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Dussehra Celebration: आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने नागपुर मुख्यालय में शनिवार को शस्त्र-पूजन किया। 1925 में विजयादशमी के दिन ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना हुई थी।

Dussehra Celebration: विजयादशमी पर्व यानी दशहरा के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने नागपुर में शस्त्र-पूजन किया। उन्होंने अपने पारंपरिक भाषण में हिंदू समाज के संगठित होने की जरूरतों पर बल दिया। साथ ही बांग्लादेश में हिंदु समाज पर हमलों लेकर चिंता जताई। संघ प्रमुख ने कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दरिंदगी को अपराध और राजनीति का मिलाप बताया। देश के नागरिकों से अनुशासित और सादगीपूर्ण जीवनशैली अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हुए लोगों से 3 उपाय- पानी बचाओ, पेड़ लगाओ, सिंगल यूज प्लास्टिक हटाओ अपनाने की अपील की।

बता दें कि 1925 में आज, विजयादशमी के दिन ही संघ की स्थापना हुई थी और तब से लेकर हर साल नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में विशेष उत्सव मनाया जाता है। इस बार के विजयादशमी उत्सव में इसरो के पूर्व चेयरमैन और पद्म भूषण डॉ. के. राधाकृष्णन बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए।

भागवत के भाषण में देवी अहिल्या बाई, ऋषि दयानंद का जिक्र
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने विजयादशमी पर अपने पारंपरिक संबोधन में कहा- ''देश में देवी अहिल्या बाई होल्कर ने महिला सशक्तिकरण का उदाहरण पेश किया। आज उनकी 300वीं जन्म शताब्दी मनाई जा रही है। उन्होंने राजपाठ संभालते हुए धर्म-संस्कृति के संरक्षण के लिए देशभर में मंदिर और भगवान की मूर्तियों की स्थापना कराई। देवी होल्कर का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे ही स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म जयंती समारोह चल रहा है। उन्होंने आजादी के आंदोलन के दौरान भारत के पुनरोत्थान के लिए सत्यार्थ प्रकाश दिया। धर्म कैसा होना चाहिए, उसकी राह दिखाई। जन जागृति का महान प्रयास किया। आज देश को विरसा मुंडा जैसे व्यक्तित्व की आवश्यकता है।''

भारत की साख बढ़ी, दुनिया में योग एक फैशन बन गया
डॉ. भागवत ने कहा- ''आज दुनिया चिंतित है कि इजरायल और हमास के बीच युद्ध छिड़ने से कौन-कौन से संकट आएंगे। लेकिन अपना देश आगे बढ़ रहा है। जम्मू-कश्मीर के चुनाव भी शांतिपूर्ण ढंग से पूर्व हुए। दुनियाभर में भारत की साख बढ़ी है। दुनिया में भारतीय योग एक फैशन बनता जा रहा है, लेकिन लोग उसके योग शास्त्र को भी समझ रहे हैं। देश के युवा, किसान और जवान देश की प्रगति में योगदान दे रहे हैं। आज कुछ चुनौतियां भी हमारे सामने हैं। भारत आगे बढ़ रहा है तो कई शक्तियां ऐसी हैं कि वे अपने स्वार्थ के लिए शत्रुता की भावना से काम कर रही हैं। दुनिया में ऐसी नीति बन गई है, जो नहीं होनी चाहिए थी।''

बांग्लादेश में पहली बार हिंदु संगठित हुए, इसलिए बच पाए
डॉ. भागवत ने कहा- ''पिछले दिनों हमारे पड़ोस बांग्लादेश में क्या हुआ? हिंदु समाज पर अत्याचार हुआ, ऐसा नहीं होना चाहिए था। वहां हिंदु समाज के साथ क्या हुआ, लेकिन पहली बार वे संगठित हुए, इसलिए कुछ बचाव हो गया। दुर्बलों पर कट्टरों के हमलों का जवाब देना जरूरी है। हमें किसी से दुश्मनी नहीं करना, हमला नहीं करना, लेकिन संगठित होकर मजबूत होना है, दुर्बल नहीं रहना है। बांग्लादेश के साथ हमारा कोई बैर भाव नहीं, लेकिन पाकिस्तान कुछ ऐसा कर रहा है, जिससे उसका फायदा हो। डीफ फेक, कल्चरिज्म जैसे शब्द बढ़ रहे हैं। परंपरा से दुनिया में कोई भी समाज मजबूत होता है। उसको ध्वस्त करना ही इनका हथियार है। पहले संस्थाओं को कब्जे में लो, फिर विरोधी विचारों को फैलाना ये लंबे समय से चलता आया है।'' 

आरजी कर की घटना अपराध और राजनीति के मिलाप से हुई
डॉ. भागवत ने कहा- ''आज घरों में बच्चों को संस्कार दिए जाने की जरूरत है। वे मोबाइल में क्या देख रहे हैं, इसके लिए सरकारों को नियम-कायदे तैयार करने की आवश्यकता है। आज युवाओं में नशे का चलन बढ़ रहा है। कलकत्ता के आरजी कर हॉस्पिटल में जो हुआ, लज्जाजनक है। ये अपराध और राजनीति के मिलाप के कारण हुई। ऐसी घटना होने ही नहीं देनी है, इसके लिए तैयार करना है। पराई स्त्री माता समान है, इन मूल्यों की उपेक्षा न हो और मूल्यों की समझ बनी रहे। इसके लिए लिए हमें कार्य करना है। पूर्वोत्तर में कट्टरपंथ को उकसाकर माहौल खराब किया जा रहा है।''

आज दुर्बल और असंगठित रहना अपराध है: संघ प्रमुख भागवत 
डॉ. भागवत ने कहा- ''गणेश विसर्जन जुलूसों में पथराव गुंडागर्दी है। गुंडागर्दी किसी भी नहीं चलेगी। हमें कानून हाथ में नहीं लेना है, ये काम पुलिस-प्रशासन को करना है। लेकिन जब तक वे आएं तब तक अपने लोगों की रक्षा करनी है। हमें संगठित रहना है। दुर्बल और असंगठित रहना अपराध है। क्योंकि भगवान भी दुर्बलों की मदद नहीं करते हैं। हमें समाज को लेकर चलना है। किसी विशेष महापुरुष की जयंती एक जाति के लोग क्यों मनाएं, सभी को मिलकर मनाना चाहिए। हम अपने-अपने जाति वर्ग के लिए कुछ कर रहे हैं, ये अच्छी बात है, लेकिन समस्याओं को मिलकर ठीक करना है। ये भी सोचना चाहिए कि हम में दुर्बल जाति के लिए क्या करना चाहिए।''

पर्यावरण संरक्षण के लिए तीन उपाय अपनाएं: डॉ. भागवत
डॉ. भागवत ने कहा- ''आज पर्यावरण की स्थिति बदल रही है। हमारी जमीन और पानी दूषित हो गया। बीमारियां बढ़ रही हैं, जंगल कट गए, नदियां सूख गईं। इन सबसे निपटने के लिए पर्यावरण को संरक्षित करने वाली कई नीतियां हैं। हजारों सालों से प्राकृतिक खेती होती थी, लेकिन जब रासायनिक खेती शुरू हुई तो जमीन बंजर होती चली गई। हम अपने घर से तीन काम शुरू कर सकते हैं। पहला- पानी बचाओ, दूसरा- प्लास्टिक हटाओ, तीसरा- पेड़ लगाओ। घरों और कॉलोनियों की हरियाली बढ़ाओ। कई विदेशी पेड़ों देखने में अच्छे लगते हैं, लेकिन उन पर पंछी नहीं बैठते, हवा शुद्ध नहीं होती। ऐसे पेड हम क्यों लगाएं। नीम का पेड़ लगाओ।''

RSS Vijayadashami Celebration 2024
नागपुर में विजयादशमी पर संघ प्रमुख मोहन भागवत और मुख्य अतिथि के. राधाकृष्णन पथ संचलन में शामिल हुए।

नागरिक अनुशासन और नियमों के पालन की दी सीख
डॉ. भागवत ने कहा- ''समाज में मूल्यों के उन्नयन के लिए पहले घर का वातावरण सुधारना है। नई शिक्षा नीति में नैतिक मूल्यों को बढ़ाने के उपाय शामिल किए जाएं। जिस तरह से ओटीटी प्लेटफॉर्म पर कंटेंट आ रहा है, उसे नियंत्रित करने की जरूरत है। इससे सामाजिक मूल्यों का क्षरण हो रहा है। नागरिकों को नियमों का श्रद्धापूर्वक पालन करना चाहिए। रेडलाइट फॉलो करें, हेल्मेट लगाएं, बिल समय पर चुकाएं। जनसंघ के प्रमुख दीनदयाल जी से नियमों के पालन की सीख लें। परस्पर व्यवहार में नागरिक अनुशासन और नियम कानूनों का पालन मिलकर राष्ट्रीय चरित्र बनता है। इस आचरण की प्रेरणा है- स्वदेशी।''

हिंदु धर्म स्वाभिमान और हमें बल देता है: संघ प्रमुख
डॉ. भागवत ने कहा- ''हमारे पूर्वजों ने कुछ नियम बनाए कि हमें कैसे चलना है, वही धर्म है। यही धर्म हमारी प्रेरणा है। यह हमारा प्राण है और उसके लिए बलिदान हुए हैं। भारत वर्ष में धर्म की रक्षा के लिए युद्ध हुए हैं। हिंदु धर्म स्वाभिमान देता है और यही हमें बल देता है। स्वदेशी अपनाओ, जो देश में नहीं बनता, उसके बिना काम चलाओ। अपने घर के अंदर भाषा, भ्रमण (टूरिज्म) और भूषण (पहनावा) अपना होना चाहिए। भारत में विविधताएं हैं कोई कानून बनेगा तो यह सबको जचेगा, ऐसा नहीं है, विरोध भी होगा लेकिन किसी ने किया तो इसके लिए पूरे वर्ग को गलत मानना गलत है। क्रोध कितना भी हो असंयम से बचना चाहिए। स्वयं पर नियंत्रण जरूरी है।''

डॉ. मोहन भागवत की मौजूदगी में हुआ RSS का पथ संचलन
नागपुर के रेशिमबाग स्थित मैदान पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विजयदशमी उत्सव के अवसर पर सरसंघचालक डॉ. भागवत की मौजूदगी में पथ संचलन हुआ। मुख्य अतिथि डॉ. के. राधाकृष्णन ने कहा- आज संघ के स्थापना दिवस समारोह में शामिल होकर खुशी हुई। भारतीय स्पेस टेक्नोलॉजी से समाज को दुनियाभर में वैभव प्राप्त हुआ। विजयादशमी उत्सव में इसरो के पूर्व चेयरमैन किसान पुत्र के. सिवन भी मौजूद रहे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी समारोह के लिए नागपुर पहुंचे। समारोह में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को भी शामिल होना था, लेकिन ट्रेन एक्सीडेंट के कारण वे तमिलनाडु रवाना हो गए।

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