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Karwa chauth: करवा चौथ में लंबे समय बाद इस बार गजकेसरी और बुधात्यदित्य योग बन रहा है। इसकी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त रविवार, 20 अक्टूबर को शाम 5.46 बजे से 7.02 बजे तक है। सुहागिन महिलाएं पति के स्वास्थ्य, सुखी जीवन के लिए व्रत करती हैं।

karwa chauth: करवा चौथ का पर्व महिलाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। इस बार महिलाएं गजकेसरी और बुधात्यदित्य योग में करवा चौथ पूजा करेंगी। यह व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति के स्वास्थ्य, सुखी जीवन और लंबी आयु की कामना के लिए करती हैं। पूरे दिन निर्जला उपवास रखने के बाद शाम को वह चंद्रमा को अर्घ्य देकर पारण करती हैं। 

karwa chauth का पूजा मुहूर्त
पंडितों के अनुसार, करवा चौथ पर कई साल बाद गजकेसरी और बुधात्यदित्य योग का महासंयोग बन रहा है। यह प्रतीक है प्यार और सौभाग्य का पर्व है। करवा चौथ के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5.46 बजे से लेकर 7.02 बजे तक रहेगा। करवा चौथ के दिन चंद्रोदय का समय शाम 7.54 बजे रहेगा। इसके बाद आप चंद्र दर्शन करके अपने व्रत का पारण कर सकती हैं।

karwa chauth 2024
थालियों को सजाकर प्री-करवा चौथ मनाती महिलाएं।

करवा चौथ व्रत की तिथि  
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को हर साल करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है। इस साल कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 20 अक्तूबर 2024 को सुबह 6:46 बजे से होगा और यह अगले दिन 21 अक्तूबर 2024 को सुबह 4:16 बजे समाप्त होगी। 

क्यों खाई जाती है सरगी  
करवा चौथ व्रत निराहार और निर्जला रखा जाता है। ऐसे में घर की बड़ी महिलाएं आशीर्वाद के तौर पर व्रती महिलाओं को व्रत शुरू करने से पहले सेहतमंद भोजन करवाती हैं, ताकि व्रत के दौरान उन्हें किसी तरह की कठिनाई का सामना न करना पड़े। सरगी की रस्म में सास अपनी बहु को फल, मिठाइयां, मेवे, खीर और कम तली भुनी चीजें खिलाती है। इसे सास का बहु के लिए आशीर्वाद माना जाता है। जिन व्रतियों की सास नहीं हैं वह अपनी जेठानी या अपने से बड़ी महिलाओं से सरगी ले सकतीं हैं।

karwa chauth 2024
karwa chauth 2024

करवा चौथ का व्रत का महत्व
करवाचौथ के व्रत को लेकर मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव के लिए यह व्रत किया था। देवताओं का राक्षसों से युद्ध चल रहा था तो उस समय सभी राक्षस देवताओं पर भारी पड़ रहे थे। सभी देवी ब्रह्मदेव के पास पहुंचे और उन्हें सारी बात बताई। कहा, वह अपनी पतियों की रक्षा के लिए क्या कर सकती हैं। तब ब्रह्मदेव ने उन्हें करवा चौथ का व्रत रखने का सुझाव दिया। ब्रह्मदेव के बताए अनुसार, सभी महिलाओं ने करवा चौथ का व्रत रखा जिस वजह से देवताओं की रक्षा हो सकी। तभी से करवा चौथ का व्रत रखने की परंपरा चली आ रही है।

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बाजारों में रही भीड़ 
करवा चौथ को लेकर शनिवार को बाजारों में महिलाओं को अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली। महिलाएं चूड़ी, मेहंदी व ब्यूटी पार्लर की दुकानों पर घंटों बैठकर इंतजार करती देखी गई। तो वहीं न्यू मार्केट, पुराने भोपाल एमपी नगर बैरागढ़ सहित अन्य जगहों पर करवा आदि पूजन सामग्री की काफी संख्या में महिलाएं खरीदारी करने पहुच रही हैं।

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