Paris Olympics 2024: चीन से भागकर चिली पहुंची टेबल टेनिस खिलाड़ी जेन झीइंग 58 साल की उम्र में ओलंपिक खेलने जा रही हैं। 1989 में तियानमेन स्क्वायर नरसंहार के बाद जेन चीन छोड़कर उत्तरी चिली चली गई थीं। वहां उन्होंने टेबल टेनिस की कोचिंग शुरू की और बाद में चिली की नागरिकता ले ली।
सैंटियागो में जीता ब्रॉन्ज मेडल
पिछले साल सैंटियागो में हुए पैन अमेरिकन गेम्स में कांस्य पदक जीतने के बाद जेन चिली में काफी मशहूर हो गईं। हालांकि, उन्होंने काफी समय पहले टेबल टेनिस खेलना बंद कर दिया था। खेल के जरिए ही वह चिली आई थीं लेकिन बाद में उन्होंने बिजनेस शुरू करने और परिवार बसाने के लिए खेल छोड़ दिया। महामारी के दौरान उनका खेलने का जुनून फिर से जगा और अब वह अपने सपने को पूरा करने जा रही हैं।
जेन बोलीं- कभी नहीं सोचा था ओलिंपिक खेलूंगी
जेन ने कहा, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं ओलंपिक खेलूंगी। मैं तो बस मनोरंजन के लिए खेलती थी। लेकिन धीरे-धीरे मुझे खेल पसंद आने लगा और मैं जीतने लगी।"
पिता ने दी कोचिंग
फुशान, चीन में पैदा हुई जेन के पिता एक टेबल टेनिस कोच थे। बचपन से ही वह अपनी मां के साथ प्रोफेशनल टेबल टेनिस की ट्रेनिंग देखने जाती थीं। एक दशक तक उन्होंने खुद भी उच्च स्तर पर खेल खेला।
लेकिन 1989 में उनका जीवन बदल गया जब उन्हें चिली के उत्तरी हिस्से में युवा खिलाड़ियों को टेबल टेनिस सिखाने का न्योता मिला। उन्होंने जल्द ही शादी कर ली और चिली के एक और शहर इक्विक में रहने लगीं।
151वीं रैंक की प्लेयर हैं जेन
जेन अभी 151वीं रैंक की खिलाड़ी हैं। वह चिली की राष्ट्रीय टीम का हिस्सा हैं और पैन अमेरिकन गेम्स में डोमिनिकन रिपब्लिक की एवा पेना ब्रिटो को हराया था। हालांकि, अगले राउंड में अमेरिका की लिली एन जेड से हार गईं लेकिन टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीता।
जेन का जीवन अब इक्विक और सैंटियागो के बीच बंटा हुआ है। उन्हें लोगों का प्यार मिलता है और हर कोई उनसे फोटो खिंचवाना चाहता है।
जेन ने कहा, "मैं दिल और जान से चिली की हो गई हूं। यहां ही मेरी कब्र बनेगी।" पेरिस में जेन के पास ज्यादा अनुभव होगा लेकिन उम्र के कारण चोट लगने का खतरा भी रहेगा। उनके भाई और 92 साल के पिता चीन से उनका मैच देखेंगे।