Nitin Gadkari PM post claim: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के प्रधानमंत्री पद पर दिए गए बयान ने देश की राजनीति में हलचल मचा दी है। हाल ही में गडकरी ने खुलासा किया है कि उन्हें प्रधानमंत्री पद की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया। इस बयान पर विपक्ष के नेता RJD के मनोज झा ने कहा है कि बीजेपी में अंदर मतभेद बढ़ रहे हैं। झा ने कहा कि भाजपा को इस बार बहुमत मिलने में दिक्कत हो सकती है, और वह सहयोगी दलों पर निर्भर होगी।

गडकरी ने ठुकराया प्रधानमंत्री पद का प्रस्ताव
गडकरी ने दावा किया कि उन्हें एक वरिष्ठ नेता ने प्रधानमंत्री पद की पेशकश की थी, जिसे उन्होंने मना कर दिया। गडकरी ने बताया, "प्रधानमंत्री बनना मेरे जीवन का उद्देश्य नहीं है। मैं अपने उसूलों और संगठन के प्रति वफादार हूं।" उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत उनकी निष्ठा है, जो उन्हें किसी पद के लिए समझौता करने से रोकती है।

शिवसेना ने गडकरी पर साधा निशाना
गडकरी के इस बयान पर शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि गडकरी का यह बयान विपक्ष के लिए नहीं बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के लिए संदेश है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि विपक्षी दलों के पास योग्य नेता हैं, और उन्हें बीजेपी से किसी नेता की जरूरत नहीं। उन्होंने गडकरी के बयान को 'संदेश भेजने का प्रयास' बताया।

भाजपा में चल रही पोजिशन की लड़ाई'
RJD नेता मनोज झा ने गडकरी के इस बयान के बाद कहा कि भाजपा में 'पोजिशन की लड़ाई' चल रही है। झा ने कहा कि भाजपा को इस बार लोकसभा में बहुमत नहीं मिल सकता है, और इस कारण अंदरूनी संघर्ष बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में इसका परिणाम सबके सामने आएगा। यह संघर्ष सत्ता के शीर्ष पद को लेकर है, और इसकी बानगी जल्द ही देखने को मिलेगी।

भाजपा के नेताओं के बीच सत्ता की दौड़
गडकरी के बयान पर विपक्षी दलों की नजरें टिकी हैं। उन्हें लगता है कि गडकरी का यह बयान भाजपा में असंतोष को उजागर करता है। RJD नेता ने कहा कि यह भाजपा के नेताओं के बीच सत्ता की दौड़ का हिस्सा है, और इसका असर चुनाव के परिणामों पर भी पड़ सकता है। आरजेडी नेता ने कहा कि इससे साफ पता चला है भाजपा अंदर से कमजोर हो रही है। 

भाजपा के भीतर असंतोष के संकेत
गडकरी के बयान के बाद भाजपा में अंदरूनी तौर पर असंतोष होने के संकेत मिल रहे हैं। हालांकि, भाजपा ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। लेकिन राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि गडकरी जैसे वरिष्ठ नेता का इस तरह का बयान से भाजपा के अंदरूनी हालात साफ जाहिर हो रहे हैं। अब देखना यह होगा कि इस बयान का क्या असर होता है।