Jan Suraj Party: लोकप्रिय राजनीतिक रणनीतिकार और इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (I-PAC) के संस्थापक प्रशांत किशोर अब पूर्ण रूप से राजनेता बनने के लिए तैयार हैं। उन्होंने घोषणा की है कि वे अपने जन सुराज अभियान को बिहार में एक क्षेत्रीय पार्टी बनाएंगे। कुमार ने कहा है कि वे 2 अक्टूबर से औपचारिक रूप से जन सुराज पार्टी के रूप में राजनीतिक पार्टी शुरू करेंगे।
2025 में सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी जन सुराज पार्टी
पूरी संभावना है कि प्रशांत किशोर की पार्टी 2025 में होने वाली बिहार विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़ेगी। प्रशांत किशोर कई बार इस बात को कह चुके हैं कि जन सुराज आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। अब देखना होगा कि नेताओं को चुनाव जीताने का दावा करने वाले प्रशांत किशोर अपनी पार्टी को कितना मजबूत कर पाते हैं।
प्रशांत किशोर के पास क्या है बिहार को लेकर सोच?
विभिन्न राजनीतिक दलों के लिए चुनाव अभियान और रणनीति बनाने में अपनी भूमिका के लिए जाने जाने वाले किशोर ने घोषणा की कि वे अपने गृह राज्य बिहार को आर्थिक मंदी के दलदल से बाहर निकालने में मदद करना चाहते हैं। किशोर, लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार के 32 साल के “कुशासन” के खिलाफ बिहार को एक बेहतर शासन मुहैया कराने की सोच रखते हैं।
प्रशांत किशोर ने 2022 में जन सुराज अभियान की शुरुआत की। उन्होंने पूरे राज्य में पदयात्रा की। इस यात्रा में उन्हें लोगों से खूब समर्थन मिला। अब इसी सपोर्ट के बदौलत प्रशांत किशोर बिहार में अपनी खुद की पार्टी बनाने का ऐलान किया।
उन्होंने कहा कि बिहार में एक नई पार्टी के लिए बहुत जगह है क्योंकि लालू प्रसाद यादव या नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले वैचारिक रूप से समान गठन के लगभग 35 साल के शासन के बाद यहां "अधिकतम सत्ता विरोधी लहर" है।
किशोर के लिए राह आसान नहीं
प्रशांत किशोर के लिए बिहार जैसे राज्य में राजनीति करना और उसमें सफलता हासिल करना इतना आसान नहीं होगा। क्योंकि, राज्य में पहले से ही दो मजबूत क्षेत्रीय पार्टी- नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) और लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की पैठ है। साथ ही भाजपा और कांग्रेस जैसी पार्टियां भी बिहार में मजबूत स्थिति में है।
राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में सफल रहे हैं प्रशांत किशोर
बिहार के रहने वाले प्रशांत किशोर राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में देशभर में अपना नाम बनाया है। उन्होंने 2023 में तेलंगाना में बीआरएस के साथ हाथ आजमाया और इस साल, उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से टीडीपी को अपने रणनीतिक इनपुट से मदद की, जिससे पार्टी को आंध्र प्रदेश में सत्ता में आने में मदद मिली। इससे पहले प्रशांत किशोर ने बंगाल में ममता बनर्जी के लिए, एक समय में भाजपा के लिए भी रणनीति बना चुके हैं और उसमें वे सफल रहे।