नई दिल्ली। मुंबई ने 42वीं बार रणजी ट्रॉफी जीतने का कारनामा किया। वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए फाइनल में मुंबई ने विदर्भ को 169 रन से मात दी। 538 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए विदर्भ की टीम आखिरी दिन 368 रन पर ऑल आउट हो गई। मुंबई की टीम पिछली बार 2016 में रणजी ट्रॉफी जीती थी। यानी 8 साल बाद उसने दोबारा खिताब जीता है।
रिकॉर्ड 42वीं बार रणजी ट्रॉफी जीतने पर मुंबई की टीम मालामाल हो जाएगी। मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने ये ऐलान किया कि रणजी ट्रॉफी जीतने पर मुंबई की क्रिकेट टीम को अतिरिक्त 5 करोड़ रुपये मिलेंगे।
मुंबई क्रिकेट टीम को अतिरिक्त 5 करोड़ मिलेंगे
एमसीए सचिव अजिंक्य नाइक ने कहा, "अध्यक्ष अमोल काले और एपेक्स काउंसिल ने रणजी ट्रॉफी पुरस्कार राशि को दोगुना करने का फैसला किया। एमसीए विजेता मुंबई रणजी ट्रॉफी टीम को पांच करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि का भुगतान करेगा। यह एमसीए के लिए बहुत अच्छा साल रहा है क्योंकि एसोसिएशन ने 7 खिताब जीते हैं और हमने बीसीसीआई टूर्नामेंट में सभी एज ग्रुप में टीम को नॉक आउट चरण में पहुंचाया है।"
मुंबई ने रिकॉर्ड 42वीं बार रणजी ट्रॉफी जीती
विदर्भ को रणजी ट्रॉफी फाइनल के आखिरी दिन 538 रन के टारगेट का पीछा करने के लिए 290 रन की जरूरत थी। मुंबई को सुबह के सेशन में विदर्भ के कप्तान अक्षय वाडकर और हर्ष दुबे के बीच छठे विकेट के लिए 130 रन की पार्टनरशिप की वजह से कोई विकेट नहीं मिला। लेकिन टी ब्रेक से पहले लगातार दो ओवर में पहले अक्षय और फिर हर्ष के आउट होने के बाद विदर्भ की पारी लड़खड़ा गई और पूरी टीम 368 रन पर ऑल आउट हो गई। तनुष कोटियन ने अक्षर वाडकर समेत कुल 4 विकटे झटके।
इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारत की तरफ से डेब्यू करने वाले सरफराज खान के छोटे भाई मुशीर ने फाइनल में दमदार बल्लेबाजी की। मुशीर ने दूसरी पारी में 136 रन ठोके थे। इसके बाद विदर्भ की दूसरी पारी में दो बल्लेबाजों को आउट किया था। उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। तुषार देशपांडे ने भी 2 विकेट लिए थे। इससे पहले मुंबई ने पहली पारी में 224 रन बनाए थे। इसके जवाब में विदर्भ की टीम पहली पारी में 105 रन पर ऑल आउट हो गई थी।