(रुचि राजपूत)

Bans se bani Agarbatti Jalayen ya Nahi : हिंदू धर्म में देवी देवता की पूजा के लिए सुबह और शाम का समय निर्धारित किया गया है। इस दौरान धूप-दीप जलाने का विधान सदियों पुराना है, लेकिन बहुत से लोग ऐसे हैं जो अपने घर में भगवान के समक्ष बांस से बनी अगरबत्ती जलाते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार बांस से बनी अगरबत्ती जलाना आपके जीवन में कई तरह की समस्या उत्पन्न कर सकती है। पौराणिक हिन्दू मान्यताओं के अनुसार बांस या बांस से बनी किसी प्रकार की चीज़ों को पूजा या अनुष्ठानों में प्रयोग वर्जित माना गया है। हिन्दू धार्मिक शास्त्रों की पूजा विधि में कही भी अगरबत्ती जलाने का उल्लेख नहीं मिलता है। इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं हरदा के रहने वाले पंडित एवं ज्योतिषी धर्मेंद्र दुबे।

1. बांस से बनती है अर्थी
धार्मिक मान्यता के अनुसार बांस का इस्तेमाल अर्थी बनाने में किया जाता है। लेकिन दाह संस्कार में बांस को नहीं जलाया जाता इसलिए बांस से बनी अगरबत्ती को पूजा में जलाना अशुभ माना जाता है।

2. बांस की होती है पूजा
हिन्दू मान्यताओं में शादी, जनेऊ, मुंडन आदि में बांस की पूजा की जाती है। शादियों में बांस से मंडप बनाया और सजाया जाता है। इसलिए पूजा विधियों में बांस से बनी अगरबत्ती जलाना निषेध माना जाता है।
 
3. हो सकता है भाग्य और वंश का नाश
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार बांस को जलाने से भाग्य और वंश का नाश हो सकता है। मान्यताओं में बांस को भाग्य को बढ़ाने वाला और वंश वृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसलिए हिन्दू धर्म में बांस से बनी अगरबत्ती को जलाना वर्जित माना जाता है। 
  
4. बांस से बनी होती है बांसुरी
ये भी कहा जाता है कि भगवान कृष्ण बांस से बनी बांसुरी को धारण करते हैं। इसलिए बांस और बांस से बनी अगरबत्ती जलाना सही नहीं होता है।

5. वैज्ञानिक तर्क
वैज्ञानिक दृश्टिकोण से बांस में भारी मात्रा में लेड और हेवी मेटल पाया जाता है। जिसे जलाने से लेड ऑक्साइड बनता है, अगर हम घर पर बांस से बनी अगरबत्ती जलाएंगे तो ये हानिकारक तत्व धुंए के रूप में हमारी सांस में जाने का खतरा रहता है और हमारी सेहत पर असर डाल सकता है।