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Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी 3.0 के पहले बजट में किसानों के लिए बड़ा ऐलान कर सकती हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि की राशि बढ़ने की उम्मीद है। उम्मीद है कि सरकार एग्रीकल्चर सेक्टर के विकास के लिए कोई कदम उठा सकती है। 

Budget 2024: आम बजट को लेकर जनता के साथ किसानों को भी बड़ी उम्मीद है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी 3.0 के पहले बजट में किसानों के लिए बड़ा ऐलान कर सकती हैं। किसानों की आय बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि की राशि को बढ़ाया जा सकता है। बजट विशेषज्ञों का कहना है कि पीएम किसान योजना के तहत सालाना किस्‍त की रकम 6000 से बढ़ाकर 8000 रुपए तक की जा सकती है। यह राशि चार किस्‍त में किसानों को दी जा सकती है। आर्थिक सर्वे के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में कृषि ऋण का आंकड़ा 23 लाख करोड़ के पार पहुंच गया। उम्मीद है कि सरकार एग्रीकल्चर सेक्टर के विकास के लिए कोई कदम उठा सकती है। 

PM कुसुम योजना की सब्सिडी में बढ़ोतरी की उम्मीद 
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना के तहत सरकार किसानों को 75 फीसदी सब्सिडी पर सोलर पंप दे रही है। पीएम कुसुम योजना छोटे किसानों के लिए वरदान साबित हुई है। किसानों को फसल पकाने के लिए अब महंगा डीजल नहीं फूंकना पड़ता है। सरकार पीएम-कुसुम योजना के तहत लगे सोलर सिस्टम के लिए कृषि के अलावा घरेलू इस्तेमाल करने की इजाजत भी दे सकती है। साथ ही इस योजना के तहत सब्सिडी राशि में बढोतरी की उम्‍मीद भी की जा सकती है। 

सस्ती दरों पर लोन उपलब्ध कराना 
एक्सपर्ट के मुताबिक, सरकार की प्राथमिकता किसानों को सस्ती दरों पर पर्याप्त लोन उपलब्ध कराना है। इसके लिए लगातार उपाय किए जा रहे हैं। आर्थिक समीक्षा के ब्योरे के अनुसार 31 जनवरी 2024 तक कृषि के लिए 22.84 लाख करोड़ का ऋण दिया गया। इसमें 13.67 लाख करोड़ अल्पकालिक ऋण और 9.17 लाख करोड़ सावधि ऋण हैं। किसानों को क्रेडिट कार्ड के तहत प्रतिवर्ष सात प्रतिशत की ब्याज दर पर तीन लाख रुपए तक ऋण दिया जाता है। इसमें तीन प्रतिशत की ब्याज छूट भी है।

क्रेडिट कार्ड ने किसानों को बनाया सहज 
किसान क्रेडिट कार्ड ने कृषि ऋण को सहज बना दिया है। इस वर्ष 31 जनवरी तक बैंकों ने 9.4 लाख करोड़ की सीमा के साथ 7.5 करोड़ केसीसी जारी किए हैं। साथ ही मत्स्य पालन एवं पशुपालन गतिविधियों की कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए केसीसी का दायरा बढ़ाया है। बिना गारंटी के ऋण सीमा को बढ़ाकर 1.6 लाख कर दिया है। पिछले वित्त वर्ष में मत्स्य पालन के लिए 3.49 लाख केसीसी और पशुपालन के लिए 34.5 लाख केसीसी जारी किए गए हैं।

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