नई दिल्ली। देर आए दुरुस्त आए...सरफराज खान को आखिरकार घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बनाने का इनाम मिल ही गया। केएल राहुल और श्रेयस अय्यर की गैरहाजिरी में मुंबई के इस बैटर ने इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट टेस्ट में डेब्यू किया। सरफराज ने अपने डेब्यू टेस्ट पारी में जिस तरह के धमाकेदार अंदाज में बल्लेबाजी की, उसने सबको उनका फैन बना लिया। सरफराज ने महज 48 गेंद में अपनी फिफ्टी पूरी की। वो भारत के लिए टेस्ट डेब्यू पर सबसे तेज अर्धशतक लगाने वाले संयुक्त रूप से दूसरे बैटर बने। 

सरफराज खान राजकोट टेस्ट के पहले दिन रोहित शर्मा के आउट होने पर बैटिंग के लिए उतरे थे। उनके टेस्ट डेब्यू के गवाह पिता नौशाद खान और उनकी बेगम भी बनीं थीं। जब सरफराज को अनिल कुंबले ने डेब्यू कैप सौंपी थी, उस वक्त भी पिता और पत्नी मैदान पर थे और सरफराज की इस खुशी में शरीक हुए। इस दौरान पिता और पत्नी दोनों भावुक हो गए थे और मैदान पर ही रोने लगे थे। सरफराज ने खुद पत्नी की आंखों से आंसू पोंछे थे। 

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सरफराज का खाता खुलते ही पत्नी-पिता ने बजाईं तालियां
ऐसे में जब उनकी बल्लेबाजी आई तो पत्नी और पिता स्टेडियम में ही बैठे थे। सरफराज खान को खाता खोलने के लिए पांच गेंद तक इंतजार करना पड़ा। उन्होंने छठी गेंद पर 3 रन लेकर इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना खाता खोला। जैसे ही उनके बल्ले से पहले रन निकले, स्टैंड्स में बैठे उनके पिता नौशाद खान और पत्नी भी खुशी से झूम उठे। इसकी तस्वीरें वायरल हो रही हैं। दोनों खड़े होकर तालियां बजाने लगे।

सरफराज ने इसके बाद तो इंग्लैंड के गेंदबाजों की जमकर क्लास ली। उन्होंने ताबड़तोड़ अंदाज में बल्लेबाजी की और मैदान के चारों तरफ शॉट्स खेले। 

रवींद्र जडेजा की गलती की वजह से सरफराज खान 66 गेंद में 62 रन की पारी खेलकर रन आउट हो गए। वो भले ही शतक से चूक गए। लेकिन, अपनी इस पारी से सबका दिल जीत लिया और ये साबित कर दिया कि वो लंबी रेस के घोड़े साबित हो सकते हैं और इंग्लैंड के बैजबॉल के अंदाज में खेल सकते हैं।