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Office Timing: केंद्र सरकार ने एक सर्कुलर जारी कर देशभर के कर्मचारियों को आधार-इनेबल्ड बायोमेट्रिक सिस्टम का इस्तेमाल करके अपनी अटेंडेंस दर्ज करने का निर्देश दिया है।

Office Timing: केंद्र सरकार ने ऑफिस आने में लेटलतीफी करने वाले कर्मचारियों के लिए नई चेतावनी जारी की है। केंद्र ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी कर देशभर में अपने कर्मचारियों को सुबह 9.15 बजे से पहले ऑफिस पहुंचने का निर्देश दिया है, जिसमें 15 मिनट की ग्रेस पीरियड (छूट अवधि) भी शामिल है। बता दें कि केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों में सुबह 9 बजे से शाम 5:30 बजे तक काम होता है।

बायोमेट्रिक सिस्टम के जरिए लगानी होगी अटेंडेंस
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने रिपोर्ट में बताया है कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने जारी सर्कुलर में कर्मचारियों को सुबह 9.15 बजे तक अपने वर्क प्लेस पर पहुंचने और आधार-इनेबल्ड बायोमेट्रिक सिस्टम के जरिए अटेंडेंस लगाने का निर्देश दिया है। साथ ही चेतावनी दी गई है कि अगर स्टाफ मेंबर सुबह 9.15 बजे तक ऑफिस नहीं आते हैं तो उनकी आधे दिन की आकस्मिक छुट्टी (CL) कटेगी।

लेटकमर्स की आदतों को गंभीरता से लिया जाए
सर्कुलर के मुताबिक, आदतन देर से आने और ड्यूटी से जल्दी भागने वालों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और ऐसा करने के लिए उन्हें हतोत्साहित किया जाना चाहिए। इसके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जा सकती है। कोविड-19 महामारी के चलते बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई थी। बायोमेट्रिक सर्विस का दोबारा इस्तेमाल शुरू करने का आदेश पहली बार 2022 में जारी हुआ था।

छुट्टियों को लेकर पहले से सूचित करें कर्मचारी
रिपोर्ट के मुताबिक, सर्कुलर में कर्मचारियों से कहा गया है कि अगर वे किसी दिन ऑफिस नहीं आ सकते हैं तो उन्हें पहले से इसके बारे में बताना होगा, साथ ही इसके लिए आकस्मिक छुट्टी का आवेदन करना होगा। एक आला अफसर कहते हैं कि उनके पास काम करने का कोई निश्चित टाइम नहीं है, क्योंकि वे शाम 7 बजे के बाद चले जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बढ़ते डिजिटलीकरण ने उन्हें कई फाइलें इलेक्ट्रॉनिक तौर पर उपलब्ध कराई हैं, जिससे उन्हें घर से काम करने का भी मौका मिलता है।

वर्किंग कल्चर पर कोविड-19 महामारी का असर पड़ा
कोविड-19 महामारी ने पारंपरिक सोच से अलग हटकर वर्किंग कल्चर को नया रूप दिया है। सरकारी और प्राइवेट दोनों क्षेत्रों के कर्मचारियों का तर्क है कि लॉकडाउन के दौरान वर्क फ्रॉम होम (घर से काम करने) कल्चर ने वास्तव में उनकी प्रोडक्टिविटी के लेवल को बढ़ाया। जबकि कई कंपनियां कर्मचारियों को रिमोट लोकेशन से काम करने की छूट दे रही हैं तो अन्य लोग ऑफिस में कर्मचारियों की मौजूदगी की वकालत करती हैं।

टीसीएस समेत कुछ आईटी कंपनियों ने दिखाई सख्ती
हाल ही में, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज जैसी कुछ आईटी कंपनियों ने ज्यादा रेगुलर अटेंडेंस को बढ़ाने के लिए ऑफिस में मौजूदगी को वेरिएबल सैलरी इन्सेंटिव से जोड़ दिया है। इस बीच, कॉग्निजेंट ने मई में सुर्खियां बटोरीं जब उसने कर्मचारियों को ऑफिस अटेंडेंट नियमों का पालन नहीं करने पर संभावित बर्खास्तगी की चेतावनी दी थी। यह निर्देश कॉग्निजेंट द्वारा फरवरी में अपने कर्मचारियों को हफ्ते में तीन दिन ऑफिस से काम करने के लिए कहने के बाद आया है।

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