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शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के अष्टोत्तरशतनामावली का जाप करने से जीवन की सारी परेशानियां खत्म हो जाती हैं। तो आइए माता के अष्टोत्तरशतनामावली नामों के बारे में जानते हैं।

Shardiya Navratri Maa Durga 108 Names: नवरात्रि का पावन पर्व 3 अक्टूबर से शुरू होगा। नवरात्रि के पावन पर्व में माता के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि जो लोग माता के नौ स्वरूपों की पूजा विधि-विधान से करते हैं उन पर मां दुर्गा प्रसन्न रहती हैं। नवरात्रि के दिनों में लोग अपने-अपने घरों में माता की चौकी लगाते हैं और कलश स्थापना भी करते हैं। मान्यता है कि जो लोग माता की सच्चे मन से आराधना करते हैं, उन पर मां की कृपा हमेशा बनी रहती है। इसलिए नवरात्रि के दिनों में माता की विधिवत पूजा करनी चाहिए।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां दुर्गा, भगवान शिव की पत्नी पार्वती जी का ही स्वरूप हैं। ऐसे में लोग माता को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं, लेकिन कई लोग पूजा-पाठ में कुछ गलती कर बैठते हैं। ऐसे में आपको माता के नवरात्रि के दिनों में 108 नामों का जाप करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से मां प्रसन्न हो जाती हैं। यदि आप भी माता के 108 नामों का जाप करते हैं तो घर में सुख-समृद्धि और सफलता आती है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि मां दुर्गा के 108 नाम कौन-कौन से हैं।

मां दुर्गा की अष्टोत्तरशतनामावली का करें पाठ

सती, साध्वी, भवप्रीता, भवानी, भवमोचनी, आर्या, दुर्गा, जया, आद्या, त्रिनेत्रा, शूलधारिणी, पिनाकधारिणी, चित्रा, चंद्रघंटा, महातपा, मन, बुद्धि, अहंकारा, चित्तरूपा, चिता, चिति, सर्वमंत्रमयी, सत्ता, सत्यानंदस्वरुपिणी, अनंता, भाविनी, भव्या, अभव्या, सदागति, शाम्भवी, देवमाता, चिंता, रत्नप्रिया, सर्वविद्या, दक्षकन्या, दक्षयज्ञविनाशिनी, अपर्णा, अनेकवर्णा, पाटला, पाटलावती, पट्टाम्बरपरिधाना, कलमंजरीरंजिनी, अमेयविक्रमा, क्रूरा, सुंदरी, सुरसुंदरी, वनदुर्गा, मातंगी, मतंगमुनिपूजिता, ब्राह्मी, माहेश्वरी, ऐंद्री, कौमारी, वैष्णवी, चामुंडा, वाराही, लक्ष्मी, पुरुषाकृति, विमला, उत्कर्षिनी, ज्ञाना, क्रिया, नित्या, बुद्धिदा, बहुला, बहुलप्रिया, सर्ववाहनवाहना, निशुंभशुंभहननी, महिषासुरमर्दिनी, मधुकैटभहंत्री, चंडमुंडविनाशिनी, सर्वसुरविनाशा, सर्वदानवघातिनी, सर्वशास्त्रमयी, सत्या, सर्वास्त्रधारिणी, अनेकशस्त्रहस्ता, अनेकास्त्रधारिणी, कुमारी, एककन्या, कैशोरी, युवती, यति, अप्रौढ़ा, प्रौढ़ा, वृद्धमाता, बलप्रदा, महोदरी, मुक्तकेशी, घोररूपा, महाबला, अग्निज्वाला, रौद्रमुखी, कालरात्रि, तपस्विनी, नारायणी, भद्रकाली, विष्णुमाया, जलोदरी, शिवदुती, कराली, अनंता, परमेश्वरी, कात्यायनी, सावित्री, प्रत्यक्षा और ब्रह्मावादिनी।

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डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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