NEET UG paper leak CBI investigation: केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने नीट-यूजी परीक्षा 2024 (NEET UG Exam 2024) पेपर लीक मामले की जांच शुरू कर दी है। सीबीआई ने रविवार (23 जून) को FIR दर्ज की और व्यापक जांच के लिए सभी राज्यों में दर्ज केस टेकओवर किए। बिहार के नवादा में सीबीआई टीम पर ग्रामीणों के हमले की खबर है। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए CBI को जांच का जिम्मा सौंपा है।
उधर, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI-M) ने नीट-यूजी पेपर लीक, यूजीसी-नेट और नीट-पीजी परीक्षा को अनिश्चितकाल के स्थगित करने पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का इस्तीफा मांगा है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने 5 मई, 2024 को पेन और पेपर मोड में नीट (यूजी) आयोजित की थी। इसका रिजल्ट 4 जून को आया।
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सीपीआई-एम ने शिक्षा मंत्री प्रधान का इस्तीफा मांगा
पोलित ब्यूरो ऑफ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI-M) महासचिव प्रकाश करात ने नीट-यूजी पेपर लीक, यूजीसी-नेट और नीट-पीजी परीक्षा को अनिश्चितकाल के स्थगित करने की निंदा की। उन्होंने कहा कि देश में हायर एजुकेशन सिस्टम धवस्त हो चुका है, जिसमें साफ तौर पर सरकार की नाकामी नजर आती है। इसके लिए देश के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को इस्तीफा देना चाहिए।
सीबीआई ने दर्ज की FIR
शिक्षा मंत्रालय ने क्या कहा?
शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार देर रात कहा कि NEET UG कथित पेपर लीक की जांच CBI को सौंप दी गई है। शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम परीक्षाओं की शुचिता बनाए रखनें और स्टूडेंट्स के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। गड़बड़ी में शामिल पाए जाने वाले किसी भी शख्स या संगठन के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।
एनटीए के महानिदेशक को हटाया गया
सरकार ने इस बीच NTA के महानिदेशक सुबोध सिंह को हटा दिया है। इसके साथ ही परीक्षा में सुधार के लिए एक हाई लेवल कमेटी गठित की है। इसकी अगुवाई पूर्व ISRO प्रमुख के राधाकृष्णन करेंगे। सात सदस्यीय पैनल में पूर्व एम्स प्रमुख समेत देश के अलग अलग प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। यह कमेटी दो महीने में शिक्षा मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपेगी।
सरकार ने की नए कानून की घोषणा
केंद्र सरकार ने सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों को रोकने के लिए सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 भी लागू किया है। शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार परीक्षाओं की शुचिता सुनिश्चित करने और छात्रों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। अनियमितताओं में संलिप्त पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति या संगठन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नीट-यूजी परीक्षा को लेकर विवाद
नीट-यूजी परीक्षा 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और इसमें करीब 24 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे। परीक्षा परिणाम 14 जून को घोषित होने थे, लेकिन यह परिणाम 4 जून को घोषित कर दिए गए थे। इसके बाद समय से पहले नतीजे घोषित करने पर सवाल उठने लगे। साथ ही एक साथ कई लोगों के शत प्रतिशत अंक मिलने और ग्रेस मार्क्स देने में गड़बड़ी होने के आरोप लगने शुरू हो गए।
अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं पर भी पड़ा असर
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी एहतियाती उपाय के तहत नीट-पीजी प्रवेश परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की है। इसके अलावा, संयुक्त वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद और यूजीसी-नेट परीक्षा को भी स्थगित कर दिया गया है। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि परीक्षाओं में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। पेपर लीक मामले में संलिप्त किसी भी व्यक्ति या संगठन को बख्शा नहीं जाएगा।