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नए साल में आप कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं तो प्रयागराज के संगम को चुन सकते हैं। यह ऐसी जगह है जहां करोड़ो श्रद्धालु पवित्र संगम में डुबकी लगाते हैं। एक जनवरी 2024 से माघ मेला शुरू हो रहा है।

Sangam snan: संगम पर स्नान करना हिंदू धर्म के रीति रिवाज में बहुत पवित्र माना जाता है। उत्तरप्रदेश में प्रयागराज एक ऐसी जगह है जहां गंगा यमुना और सरस्वती का मिलन होता है। प्रयागराज में हर साल माघ मेला लगता है।  यहां 6 साल में अर्ध कुंभ तो वहीं प्रत्येक 12 वर्ष पर महाकुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में इतने श्रध्दालु एकत्र होते हैं कि प्रयागराज में सबसे बड़ी भीड़ दर्ज की जाती है। संगम स्नान के लिए देश ही नही विदेशों से भी भक्त डुबकी लगाने भक्तगण आते हैं।

नए साल में आप कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं तो प्रयागराज के संगम को चुन सकते हैं। यह ऐसी जगह है जहां करोड़ो श्रद्धालु पवित्र संगम में डुबकी लगाते हैं। एक जनवरी 2024 से माघ मेला शुरू हो रहा है। जनवरी महीने में कई त्यौहार को संगम में मनाया जाएगा। जिसमें मकर संक्रांति का मेला 14 और 15 जनवरी को निर्धारित है।

मौनी अमावस्या
प्रयागराज में संगम पर होने वाले स्नान में सबसे पवित्र स्नान मौनी अमावस्या का माना जाता है। इस दिन देश विदेश से करोड़ों लोग आकर संगम में डुबकी लगाकर अपनी मन्नत मांगते हैं। मौनी अमावस्या का स्नान अबकी बार 21 जनवरी को पड़ेगा। स्नान करने का समय सुबह 4:00 बजे से ही शुरू हो जाएगा। पहला स्नान नागा साधु करते हैं। इसके बाद से ही सभी धर्म प्रेमियों के लिए खोला जाता है। नागा साधु के स्नान के लिए अलग से घाट का भी निर्माण कराया जाता है।

शिवरात्रि स्नान
संगम में महाशिवरात्रि का स्नान भी प्रमुख स्नान होता है। साल 2024 में 5 फरवरी को मां की पूर्णिमा और 18 फरवरी को महाशिवरात्रि का स्नान है। यह स्नान माघ मेले का अंतिम स्नान भी है। 

महाकुंभ 
महाकुंभ का मेला 12 वर्ष में लगाया जाता है। 2025 में संगम पर महाकुंभ लगने वाला है। 2024 में ही कुंभ मेला महाकुंभ का ट्रायल किया जाएगा। 1 साल पहले ही महाकुंभ के पूरी तैयारी की व्यबस्था कर ली गई है।

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