यह कानून पहले से ही पूर्वोत्तर के दूसरे राज्यों और जम्मू-कश्मीर में भी लागू है।
Q: AFSPA के लागू होने से सेना को क्या विशेष अधिकार मिलते हैं?
A:AFSPA के तहत सेना और अर्ध-सैनिक बलों को किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट के हिरासत में लेने और जरूरी समझने पर बल प्रयोग करने का अधिकार होता है। इसके अलावा, इन क्षेत्रों में तलाशी अभियान भी आसानी से चलाए जा सकते हैं। यह कानून अशांत क्षेत्रों में कानून व्यवस्था को बनाए रखने में मददगार होता है।
Q: मणिपुर में AFSPA क्यों लागू किया गया है?
A: मणिपुर में जातीय हिंसा और सुरक्षा स्थिति बिगड़ने के कारण केंद्र सरकार ने AFSPA फिर से लागू किया है। मई 2023 से राज्य में मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच हिंसा में सैंकड़ों लोग मर चुके हैं, हजारों विस्थापित हो गए हैं। इन हालातों को देखते हुए सरकार ने सुरक्षाबलों को विशेष अधिकार देने का फैसला लिया।
Q: AFSPA के दायरे में मणिपुर के कौन-कौन से जिले हैं?
A: मणिपुर के इम्फाल पश्चिम जिले के सेकमई और लमसांग, इम्फाल पूर्व जिले के लाम्लाई, जिरिबाम, कांगपोकपी जिले के लेइमाखोंग, और बिष्णुपुर जिले के मोइरंग थाना क्षेत्रों में AFSPA लागू किया गया है। राज्य के बाकी 13 क्षेत्र अभी AFSPA के दायरे से बाहर हैं।
Q: मणिपुर की मौजूद ा हिंसा की स्थिति क्या है?
A: मणिपुर में हाल ही में जिरिबाम में सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के बीच एनकाउंटर हुआ, जिसमें 10 कुकी उग्रवादियों को मार गिराया गया। इसके बाद जिरिबाम के ही जैरवान गाम में एक तीन बच्चों की मां की निर्मम हत्या कर दी गई। साथ ही 17 से ज्यादा घरों को आग के हवाले कर दिया।