Air Force War Exercise:भारतीय वायुसेना  (Indian Air Force) ने शनिवार को सुदर्शन एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली (S-400 Air Defence System) के साथ  युद्ध अभ्यास (War Exercise) किया। वॉर एक्सरसाइज के दौरान एस-400 ने दुश्मन के 80% लड़ाकू विमानों को मार गिराया। इस दौरान बाकी के लड़ाकू विमानों को पीछे हटना पड़ा और उन्हें मिशन को छोड़ना पड़ा।

थियेटर लेवल युद्ध अभ्यास किया गया
वायुसेना ने शनिवार को थियेटर लेवल युद्ध अभ्यास किया। इसमें एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की एक स्क्वाड्रन तैनात की गई। इस युद्धाभ्यास में राफेल (Rafale), सुखोई (Sukhoi) और मिग लड़ाकू विमान  (MiG Fighter Jets) दुश्मन की भूमिका में नजर आए थे। एस-400 ने अपने सभी टारगेट्स को लॉक (Target Lock) कर लगभग 80% विमानों को सटीकता से निशाना बनाया। इसका उद्देश्य एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की क्षमताओं को टेस्ट करना था। 

कैसे इस डिफेंस सिस्टम को दिया गया है नाम
रूस से आयातित एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम 400 किलोमीटर दूर से ही अपने टारगेट की पहचान सकती है। इसके साथ ही टारगेट को आइडेंटिफाई करने के बाद काउंटर अटैक करने में भी सक्षम है। इस सिस्टम को वायुसेना प्रमुख वी.आर. चौधरी ने 'सुदर्शन' (Sudarshan) नाम दिया है। इस (Long Range Missile) डिफेंस सिस्टम को सुदर्शन नाम भगवान श्रीकृष्ण के मुख्य हथियार सुदर्शन चक्र से प्रेरित हो कर दिया गया है।  

भारत ने रूस से खरीदा है एस-400 सिस्टम
एस- 400 को खरीदने के लिए भारत और रूस (India-Russia Deal) के बीच 2018 में 35 हजार करोड़ रुपए का सौदा हुआ था। दोनों देशों के बीच एस- 400 के पांच स्क्वाड्रन खरीदने के लिए समझौते हुए थे। इनमें से तीन स्क्वाड्रन भारत पहुंच चुके हैं। इन सिस्ट्मस को चीन और पाकिस्तान सीमा पर तैनात किया गया है। शेष दो स्क्वाड्रन 2026 तक भारत पहुंचेंगे।  रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण इसमें देरी हो रही है। सेना का मानना है कि एस-400 उसके लिए गेम चेंजर साबित होगा। 

वायुसेना को मिले हैं कई आधुनिक हथियार
भारतीय वायुसेना को हाल ही में स्वदेशी एमआर-एसएएम (MR-SAM), आकाश मिसाइल सिस्टम (Akash Missile System) और इजरायली स्पाइडर क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम मिला है। रक्षा परिषद ने हाल ही में प्रोजेक्ट कुशा (Project Kusha) के तहत लॉन्ग रेंज सरफेस एयर मिसाइल सिस्टम की खरीद को मंजूरी दी है।  

क्या है एस-400 सिस्टम की खासियतें:

  • एस-400 एक वायु रक्षा प्रणाली (Air Defense System) है जो हवाई हमलों को रोकने में सक्षम है। यह दुश्मन देशों के मिसाइल, ड्रोन, रॉकेट लॉन्चर और लड़ाकू विमानों के हमलों को रोकने में प्रभावी है। इसे रूस के अल्माज सेंट्रल डिजाइन ब्यूरो  (Almaz Central Design Bureau) ने बनाया है और यह दुनिया की सबसे आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम्स में से एक है।
  • एस-400 की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे सड़क मार्ग से कहीं भी ले जाया जा सकता है। इसमें 92एन6ई (92N6E Radar) इलेक्ट्रॉनिकली स्टीयर्ड फेज्ड ऐरो रडार है जो लगभग 600 किलोमीटर दूर से कई टारगेट्स की पहचान कर सकता है। यह सिस्टम  5 से 10 मिनट के भीतर ऑपरेशन के लिए तैयार हो जाता है। एक यूनिट से 160 चीजों को ट्रैक किया जा सकता है। इसकी मदद  से एक ही समय में एक टारगेट पर दो मिसाइलें दागी जा सकती हैं।