Paris Olmypics 2024: पेरिस ओलंपिक 2024 को शुरू होने में अब कुछ ही दिन का इंतजार बाकी है। भारतीय ओलंपिक दल में 117 खिलाड़ी शामिल है। इस बार ओलंपिक में रुस की तरफ से कुश्ती और निशानेबाजी में कोई खिलाड़ी नहीं है। ऐसे में भारतीय निशानेबाजों और पहलवानों के पास सुनहरा मौका है। रुसी खिलाड़ियों की गैर हाजिरी का पूरा फायदा उठाकर भारतीय खिलाड़ी निशानेबाजी और पहलवानी में भारत का झंडा गाड़ दें।
आपको बता दें कि रुस के निशानेबाजों ने टोक्यो ओलंपिक में 8 मैडल जीते थे। इनमें 2 गोल्ड, 4 सिल्वर और 2 ब्रॉन्ज शामिल हैं। दरअसल, पेरिस ओलंपिक में सिर्फ 6 खेलों में 16 रुसी खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। इन्हें भी अपने देश का फ्लैग दिखाने की अनुमति नहीं होगी। वह व्यक्तिगत रुप से ही खेल सकेंगे। वहीं, 3 साल पहले टोक्यो ओलंपिक में रुस के 335 खिलाड़ियों ने 30 खेलों में भाग लिया था।
गौरतलब है कि रुस ने साल 2022 में यूक्रेन पर हमला कर दिया था। इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी ने रुसी खिलाड़ियों पर कड़ी पात्रता शर्तें लगा दी थी। इनमें रुस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन के कार्यों का समर्थन नहीं करना। देश की सेना या सुरक्षा एजेंसियों से किसी तरह अनुबंधित नहीं होना है।
अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी (IOC) ने रूसी एथलीटों के एक समूह की जांच की और उन्हें मंजूरी दे दी, लेकिन सभी 10 पहलवानों सहित कई ने तटस्थ के रूप में भाग लेने से इनकार कर दिया। यदि पहलवानों ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया होता तो पहलवान किसी विशेष खेल में रूसी एथलीटों का सबसे बड़ा समूह बन गए होते। टेनिस में विंबलडन सेमीफाइनलिस्ट डेनियल मेदवेदेव सहित 7 खिलाड़ी रुस का प्रतिनिधित्व करेंगे। कैनोइंग और साइकलिंग में तीन-तीन, तैराकी, ट्रैम्पोलिनिंग और तायक्वोंडो में एक-एक खिलाड़ी शामिल हैं।
रुस के निशानेबाज सेना के साथ
रूस के निशानेबाज ओलंपिक में पोडियम पर हमेशा मौजूद रहे हैं। टोक्यो ओलंपिक में संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के साथ रुस ओलंपिक शूटिंग में सबसे सफल देश है। रूसी निशानेबाज 8 पदक - 2 स्वर्ण, 4 रजत और 2 कांस्य के साथ समग्र तालिका में तीसरे स्थान पर रहे। लेकिन प्रतिबंध के बाद निशानेबाजी में रुस की तरफ से कोई प्रतिनिधित्व नहीं करेगा।
टोक्यो में रूस के निशानेबाजों ने अपने सभी पदक राइफल और पिस्टल स्पर्धा में जीते। विटालिना बत्साराशकिना को 10 मीटर एयर पिस्टल और 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में गोल्डन डबल मिला। देश ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल, पुरुषों और महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3-पोजीशन और मिश्रित टीम स्पर्धाओं में पोडियम फिनिश हासिल की। संयोगवश, खेल में ओलंपिक पदक के सूखे को समाप्त करने की भारत की सबसे मजबूत संभावना इन्हीं आयोजनों में है, लेकिन अगर पिछली दो विश्व चैंपियनशिप के प्रदर्शन को देखा जाए तो यह इतना सीधा नहीं होगा, क्योंकि वहां रूसी अनुपस्थित थे। विश्व स्तर पर ओलंपिक स्पर्धाओं में भारत के निशानेबाजों का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। भारतीय खिलाड़ियों ने एशियाई खेलों में भी ऐसा ही प्रदर्शन दोहराया था।
57 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती के स्वर्ण पदक विजेता अनुपस्थित
एक अन्य प्रमुख अनुपस्थित व्यक्ति 57 किग्रा पुरुषों की फ्रीस्टाइल कुश्ती प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक विजेता ज़ावुर उगुएव होंगे। उन्होंने कांटे की टक्कर जैसे फाइनल में रवि दहिया को हराकर भारत को कुश्ती में पहला ओलंपिक स्वर्ण जीतने से वंचित कर दिया था। हालांकि इस बार रवि दहिया पेरिस ओलंपिक में भारतीय दल में नहीं हैं। वह होम चयन ट्रायल में हारकर बाहर हो गए। उनकी जगह अमन सहरावत 57 किग्रा पुरुषों की फ्रीस्टाइल कुश्ती में हाथ आजमाएंगे। 21 वर्षीय अमन को पोडियम फिनिश हासिल करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ेगी। उनके आधे ड्रा में जापान के पूर्व ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता री हिगुची और आर्मेनिया के विश्व कांस्य पदक विजेता आर्सेन हरुत्युनियन शामिल हैं।