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भगवान शिव ने नंदी महाराज को एक आशीर्वाद दिया था कि कोई भी व्यक्ति अगर उनके कानों में अपनी मनोकामना बोलता है तो उसकी मनोकामना जल्द ही पूर्ण होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि भगवान शिव अपने अधिक समय तक तपस्या में लीन रहते हैं।

(कीर्ति राजपूत)

Nandi Ke Kaan Me Kaise Kahen Manokamna : हिंदू धर्म के लोग जब भी मंदिर जाते हैं तो अपनी हर मनोकामना को अपने भगवान के सामने रखते हैं। लेकिन जब भी हम भगवान शिव के मंदिर में जाते हैं तो उनके सबसे प्रिय नंदी के कान में अपनी मनोकामना कहते हैं। हर मंदिर में नंदी भगवान शिव की मूर्ति के ठीक सामने विराजमान होते हैं। कभी कोई नंदी के दाएं कान में अपनी मनोकामना बोलता है तो कोई बाएं कान में, लेकिन क्या आप जानते हैं नंदी के किस कान में मनोकामना कही जाती है? अगर नहीं तो ये आर्टिकल आपके बहुत काम का है। भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा बता रहे हैं नंदी के कान में अपनी इच्छा कहने का सही तरीका।

मनोकामना बोलने का सही तरीका

1. हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि जब भी आप अपनी मनोकामना नंदी के कानों में कहें, उससे पहले आप नंदी महाराज की पूजा अवश्य करें। उनके सामने दीप जलाएं और उनको भोग अवश्य लगाएं।

2. कोई भी मनोकामना बोलने से  पहले नंदी के कानों में सबसे पहले "ऊं" का उच्चारण करना चाहिए। जिससे आपकी कही गई हर मनोकामना भगवान शिव के पास चली जाए।

3. अपनी मनोकामना को नंदी के हमेशा बाएं कान में ही बोलना चाहिए।

4. जब भी आप नंदी के कानों में अपनी मनोकामना बोलते हैं उससे पहले हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि उनके दाहिने कान को अपने हाथों से बंद कर लें। अर्थात आप अपनी मनोकामना बोलें उस समय उनके दूसरे कान पर कोई और व्यक्ति अपनी मनोकामना ना बोल रहा हो।

5. अपने एक हाथ को अपने मुंह को ढंक कर ही अपनी मनोकामना बोलना चाहिए। जिस वजह से कोई दूसरा व्यक्ति आपकी मनोकामना को ना तो सुन पाए और ना ही आपके होठों को पढ़ पाए।

6. अपनी मनोकामना नंदी महाराज के कान में बोलने के बाद किसी को भी अपनी मनोकामना ना बताएं।

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