Who Is Yash Thakur: लखनऊ सुपर जायंट्स ने आईपीएल 2024 में जीत की हैट्रिक पूरी की। इस मैच में 164 रन के लक्ष्य का बचाव करने उतरी लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए आगाज ही अच्छा नहीं हुआ। एक ओवर फेंकने के बाद ही मयंक यादव चोटिल हो गए और उन्हें मैदान से बाहर जाना पड़ा। इसके बाद सारी जिम्मेदारी युवा पेसर यश ठाकुर के कंधों पर आ गई।
मयंक यादव का मैदान से बाहर जाना लखनऊ के लिए बड़ा नुकसान था, क्योंकि पिछले दो मैचों में टीम की जीत के हीरो वही थे। उन्हें दोनों ही मुकाबलों में प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया था। इसके बाद यश ठाकुर पर कप्तान केएल राहुल ने भरोसा जताया और उन्हें पावरप्ले का आखिरी ओवर फेंकने के लिए बुलाया। उस समय गुजरात टाइटंस की गाड़ी तेजी से दौड़ रही थी। टीम का स्कोर बिना विकेट गंवाए 47 रन हो चुका था।
यश ठाकुर ने 5 विकेट लिए
यश ने भी दमदार शुरुआत की और अपने पहले ही ओवर में गुजरात के कप्तान शुभमन गिल को बोल्ड कर दिया। इसके बाद तो वो गुजरात की टीम पर कहर बनकर टूटे और 3.5 ओवर में 30 रन देकर 5 शिकार किए। वो आईपीएल 2024 में 5 विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज बने। ठाकुर की इस तूफानी गेंदबाजी के दम पर लखनऊ सुपर जायंट्स ने पहली बार आईपीएल में गुजरात टाइटंस को शिकस्त दी। इससे पहले गुजरात ने 4 मुकाबले जीते थे।
यश ने गुजरात की पारी के 15वें ओवर में विजय शंकर को आउट कर अपना दूसरा विकेट हासिल किया। इसी ओवर में उन्होंने राशिद खान को भी शून्य पर आउट किया। इस ओवर में उन्होंने एक रन भी नहीं दिए और दो विकेट लिए। इसके बाद से गुजरात की वापसी के सारे रास्ते बंद हो गए।
कौन हैं यश ठाकुर?
यश ठाकुर विदर्भ की तरफ से घरेलू क्रिकेट खेलते हैं। उन्हें डेथ ओवर का स्पेशलिस्ट गेंदबाज माना जाता है। उन्हें लखनऊ सुपर जायंट्स ने 2023 में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में पहली बार 5 विकेट लेने के एक दिन बाद खरीदा था और 2024 के रीटेन किया था। उन्होंने घरेलू सैय़द मुश्ताक अली टी20 टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया था। इसके बाद से ही कई फ्रेंचाइजी की उनपर नजर थी। लेकिन, लखनऊ ने उन्हें अपने साथ जोड़ लिया। उनका बेस प्राइस 20 लाख था। लेकिन, 45 लाख में बिके थे।
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धोनी की तरह विकेटकीपर बनना चाहते थे
यश उमेश यादव को अपना आयडल मानते हैं। उमेश की गेंदबाजी से प्रभावित होकर ही यहां तक वो पहुंचे हैं। एक दौर ऐसा भी था, जब उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी को विश्व कप जीतते हुए देखकर विकेटकीपर बनने का भी सोचा था। उन्होंने विकेटकीपिंग शुरू भी कर दी थी। लेकिन, विदर्भ के पूर्व कप्तान और कोच प्रवीण हिंगणकर ने उन्हें नेट्स में गेंदबाजी करते देखा तो उन्हें विकेटकीपिंग छोड़ तेज गेंदबाज बनने की सलाह दी।