Bihar Nitish Cabinet Expansion: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। पटना स्थित राजभवन में बुधवार (26 फरवरी) को 7 BJP विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। दरभंगा से BJP विधायक संजय सरावगी ने सबसे शपथ ली। उन्होंने मैथिली में शपथ ग्रहण की।

नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल किए गए 7 में से 2 मंत्री वैश्य समाज से हैं। जबकि, भूमिहार, राजपूत और अति पिछड़ा वर्ग से 1-1 विधायक को जगह मिली है। कैबिनेट विस्तार में लवकुश समीकरण साधने की भी कोशिश की गई है। 

मंत्री का नाम जिला  विधानसभा योग्यता
संजय सरावगी दरभंगा  दरभंगा  पोस्ट ग्रेजुएट
डॉ. सुनील कुमार  नालंदा बिहारशरीफ  एमबीबीएस
राजू कुमार सिंह मुजफ्फरपुर  साहेबगंज  पीएचडी
मोतीलाल प्रसाद सीतामढ़ी  रीगा  इंटर पास 
जीवेश मिश्रा  दरभंगा  जाले  पोस्ट ग्रेजुएट
विजय कुमार मंडल अररिया  सकटी  10वीं पास 
कृष्ण कुमार मंटू  सारण  अमनौर  10वीं पास 

बिहार में यह BJP विधायक बनाए गए मंत्री

  • संजय सारावगी : मारवाणी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले संजय सारावगी दरभंगा से विधायक हैं। दरभंगा में मखाना बोर्ड की स्थापना के लिए इन्होंने ही केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। इसके अलावा दरभंगा में एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) की स्थापना में इनका अहम योगदान है।   
  • सुनील कुमार: बिहार शरीफ विधानसभा से विधायक सुनील कुमार कोइरी समुदाय से आते हैं। 68 वर्षीय सुनील पिछले 20 साल से विधायक हैं। NDA के प्रति काफी समर्पित माने जाते हैं। पहले वह जेडूयू से विधायक थे, लेकिन 2013 में नीतीश कुमार ने आरजेडी के साथ गठबंधन किया तो सुनील कुमार ने बीजेपी ज्वाइन कर ली थी। 
    Bihar Nitish Cabinet Expansion
  • मोतीलाल प्रसाद: 63 वर्षीय मोतीलाल प्रसाद दूसरी विधायक निर्वाचित हुए हैं। 2010  में उन्होंने सीतामढ़ी जिले की रीगा विधानसभा सीट से पहला चुनाव लड़ा था। 2015 में हार गए, लेकिन  2020 में फिर जीत दर्ज करने में सफल रहे। दिलीप जायसवाल के इस्तीफे के बाद उन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिली है। माना जा रहा है कि इनके मंत्री बनाए जाने से सीतामढ़ी में वैश्य समाज की बीजेपी के प्रति नाराजगी दूरी होगी। 
  • जीवेश मिश्रा: भूमिहार समाज से ताल्लुक रखने वाले जीवेश मिश्रा बीजेपी और स्वयं सेवक संघ के प्रति काफी लायल हैं। 52 वर्षीय जीवेश मिश्रा ने कॅरियर की शुरुआत 1981 में विद्यार्थी परिषद से शुरू की थी। बाद में RSS में सक्रिय रहे। 2002 में भाजपा की सदस्यता ली और 2015 में जाले सीट से पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। 2020 में भी जीत दर्ज की। वह फायरब्रांड नेता के तौर चर्चित हैं। 
  • कृष्ण कुमार मंटू: सारण जिले के निवासी कृष्ण कुमार कुर्मी समाज से आते हैं। राजीव प्रताप रूडी का करीबी माने जाते हैं। राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत इन्होंने 2020 में मुखिया के तौर पर की थी। 10 साल बाद आमनौर विधानसभा से विधायक बन गए। 2015 में असफल रहे, लेकिन  2020 में दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए। इलाके में इनकी छवि दबंग नेता के तौर पर है। हाल में ही इन्होंने पटना में बड़ी कुर्मी रैली की थी। 
  • राजू कुमार सिंह: मुजफ्फरपुर के साहेबगंज से विधायक हैं। राजपूत समाज से ताल्लुक रखते हैं और राजू सिंह के नाम से चर्चित हैं। राजनीतिक करियर की शुरुआत इन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) से की। फिर जदयू और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) पार्टी में भी रहे। अभी भाजपा विधायक के तौर पर मंत्री पद की शपथ ली है। 
  • विजय मंडल: विजय कुमार मंडल सिकटी सीट से लगातार 10 साल से बीजेपी विधायक हैं। इसके पहले 1995 में वह आनंद मोहन सिंह की BPP पार्टी से पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद निर्दलीय, राजद और एलजेपी से भी विधायक बने। अति पिछड़ा वर्ग (EBC) से ताल्लुक रखने वाले मंडल सीमांचल की सियासत में मजबूत पकड़ा रखते हैं। 

बिहार कैबिनेट में 30 मंत्री थे
243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में 35 मंत्री बनाए जा सकते हैं, लेकिन वर्तमान में सीएम सहित 30 मंत्री हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के इस्तीफे के बाद 7 पद खाली थे। सभी पद बीजेपी कोटे से भरे जा रहे हैं।

किस पार्टी के कितने मंत्री 
नीतीश कुमार की कैबिनेट में अभी भाजपा से 15, जदयू कोटे से 13 और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) से एक मंत्री है। इसके अलावा निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह भी कैबिनेट का हिस्सा हैं।  

चुनाव से जोड़कर मत देखिए
राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, बिहार मंत्रिमंडल विस्तार को चुनाव से जोड़कर मत देखिए। यह पहसे ही निर्धारित था।