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Mohammed Shami comeback: मोहम्मद शमी ने रणजी ट्रॉफी के जरिए करीब 1 साल बाद प्रोफेशनल क्रिकेट में वापसी कर ली। हालांकि, रिहैब के दौरान उन्हें अपने कमबैक को लेकर संदेह था। जानिए कैसे शमी ने इसे दूर किया।

Mohammed Shami comeback: मोहम्मद शमी ने करीब 1 साल बाद रणजी ट्रॉफी के जरिए कॉम्पिटिटिव क्रिकेट में वापसी की। बंगाल की तरफ से खेलते हुए शमी ने मध्य प्रदेश के खिलाफ 4 विकेट झटके। इसके साथ ही शमी ने भारतीय टेस्ट टीम में वापसी का दावा ठोक दिया। बीसीसीआई ने शमी का 58 सेकेंड का एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें ये साफ नजर आ रहा है कि भारतीय टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में शमी की कमी कितनी खली थी। 

17 गेंद की इस वीडियो क्लिप में शमी की कसी हुई गेंदबाजी का नमूना देखा जा सकता है। उन्होंने मध्य प्रदेश की गेंदबाजों को अपनी सीम गेंदबाजी से काफी परेशान किया। इस बीच शमी के बचपन के कोच मोहम्मद बदरुद्दीन ने खुलासा किया है कि रिहैब के दौरान शमी को अपनी वापसी को लेकर संदेह था। उन्होंने अपनी फिटनेस जांचने के लिए देसी तरीका अपनाया था। 

शमी पूरी तरह तैयार हैं: कोच
मोहम्मद शमी के बचपन के कोच मोहम्मद बदरुद्दीन ने एक इंटरव्यू में कहा, "मैंने उनकी गेंदबाजी क्लिप देखी और ऐसा नहीं लगा कि वह एक साल बाद गेंदबाजी कर रहे हैं। आप कलाकार से उसकी कला नहीं छीन सकते। उसने इस पल का बहुत धैर्यपूर्वक इंतजार किया है।

शमी एडिलेड टेस्ट के बाद ऑस्ट्रेलिया जा सकते हैं
शमी को भारत की 18 सदस्यीय बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी टीम में शामिल नहीं किया गया था, लेकिन बदरुद्दीन को उम्मीद है कि उनका शागिर्द सीरीज के लिए किसी समय ऑस्ट्रेलिया जाएगा। उन्होंने कहा, "वह एडिलेड (दूसरे) टेस्ट के बाद भारतीय टीम से जुड़ेगा। अब जब वह वापस आ गया है, अपनी फिटनेस साबित कर चुका है, विकेट हासिल कर चुका है तो वो दौरे के दूसरे हिस्से में टीम इंडिया के लिए अहम होगा।"

फिटनेस जांचने के लिए देसी तरीका अपनाया
कोच मोहम्मद बदरुद्दीन ने मोहम्मद शमी की फिटनेस को लेकर कहा, 'वह पुराने खयालों वाले इंसान हैं और 100 फीसदी फिट होने के बाद ही कमबैक करना चाहते थे। वह उन खिलाड़ियों में से नहीं हैं जो खुद की चोट छुपाकर वापसी करे और दोबारा चोटिल हो जाए। वह तब तक वापसी नहीं करेंगे जब तक पूरे दमखम और लय में गेंदबाजी नहीं करने लगे। इसलिए शमी ने रिहैब के दौरान नेशनल क्रिकेट एकेडमी से खेलने की मंजूरी मिलने के बावजूद खुद की फिटनेस को देसी तरीके से जांचा। इसके लिए उन्होंने अलीनगर में मौजूद फार्महाउस के एक हिस्से में मिट्टी को गीला करके उसपर काफी दिनों तक दौड़ लगाई थी।'

बदरुद्दीन बताते हैं कि कैसे भारतीय तेज गेंदबाज ने रिहैब के दौरान असफलताओं के बाद खुद पर हो रहे संदेह को दूर किया। उन्होंने बताया, 'घुटने की सर्जरी के बाद शमी जल्दी वापस आ गए थे। इस बार, उम्र के कारण रिहैब में ज्यादा समय लगा। इस बार वो चिड़चिड़े भी हो गए थे। कई बार मायूस भी हुए। शमी ने न्यूजीलैंड सीरीज में वापसी का लक्ष्य बनाया था। शमी को खुद पर ही संदेह होने लगा था, जो मैंने पहले कभी नहीं देखा था। वह अपने भविष्य पर सवाल उठाने लगे थे। जब आप इतना समय मैदान से बाहर रहते हैं तो यह एक सामान्य बात है।'

बदरुद्दीन के मुताबिक रणजी ट्रॉफी में 19 ओवर गेंदबाजी और फील्डिंग के साथ उन्होंने अपनी फिटनेस भी साबित कर दी है। अब वो 23 नवंबर से सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी हिस्सा लेने का सोच रहे। 

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