Dussehra 2024: रामचरितमानस में भगवान राम और रावण की लड़ाई के बारे में वर्णन किया गया है। राम ने रावण को मारने से पहले मां दुर्गा की आराधना की थी। मां दुर्गा की आराधना करने के बाद दशहरे के दिन रावण का वध किया था। रावण के वध के दौरान राम जी ने न जाने कई तीर चलाए थे, लेकिन कई तीर रावण को मारने में असफल रहे।
जब राम जी ने एक तीर रावण की नाभी पर मारा तो उसी वक्त रावण की मृत्यु हो गई। हर किसी के मन में इस बात को लेकर संशय रहता है कि आखिर राम जी ने रावण का वध करने के लिए कितने तीर चलाएं होंगे। तो आज इस खबर में बताएंगे कि रावण को मारने में भगवान श्री राम ने कितने तीर चलाएं थे। आइए विस्तार से जानते हैं।
कितने बाण से हुई थी रावण की मौत
रामचरितमानस के अनुसार, भगवान श्री राम ने रावण को मारने के लिए 31 बाण चलाए थे, जिसमें से एक बाण रावण के नाभि पर लगा था। बाकी के 10 बाण उसके सिर को अलग-अलग किया था और 20 बाण से उसके हाथ धड़ से अलग हुए थे।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान श्री राम जी रावण का वध कर रहे थे और रावण का धड़ शरीर से अलग पृथ्वी पर गिर रहा था उस समय पूरी पृथ्वी डगमगाने लगी थी। रामचरितमानस के अनुसार, भगवान श्री राम जी ने लंकापति रावण का वध करने के लिए दिव्य ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया था। यह बाण सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा जी ने रावण को दिया था। जब बजरंग बली लंका गए थे, उसी समय रावण के इस अस्त्र को लेकर आ गए थे।
जब रावण ने अपने ही भाई विभीषण को लंका से बाहर निकाल दिया था, तो विभीषण भगवान राम के शरण में आ गए थे। युध के दौरान विभीषण ने भगवान श्री राम को यह राज बताया था कि रावण का प्राण नाभि में हैं वाहा वाण मारिए तब भगवान श्री राम ने रावण के नाभि पर अस्त्र चलाकर उसका अंत किए। उसके बाद भगवान श्री राम ने लंका का राजा विभीषण को बना दिया।
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