Bihar News: बिहार में जीवित्पुत्रिका (जितिया) पर्व में अलग-अलग जिलों में स्नान के दौरान 43 लोगों की डूबकर मौत हो गई। मृतको में 37 बच्चे और 6 महिलाएं शामिल हैं। साथ ही तीन लोग अभी लापता बताए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने गुरुवार 26 (सितंबर) को इसकी जानकारी दी है।

ये घटनाएं बुधवार को त्योहार के दौरान राज्य के 15 जिलों में हुईं है। जानकारी के लिए बता दें कि जीवित्पुत्रिका त्योहार के दौरान महिलाएं अपने बच्चों की कुशलता के लिए व्रत रखती हैं। इसमें पूजा की शुरुआत नदी- पोखर में नहाने से होती है। 

बिहार सरकार ने साझा की जानकारी
बिहार सरकार के द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, राज्य के अलग-अलग जिलों में 37 बच्चों और 6 महिलाओं की नदी-पोखर में नहाने के दौरान डूबने से मौत हुई है। ज्यादातर त्योहार के दौरान पवित्र स्नान के लिए नदी या तालाब गए थे। यहां हादसे में उनका जान चली गई।

बिहार सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान
जितिया व्रत के दौरान हादसे में 43 लोगों की मौत को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर अब तक 8 मृतकों के परिजनों को मुआवजा के रूप में 4-4 लाख रुपए का दिए गए हैं। मुआवजा वितरण आगे भी जारी रहेगा। बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक SDRF और NDRF के जवान लगातार सर्च अभियान चला रहे हैं।

मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख की सहायता
मृतकों के परिजनों को अनुग्रह राशि के रूप में चार लाख की राशि प्रदान की जाएगी जो राज्य सरकार द्वारा ऐसे मामलों में मुआवजा के लिए स्वीकृत है। जितिया उत्सव इस हादसे के चलते मातम में बदल चुका है। बता दें कि सबसे ज्यादा लोग औरंगाबाद में डूबकर मरे हैं। इसके अलावा कैमूर जिले के भभुआ और मोहनिया थाने में सात बच्चे दुर्गावती नदी और तालाब में स्नान के दौरान डूबने से मरे हैं।

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