नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक का छठा दिन भारत के लिए ऐतिहासिक रहा। 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में स्वप्निल कुसाले ने ब्रॉन्ज मेडल जीत इतिहास रचा। स्वप्निल 12 साल से इंटरनेशनल इवेंट में हिस्सा ले रहे थे। लेकिन, 12 साल बाद पहली बार ओलंपिक में मौका मिला और डेब्यू पर ही उन्होंने राइफल इवेंट में पदक जीत देश का परचम बुलंद कर दिया। वो इस इवेंट में भारत के पहले पदकवीर हैं। इस जीत के बाद स्वप्निल ने राइफल शूटिंग में ओलंपिक पदक जीतने वाले गगन नारंग को थैंक्यू बोला। दरअसल, स्वप्निल लंबे वक्त से गगन नारंग से ही राइफल शूटिंग की बारीकियां सीख रहे हैं।
स्वप्निल कुसाले ने पदक जीतने के बाद कहा, "बहुत अच्छा लग रहा है। दिल में काफी भावनाएं भरी हुईं, फिलहाल उसे बाहर नहीं निकाल पा रहा। सभी फैंस और भारत को धन्यवाद। राइफल शूटिंग में 12 साल बाद मेडल आने को लेकर उन्होंने कहा, इवेंट के दौरान बस यही सोच रहा था कि देश के लिए कुछ हासिल करना है। ये अब संभव हुआ। बता दें कि इससे पहले 2012 के लंदन ओलंपिक में गगन नारंग ने राइफल इवेंट में भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
स्वप्निल के ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर गगन नारंग भी अपने आंसू नहीं रोक पाए थे। उन्होंने भी इस मेडल को भारत में राइफल शूटिंग के लिए अहम बताया। गगन के भावुक होने से जुड़े सवाल पर स्वप्निल ने कहा, गगन भैया सालों से मेरे साथ हैं। मैं उन्हें शूटिंग करते देख बड़ा हुआ हूं और उनसे सीखता रहा हूं। वो मेरे लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने मुझे गाइड किया था कि ओलंपिक में किस सोच के साथ उतरना है। किस रणनीति के तहत खेलना है। मैं उनका धन्यवाद करना चाहूंगा।
मैच के दौरान दिमाग में क्या चल रहा था, इस सवाल पर स्वप्निल ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मैंने स्कोरबोर्ड नहीं देखा।ये मेरी सालों की कड़ी मेहनत का नतीजा था, शूटिंग के दौरान मैंने यही बात ध्यान में रखी। मैं स्कोर की घोषणा सुन रहा था, लेकिन उसे अनदेखा कर रहा था। मैं बस यही चाहता था कि भारतीय समर्थक मेरा उत्साह बढ़ाते रहें। धड़कनें तेज़ हो गई थीं। मैंने बस अपनी सांसों को नियंत्रित करने की कोशिश की और कुछ अलग करने की कोशिश नहीं की। इस स्तर पर हर कोई कमोबेश एक जैसा ही होता है।"
पीएम नरेंद्र मोदी ने भी एक्स पर बधाई देते हुए लिखा, "स्वप्निल कुसाले का असाधारण प्रदर्शन! #ParisOlympics2024 में पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में कांस्य पदक जीतने के लिए उन्हें बधाई। उनकाप्रदर्शन खास है क्योंकि उन्होंने बेहतरीन लचीलापन और कौशल दिखाया है। वह पदक जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट भी हैं।"