Bihar Special Status: केंद्र सरकार ने बिहार को विशेष दर्जा देने से एक बार फिर इनकार कर दिया है, जो नीतीश कुमर की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) के लिए एक बड़ा झटका है। क्योंकि, नीतीश कुमार के साथ ही उनकी पार्टी के नेता लगातार केंद्र सरकार से बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग करते रहे हैं। जेडीयू वर्तमान में एनडीए सरका के प्रमुख सहयोगी पार्टी है। इसके बावजूद केंद्र सरकार ने नीतीश कुमार के इस मांग को खारिज कर दिया और अपना जवाब दिया है।
बिहार के झंझारपुर से जेडीयू सांसद रामप्रीत मंडल ने वित्त मंत्रालय से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने से संबंधिक सवाल किया था। उन्होंने कहा था कि क्या सरकार के पास आर्थिक विकास और औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए बिहार और अन्य सबसे पिछड़े राज्यों को विशेष दर्जा देने की कोई योजना है?
वित्त राज्य मंत्री ने बताया क्यों नहीं मिल सकता बिहार को विशेष दर्जा
एक लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि "बिहार के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा देने का मामला नहीं बनता है।"
नोट में लिखा, "राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) द्वारा पिछले दिनों कुछ राज्यों को योजना सहायता के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा दिया गया था, जिनकी कई विशेषताएं ऐसी थीं, जिन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता थी। इन विशेषताओं में (i) पहाड़ी और कठिन भूभाग, (ii) कम जनसंख्या घनत्व और/या आदिवासी आबादी का बड़ा हिस्सा, (iii) पड़ोसी देशों के साथ सीमाओं पर रणनीतिक स्थान, (iv) आर्थिक और अवसंरचनात्मक पिछड़ापन और (v) राज्य के वित्त की गैर-व्यवहार्य प्रकृति शामिल थी।" इसमें कहा गया है, "इससे पहले, विशेष श्रेणी के दर्जे के लिए बिहार के अनुरोध पर IMG ने विचार किया था, जिसने 30 मार्च, 2012 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। आईएमजी ने पाया कि मौजूदा एनडीसी मानदंडों के आधार पर, बिहार के लिए विशेष श्रेणी के दर्जे का मामला नहीं बनता है।"
क्यों दिया जाता है राज्यों को विशेष दर्जा?
विशेष राज्य का दर्जा पिछड़े राज्यों को उसके विकास में तेजी लाने के लिए विशेष राज्य का दर्जा दिया जाता है, जिसमें अधिक केंद्रीय सहायता सुनिश्चित किया जा ता है। हालांकि संविधान किसी भी राज्य के लिए विशेष दर्जा प्रदान नहीं करता है, लेकिन इसे 1969 में पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशों पर पेश किया गया था।
इन राज्यों को मिल चुका है स्पेशल स्टेटस
अब तक जिन राज्यों को विशेष दर्जा मिला है, उनमें जम्मू और कश्मीर (अब एक केंद्र शासित प्रदेश), पूर्वोत्तर राज्य और हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य शामिल हैं। विशेष श्रेणी का दर्जा प्राप्त राज्य को केंद्र सरकार की योजनाओं में केंद्र से अधिक वित्तीय सहायता और करों में कई रियायतें मिलती हैं।
तो क्या एनडीए से अलग होंगे नीतीश कुमार?
बिहार के लिए विशेष दर्जा जेडीयू की लंबे समय से मांग रही है। 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा के बहुमत से दूर रहने से नीतीश कुमार की पार्टी, टीडीपी और अन्य दलों का साथ मिला, जिसके बाद भाजपा और एनडीए की सरकार देश में बनी। अब केंद्र सरकार द्वारा विशेष दर्जे के मांग को नकारने के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या नीतीश कुमार एनडीए से अपना समर्थन वापस लेंगे?