Who is Champai Soren: बुधवार का दिन झारखंड के लिए सियासी उथल पुथल से भरा रहा। जमीन घोटाले में ईडी की जांच की वजह झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस्तीफा देना पड़ा और इसके ठीक बाद उनकी गिरफ्तारी भी हो गई। तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच शाम तक एक शख्स का नाम लाइम लाइट में आ गया। ये शख्स हैं झारखंड में सरकार बनाने का दावा पेश करने वाले जेएमएएम विधायक चंपई सोरेन। चंपई सोरेन अब झारखंड के नए मुख्यमंत्री बनेंगे। आईए जानते हैं इनके बारे में कुछ खास बातें
चंपई को चुना गया विधायक दल का नेता
झारखंड की राजनीति में चंपई सोरेन झारखंड टाइगर के नाम से मशहूर हैं। चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया है। चंपई सोरेन इससे पहले हेमंत सोरेन कैबिनेट में मंत्री के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं। इसके साथ ही भाजपा सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। चंपई झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के उपाध्यक्ष भी हैं। चंपई सोरेन को बुधवार देर शाम विधायक चुन लिया गया। इसके तुरंत बाद चंपई ने राज्यपाल को 43 विधायकों का समर्थन पत्र सौंप दिया।
कई बार मंत्री के पद पर रह चुके हैं
अर्जुन मुंडा के मुख्यमंत्री रहने के दौरान चंपई सोरेन को कैबिनेट मिनिस्टर बनाया गया था। इस दौरान वह सितंबर 2010 से जनवरी 2013 तक मंत्री रहे। इसके बाद अर्जुन मुंडा की सरकार गिर गई और राष्ट्रपति शासन लग लग गया। प्रदेश में हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली सरकार आने पर चंपई सोरेन को दो विभाग दिए गए। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और परिवहन मंत्री जैसे अहम विभागों की जिम्मेदारी दी गई। साल 2019 में हेमंत सोरेन की सरकार दोबारा बनने पर चंपई को एससी, एसटी एवं पिछ़डा वर्ग कल्याण मंत्रह और परिवहन मंत्री बनाया गया।
चंपई सोरेन एक सामान्य पृष्ठभूमि से आते हैं
चंपई सोरेन सरायकेला-खरसावां जिले के जिलिंगगोड़ा गांव के रहने वाले हैं। किसान सिमल सोरेन के घर जन्मे चंपई चार भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। अपनी साधारण शुरुआत और कम उम्र में शादी के बावजूद, चंपई ने 10वीं कक्षा तक एक सरकारी स्कूल में शिक्षा प्राप्त की। चंपई के चार बेटे और तीन बेटियों हैं। बिहार से झारखंड को अलग राज्य बनाने के लिए हुए आंदालने में सक्रियता से शामिल रहे हैं। साथ ही उन्हें हेमंत सोरेन के पिता शीबू सोरेन का भी करीबी माना जाता है।
चंपई सोरेन का राजनीतिक सफर
अलग झारखंड के आंदोलन के दौरान चंपई सोरेन 'झारखंड टाइगर' के रूप में मशहूर हुए। सरायकेला विनसभा सीट से उपचुनाव में एक स्वतंत्र विधायक के रूप में राजनीति की शुरुआत की। इसके बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) में शामिल हो गए। चंपई साल दर साल राजनीतिक सीढ़ियां चढ़ते रहे और पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हेमंत सोरेन के इस्तीफे और विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद चंपई सोरेन का मुख्यमंत्रर बनने का रास्ता साफ हो चुका है।