Gautam Gambhir Coach Interview: टीम इंडिया का अगला हेड कोच कौन होगा? इस पर से जल्द पर्दा उठ जाएगा। गौतम गंभीर इस रेस में सबसे आगे चल रहे हैं। बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति ने गंभीर का इंटरव्यू लिया। उनके अलावा WC Raman से भी समिति के प्रमुख अशोक मल्होत्रा ने जूम कॉल पर बाद की। दोनों से करीब 40 मिनट सीएसी ने बात की और दोनों की टीम इंडिया को लेकर सोच समझी। 

बीसीसीआई के एक सूत्र ने बताया,हां, गंभीर क्रिकेट सलाहकार समिति के सामने इंटरव्यू के लिए उपस्थित हुए थे। मंगलवार को एक दौर की बातचीत हो चुकी है और आज (बुधवार) को भी एक दौर की चर्चा संभव है। इसके बाद बीसीसीआई टीम इंडिया के हेड कोच का ऐलान करेगी। 

गंभीर और WV Raman का इंटरव्यू हुआ
सूत्र ने आगे बताया, "गंभीर के बाद WV Raman को भी इंटरव्यू हुआ, वो पहले भारतीय महिला क्रिकेट टीम के कोच रह चुके हैं। उन्होंने भी टीम इंडिया के लिए भविष्य का रोडमैप बताया। ये इंटरव्यू करीब 40 मिनट चला।" समिति ने इंटरव्यू के बाद प्रजेंटेशन भी देखा। गंभीर का दावा सबसे मजबूत है और अगले एक-दो दिन में उनके नाम का ऐलान हो जाएगा। 

गंभीर से तीन अहम सवाल पूछे गए
गंभीर से पहला सवाल टीम के कोचिंग स्टाफ को लेकर पूछा गया। क्योंकि अभी तक जितने भी कोच रहे हैं, वो अपना कोचिंग स्टाफ टीम से जोड़ते हैं। गंभीर ने एक अच्छी तरह से तैयार कोचिंग स्टाफ के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण के लिए विशेष कोच लाने का प्रस्ताव रखा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रत्येक विभाग पर ध्यान केंद्रित किया जाए। उनका दृष्टिकोण पारंपरिक कोचिंग तकनीकों को आधुनिक विश्लेषण के साथ मिश्रित करना है, खिलाड़ी के प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए डेटा-संचालित रणनीतियों का इस्तेमाल करना है। 

गंभीर सिर्फ खेल के तकनीकी पहलुओं के आधार पर ही टीम को तैयार नहीं करना चाहते, बल्कि खिलाड़ियों के मेंटल हेल्थ पर भी जोर देना चाह रहे। जो आज के हाई प्रेशर क्रिकेट में जरूरी है। 

उम्रदराज खिलाड़ियों से कैसे डील करेंगे गंभीर?
दूसरा सवाल जो गंभीर से पूछा गया कि बल्लेबाजी और गेंदबाजी  में कुछ उम्रदराज खिलाड़ियों के साथ, आप बदलाव के दौर को कैसे संभालेंगे? गंभीर ने उम्रदराज खिलाड़ियों के योगदान को स्वीकार किया और अगली पीढ़ी को तैयार करने के महत्व पर जोर दिया। उनकी रणनीति में चरणबद्ध बदलाव शामिल है, जहां युवा प्रतिभाओं को अनुभवी खिलाड़ियों की देखरेख में धीरे-धीरे इंटरनेशनल क्रिकेट में उतारा जाएगा। इस संतुलित दृष्टिकोण का उद्देश्य टीम की स्थिरता और प्रदर्शन को बनाए रखना है, साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य के सितारे पर्याप्त रूप से तैयार हों। आईपीएल में गंभीर का अनुभव, जहां उन्होंने केकेआर का सफल प्रबंधन किया था। इस तरह के बदलावों को प्रभावी ढंग से संभालने की उनकी क्षमता को दर्शाता है।

गंभीर से स्प्लिट कैंप्टेसी, खिलाड़ियों की फिटनेस और आईसीसी ट्रॉफी में टीम इंडिया की नाकामी को लेकर सवाल हुए। गंभीर हमेशा से ही अलग-अलग फॉर्मेट के लिहाज से कप्तान के पक्षधर रहे हैं। उनका मानना है कि तीनों फॉर्मेट में एक ही कप्तान होने से उस पर ज्यादा दबाव होता है। उन्होंने इंटरव्यू के दौरान व्हाइट और रेड बॉल दोनों के लिए अलग-अलग कप्तान की हिमायत की है। इससे फॉर्मेट के लिहाज से खिलाड़ियों को चुनने और बेहतर रणनीति बनाने का मौका मिलेगा।