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बाबा साहेब ने आजादी के बाद देश में औद्योगिक स्थिति की स्थिति जानी और सरकार को सुझाव दिए। आरबीआई की स्थापना एवं देश में आईटीआई केंद्रों की शुरुआत कराने में उनका योगदान अतुलनीय है। 

Dr Bhimrao Ambedkar Facts: भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को हम सभी संविधान निर्माता के तौर जानते हैं। क्या आपको पता है कि देश के आर्थिक विकास और नीति निर्माण में उनका क्या योगदान रहा है। बाबा साहेब ने वंचित एवं पिछड़े समुदाय को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कई सुझाव दिए। टाटा जैसी कंपनियों ने उन्हें आमंत्रित किया और उन्होंने मजदूरों के लिए कल्याणकारी योजनाएं तैयार कीं। बाबा साहेब ने आजादी के बाद देश में औद्योगिक स्थिति की स्थिति जानी और सरकार को सुझाव दिए। आरबीआई की स्थापना एवं देश में आईटीआई केंद्रों की शुरुआत कराने में उनका योगदान अतुलनीय है। 

मऊ: बाबा साहेब की जन्म स्थली
डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के मऊ शहर में हुआ था। वे अपने 14 भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। हमेशा समाज में हासिए पर रहे दलित और पिछड़े समुदाय के लिए कार्य करने पर उन्हें दलितों का मसीहा भी कहा जाने लगा। उनका निधन 65 साल की उम्र में 6 दिसंबर 1965 को दिल्ली में हुआ। उनकी पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

Bharat Ratna Dr Bhimrao Ambedkar
अपने परिवार के साथ डॉ. भीमराव अंबेडकर।

आइए जानते हैं डॉ. अंबेडकर से जुड़े फैक्ट

1. दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज ने माना लोहा:
- ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के ग्लोबल सर्वे ''द मेकर ऑफ द यूनिवर्स'' के अंतर्गत पिछले 10 हजार साल में 100 सर्वश्रेष्ठ मानवतावादी हस्तियों की सूची तैयार की गई। इसमें डॉ. अंबेडकर को चौथे स्थान पर रखा गया।

2. अर्थशास्त्र में पीएचडी करने विदेश गए:  
- बाबा साहेब इकलौते भारतीय थे, जिन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में टॉप किया। विदेश में अर्थशास्त्र से डॉक्टोरेट की उपाधि लेने वाले पहले भारतीय। इसके अलावा 2 बार पीएचडी करने वाले दक्षिण एशिया के पहले व्यक्ति थे। 

3. रिज़र्व बैंक आयोग के अध्यक्ष:  
- 1935 में डॉ. अंबेडकर को भारतीय रिज़र्व बैंक आयोग के अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त किया गया। उन्होंने आरबीआई की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

4. भारतीय उद्योग की स्थिति बताई: 
- 1916 में डॉ. अंबेडकर भारतीय औद्योगिक आयोग के सदस्य बने। उन्हें भारतीय उद्योग की हालत जानने के लिए नियुक्त किया गया था। 

5. कपड़ा अनुसंधान केंद्रों की स्थापना: 
- बाबा साहेब ने देश में कपड़ा उद्योग के विकास के लिए सिफारिशें कीं, जिनमें कपड़ा अनुसंधान केंद्रों की स्थापना और आधुनिक मशीनरी का उपयोग शामिल था।

6. देश में बांधों का निर्माण: 
- बाबा साहेब का देशभर में बने कई बांधों के निर्माण में अहम योगदान रहा है। उन्होंने ओडिशा के हीराकुंड बांध का डिजाइन तैयार किया था।

7. स्वास्थ्य मंत्रालय स्थापना की सिफारिश की:
- देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुधार लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने संविधान सभा में स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष के रूप में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली बनाने पर बल दिया।

8. एम्स की स्थापना में योगदान: 
- डॉ. अंबेडकर ने दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना में भूमिका निभाई।

9. देश में आईटीआई सेंटर्स की नींव रखी:    
- 1942 में बाबा साहेब ने व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) की स्थापना की। वे 1948 के औद्योगिक नीति प्रस्ताव की रूपरेखा में शामिल रहे।

10. बिज़नेस इनिसिएटिव:
- डॉ. अंबेडकर ने देश में उद्यमिता को बढ़ावा देने और दलितों को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए "अनुसूचित जाति महासंघ" और "पीपुल्स एजुकेशन सोसाइटी" की स्थापना की। 

11. किफायती आवास निर्माण का पक्ष रखा:
- बाबा साहेब ने समाज के गरीबों और वंचित वर्गों के लिए किफायती आवास तैयार करने का पक्ष रखा। आवास विकास के प्रति उनके दृष्टिकोण के लिए महाराष्ट्र आवास और क्षेत्र विकास प्राधिकरण बेहतर उदाहरण हैं। 

12. टाटा के श्रमिकों के लिए कल्याणकारी कार्य:  
- 1937 में डॉ. अंबेडकर को टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (टिस्को) बोर्ड के श्रमिक सदस्य नियुक्त किए गए। उन्होंने टिस्को के विकास और इसके श्रमिकों के कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कंपनी और कर्मचारियों के बीच लाभ के बंटवारे की योजना शुरू की। 

13. समाचार पत्र का प्रकाशन: 
- 1920 में बाबा साहेब ने "मूकनायक" समाचार पत्र की स्थापना की। इस अखबार ने दलित समुदाय को सशक्त बनाने और प्रचलित सामाजिक मानदंडों को चुनौती देने में अहम भूमिका निभाई।

14. बहिष्कृत हितकारिणी सभा की शुरुआत: 
- 1924 में डॉ. अंबेडकर ने "बहिष्कृत हितकारिणी सभा" की स्थापना की। जिसका उद्देश्य समाज के सामाजिक रूप से हासिए पर रहने वाले वर्गों को शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कानूनी सहायता देकर उनका उत्थान करना था।

15. इंडिपेंडेंट लॉ प्रेक्टिस: 
- डॉ. अंबेडकर ने वंचित एवं पिछले समुदायों को न्याय दिलाने में महती भूमिका निभाई।

16. ड्राफ्टिंग ऑफ द इंडस्ट्रियल रेवोल्यूशन:
- बाबा साहेब 1948 के औद्योगिक नीति प्रस्ताव की रूपरेखा में शामिल थे। जिसने मौजूदा औद्योगिक ढांचे के आधुनिकीकरण के महत्व पर जोर दिया। इस नीति से बड़े पैमाने पर उद्योगों को प्रोत्साहन मिला। महंगाई भत्ता (DA), अवकाश का लाभ, वेतन वृद्धि लागू कराने में अहम भूमिका।

17. वंचित समूह को उद्यमी बनने के लिए प्रोत्साहन:  
- डॉ. अम्बेडकर मानते थे कि उद्यमिता से सामाजिक परिवर्तन लाने और पिछड़े समुदायों का उत्थान होगा। उन्होंने वंचित समूहों के लोगों को उद्यमी बनने के लिए प्रोत्साहित किया।

18. एक्सेस टू फाइनेंस एंड क्रेडिट: 
- बाबा साहेब ने देश में सहकारी बैंकों एवं क्रेडिट समितियों की स्थापना की वकालत की।

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