Harbhajan Singh on Spin Friendly Pitches in India: पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने भारतीय टीम मैनेजमेंट पर टेस्ट मैच ढाई दिन में खत्म करने के लिए स्पिन गेंदबाजों की मुफीद पिच तैयार करने का आरोप लगाया। हरभजन ने कहा कि इससे उल्टा भारतीय बल्लेबाजों का आत्मविश्वास डगमगा गया है। 

पिछले चार-पांच सालों में किसी भी घरेलू टेस्ट सीरीज के शुरू होने से पहले भारत में पिच को लेकर काफी चर्चा हुई। पिच सख्त है या ढीली? क्या इसमें रफ पैच हैं? क्या पहले दिन से ही गेंद घूमेगी? हाल ही में जब ऑस्ट्रेलिय़ा और इंग्लैंड की टीम भारत दौरे पर आई थी, तब भी पिच को लेकर काफी सवाल उठे थे। 

पिछले कुछ सालों में भारत का रुख घरेलू टेस्ट मैचों को लेकर बिल्कुल साफ रहा है। भारत अपनी ताकत के हिसाब से घर में टेस्ट खेलना चाहता है। पहले दिन से ही स्पिनरों के लिए मददगार पिच बनाने से जीत मिली है और घरेलू मैदान पर भारत की लगातार 17 सीरीज जीतने में पिच ने अहम भूमिका निभाई है, लेकिन इसके नुकसान भी हैं। सबसे बड़ी कमी उनके बल्लेबाजों का खराब फॉर्म है। बीते कुछ सालों में स्पिन गेंदबाजों की मुफीद विकेट पर भारतीय बल्लेबाज भी रन बनाने में संघर्ष करते नजर आए हैं। ये बात सिर्फ टेस्ट नहीं, बल्कि वनडे में भी नजर आ रही। हाल ही में श्रीलंका के खिलाफ विराट कोहली और रोहित शर्मा की मौजूदगी के बावजूद भारत वनडे सीरीज हार गया था। 

स्पिन फ्रेंडली पिच को लेकर भज्जी का गुस्सा फूटा
इसे लेकर ही हरभजन सिंह ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। हरभजन ने कहा, "हमने ऐसी पिचों पर खेलना शुरू कर दिया है जो बहुत ज़्यादा टर्न लेती हैं। हम जीतना चाहते थे और हमने जीत भी हासिल की, लेकिन हम ढाई दिन में जीतना चाहते थे। मुझे लगता है कि अगर हमने सामान्य पिचें बनाई होतीं जो तीसरे और चौथे दिन से ही टर्न लेने लगतीं, तो भी हम जीत जाते, लेकिन बल्लेबाजों को जमने का समय मिल जाता। और हम स्पिनरों के खिलाफ़ अपने बल्लेबाजों की समस्याओं पर चर्चा नहीं कर रहे होते। हमने अपने बल्लेबाजों का आत्मविश्वास कम कर दिया क्योंकि ऐसी पिचों पर कोई भी (सस्ते में) आउट हो जाता है।"

इस पूर्व ऑफ स्पिनर ने आगे कहा, "हमारे पास अभी भी मौका है (इसे सुधारने का)। अगर हम अच्छी पिचों पर अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो मुझे नहीं लगता कि कोई भी भारत को हरा सकता है। भारत के पास जो तेज़ गेंदबाज़ हैं, जो स्पिन अटैक है, वे आपको 3 दिन नहीं तो 5वें दिन ज़रूर टेस्ट जिता देंगे। लेकिन अगर आप अच्छी पिचों पर खेलते हैं, तो बल्लेबाज़ रन बनाएंगे और जब वे रन बनाएंगे, तो उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा। इसलिए मुझे नहीं लगता कि हमारे बल्लेबाज़ स्पिन खेलना भूल गए हैं, लेकिन (पिछले कुछ सालों में) परिस्थितियाँ ऐसी हो गई हैं कि ऐसा करना लगभग असंभव हो गया है।"