NEET Controversy: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नीट (NEET) परीक्षा में हुई अनियमितताओं पर सख्ती दिखाते हुए कहा है कि एनटीए (NTA) में बड़े सुधार की जरूरत है और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि अगर अनियमितताा में एनटीए के बड़े अधिकारी भी दोषी पाए जाते हैं तो भी उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि एनटीए में बहुत सुधार की जरूरत है। सरकार इस बात को लेकर बेहद चिंतित है। दोषी पाए जाने वाले शख्स को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी। 

अनियमितताओं का हो चुका है खुलासा
मंत्री ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 1,563 अभ्यर्थियों की दोबारा परीक्षा का आदेश दिया गया है। धर्मेंद्र प्रधान ने छात्रों और अभिभावकों को भरोसा दिलाया कि उनकी चिंताओं का निष्पक्ष ढंग से समाधान किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्र NEET स्टूडेंट्स के हितों की रक्षा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। बता दें कि नीट परीक्षा में देश में कई जगहों पर अनियमितता होने की बात सामने आई है। 

NEET-UG 2024 की परीक्षा के खिलाफ प्रदर्शन
नीट-यूजी 2024 परीक्षा 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और इसमें करीब 24 लाख उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था। परिणाम 14 जून को घोषित होने की उम्मीद थी, लेकिन आंसर शीट का मूल्यांकन पहले पूरा हो जाने के कारण 4 जून को घोषित किए गए। इसके बाद कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए और सात उच्च न्यायालयों और सुप्रीम कोर्ट में मामले दर्ज कराए गए। कथित अनियमितताओं की जांच की मांग को लेकर 10 जून को  दिल्ली में कई छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया।

टॉप रैंक को लेकर भी है विवाद
67 छात्रों ने 720 अंक प्राप्त किए, जो एनटीए के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। हरियाणा के फरीदाबाद के एक केंद्र से छह छात्रों का नाम लिस्ट में शामिल था, जिससे अनियमितताओं का संदेह पैदा हुआ।  इसके बाद आरोप लगाया गया कि ग्रेस मार्क्स के कारण 67 छात्रों को टॉप रैंक हासिल हुआ। 

ग्रेस मार्क्स मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था आदेश
13 जून को NEET-UG 2024 में ग्रेस मार्क्स देने को चुनौती देने वाली याचिका पर जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ सुनवाई की। कोर्ट ने 5 मई को हुई परीक्षा के दौरान समय की हानि यानि कि लॉस ऑफ टाइम के कारण 1,563 उम्मीदवारों को फिर से परीक्षा देने का विकल्प देने की केंद्र सरकार की सिफारिश को स्वीकार कर लिया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि एनटीए की काउंसलिंग नहीं रोकी जाएगी और री-एग्जाम भी नहीं होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) को 23 जून को री-एग्जाम आयोजित करने की अनुमति दी है। जो छात्र री-एग्जाम  देना चाहेंगे, उनके पुराने स्कोरकार्ड रद्द कर दिए जाएंगे। वहीं, जो छात्र री-एग्जाम  नहीं देना चाहते, उनके पुराने स्कोरकार्ड (ग्रेस मार्क्स के बिना) को मान्य माना जाएगा।

NTA का क्या है काम?
एनटीए परीक्षा कराने वाली सरकारी एजेंसी है, जो देशभर में सरकारी और निजी संस्थानों से संबंधित एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नीट-यूजी परीक्षा आयोजित करता है। सुप्रीम कोर्ट का यह कदम परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।