Who Is Para Archer Sheetal Devi: पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत की तीरंदाज शीतल देवी ने इतिहास रच दिया। उन्होंने महिलाओं के व्यक्तिगत कंपाउंड इवेंट के क्वालिफिकेशन में 720 में से 703 पॉइंट हासिल कर विश्व रिकॉर्ड तोड़ने का कारनामा किया। 17 साल की शीतल का ये पैरालंपिक डेब्यू है।
शीतल देवी के 703 अंकों ने पिछले विश्व रिकॉर्ड 698 को पीछे छोड़ दिया, जो इस महीने की शुरुआत में ग्रेट ब्रिटेन की फोबे पाइन पैटरसन ने बनाया था। हालांकि, तुर्की की ओज़नूर गिर्डी क्योर ने 704 अंकों के साथ नया विश्व रिकॉर्ड बनाया, जिससे देवी दूसरे स्थान पर आ गईं। हालांकि, शीतल के लिए ये उपलब्धि भी किसी मायने में कम नहीं है।
फोकोमेलिया के साथ जन्मी शीतल ने अपने जीवन में आने वाली हर बाधा को पार किया और दुनिया भर में सबसे बेहतरीन पैरा-तीरंदाजों में से एक बन गई। जम्मू और कश्मीर के लोइधर के छोटे से गांव से अंतरराष्ट्रीय पैरा-तीरंदाजी प्रतियोगिताओं के मंच तक का उनका सफ़र असाधारण से कम नहीं है।
This is Sheetal Devi, India's first armless archer. She's just 17.
— Shyam Vasudevan (@JesuisShyam) August 29, 2024
On her Paralympic debut today:
- She broke the world record
- Secured a new personal best
- Scored 703/720
- Finishes 2nd in the ranking roundpic.twitter.com/eL7iRT0vJJ
शीतल देवी की कहानी 2019 में किश्तवाड़ से शुरू हुई है। यहां हुए एक यूथ इवेंट में शीतल की एथलेटिक क्षमता पर भारतीय सेना के कोच का ध्यान गया। उनके हाथ नहीं थे, पर वो अपने पैरों के जरिए पेड़ों पर आसानी से चढ़ जाती हैं। इस काबिलियत को देखकर भारतीय सेना के कोच को भी यकान हुआ कि अगर शीतल को सही तरीके से तराशा जाए तो वो कमाल कर सकती हैं।
भारतीय सेना ने पहचाना शीतल का टैलेंट
शीतल को कृत्रिम अंग लगाने के शुरुआती प्रयासों के बाद, सेना के कोच ने अंततः मैट स्टुट्ज़मैन से प्रेरणा ली, जो तीरंदाजी के लिए हाथों के बजाए अपने पैरों का इस्तेमाल करते हैं और फिर शीतल को भी उसी तरह प्रशिक्षित करने का फैसला लिया गया।
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शीतल ने तेजी से चढ़ी सफलता की सीढ़ी
इसके बाद भारतीय सेना ने शीतल को पैरों से तीरंदाजी के गुर सिखाना शुरू कर दिए। महज 11 महीने में ही शीतल इंटरनेशनल इवेंट में हिस्सा लेने लगीं। हांग्जो में 2022 एशियाई पैरा खेलों में, शीतल ने दो स्वर्ण पदक जीतकर सुर्खियाँ बटोरीं- एक मिक्स्ड डबल्स में और दूसरा महिलाओं की व्यक्तिगत कंपाउंड स्पर्धा में। उनके प्रदर्शन ने न केवल उन्हें पदक दिलाए, बल्कि पैरा-एथलीटों की सीमाओं के बारे में पूर्व धारणाओं को भी तोड़ दिया।
At 17, Sheetal Devi on her Paralympics Debut 🫡
— The Khel India (@TheKhelIndia) August 29, 2024
- Broke World & Personal Record
- Score brilliant 703/720
- Finished 2nd at Ranking Round
Sheetal Devi is the only Female International Archer in the World who shoots without arms.pic.twitter.com/8qS2THRxM0
इसी सिलसिले को शीतल ने पेरिस पैरालंपिक खेलों में भी बरकरार रखा और तीरंदाजी के कंपाउंड इवेंट के क्वालिफिेशन राउंड में ही विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया। ये अलग बात है कि तुर्किए की तीरंदाज ने एक अंक ज्यादा स्कोर कर उनका ये विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया। लेकिन, रैंकिंग राउंड में दूसरे स्थान पर आने भी किसी उपलब्धि से कम नहीं है। अब सबकी नजर गोल्ड पर है।
शीतल की अविश्वसनीय उपलब्धियां किसी की नज़र से नहीं छूटीं। जनवरी 2024 में, उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो खेल उत्कृष्टता के लिए भारत के सर्वोच्च पुरस्कारों में से एक है। इस सम्मान ने न केवल उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाया, बल्कि यहां तक पहुंचने के सफर के प्रभाव को भी दिखाया-कैसे एक दूर-दराज गांव की लड़की, जो बिना हाथों के पैदा हुई, पैरा-तीरंदाजी में एक वर्ल्ड आयकन बन सकती है।