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National Herald Case: नेशनल हेराल्ड एजेएल द्वारा प्रकाशित किया जाता है और इसका स्वामित्व यंग इंडियन (वाईआई) प्राइवेट लिमिटेड के पास है। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास YI के  कुल 76% शेयर हैं। ईडी एजेएल और वाईआई से जुड़े लेनदेन में अनियमितताओं के आरोपों की जांच कर रही है।

National Herald Case: नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस की मुश्किलें खत्म नहीं हो रही हैं। मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत एक निर्णायक प्राधिकारी ने बुधवार 10 अप्रैल को एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) और यंग इंडिया (YI) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कुर्की की कार्रवाई को जायज ठहराया है। ईडी ने 2023 नवंबर में कांग्रेस द्वारा संचालित नेशनल हेराल्ड अखबार और संबंधित फर्मों की लगभग 752 करोड़ की संपत्ति को कुर्क किया था। प्राधिकरण ने इन प्रॉपर्टी को अपराध की आय बताया है।

दरअसल, नियम है कि पीएमएलए के तहत एक निर्णायक प्राधिकारी 180 दिनों के भीतर यह निर्धारित करता है कि ईडी द्वारा कुर्क की गई संपत्तियां मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं या नहीं। प्राधिकरण ने यह भी कहा कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड अपनी बेगुनाही का सबूत भी नहीं दे सके। 

अपराध की कमाई से बनाई संपत्ति
प्राधिकरण ने अपने आदेश में कहा कि शिकायत, प्रतिवादियों के लिखित जवाब और मौखिक दलीलों पर विचार करने के बाद पाया गया कि चल और अचल संपत्ति अस्थायी रूप से (20 नवंबर, 2023 को) कुर्क की गई। प्रतिवादी (एजेएल और वाईआई) पीएमएलए की धारा 2(1)(U) के संदर्भ में अपराध से अर्जित धन हैं और इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं।

आदेश में यह भी कहा गया कि ईडी ने अपराध की आय और कुर्क की गई संपत्तियों के बीच संबंध स्थापित करने के लिए पर्याप्त सबूत रखे हैं। 

सोनिया-राहुल के पास 76 फीसदी शेयर
नेशनल हेराल्ड एजेएल द्वारा प्रकाशित किया जाता है और इसका स्वामित्व यंग इंडियन (वाईआई) प्राइवेट लिमिटेड के पास है। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास YI के  कुल 76% शेयर हैं। ईडी एजेएल और वाईआई से जुड़े लेनदेन में अनियमितताओं के आरोपों की जांच कर रही है।

पिछले साल 20 नवंबर को ईडी ने अस्थायी रूप से 751.9 करोड़ (661 करोड़ की अचल संपत्ति और 90 करोड़ के शेयर) से अधिक की संपत्ति कुर्क की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि एजेएल की सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्तियों का नियंत्रण देने के लिए एक आपराधिक साजिश रची गई थी। वाईआई के लाभकारी स्वामी सोनिया गांधी और राहुल गांधी हैं।

निर्णायक प्राधिकारी के समक्ष कार्यवाही के दौरान एजेएल और वाईआई ने तर्क दिया कि ईडी की कार्रवाई दुर्भावनापूर्ण और मनमाने ढंग से थी। कांग्रेस ने आरोपों से इनकार किया है और मामले को डायन-हंट बताया है।

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