National Teachers Award in Bihar: बिहार के दो शिक्षक राष्ट्रपति अवार्ड के लिए चयनित हुए हैं। इनमें मधुबनी की डॉ मीनाक्षी कुमारी और कैमूर के शिक्षक सिकेंद्र कुमार सुमन शामिल हैं। शिक्षक दिवस पर 5 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 से अवॉर्ड देंगी। आइए जानते हैं दोनों शिक्षकों के वह नवाचार, जिसके लिए उन्हें यह प्रतिष्ठित अवार्ड मिला।
बिहार से राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 के लिए 6 शिक्षक नॉमिनेट किए गए थे। इसमें से दो सिलेक्ट हुए। इनमें मधुबनी की पैड वूमेन के नाम से फेमस टीचर डॉ मीनाक्षी कुमारी और कैमूर के हाईटेक शिक्षक सिकेंद्र कुमार शामिल हैं।
डॉ मीनाक्षी कुमारी ने बदली तस्वीर
- डॉ मीनाक्षी 2014 से शिवगंगा प्लस टू स्कूल में टीचर हैं। बच्चों को वह इतिहास पढ़ाती हैं। स्पोर्ट्स एक्टिविटी के प्रति भी छात्रों को काफी जागरूक किया है। इसलिए उन्हें खेल शिक्षक का प्रभार भी सौंपा गया है। इनकी प्रेरणा और पहल से स्कूल की छात्राएं एथलेटिक्स में राज्य स्तर की पुरस्कार जीत चुकी हैं।
- डॉ मीनाक्षी ने स्कूल में लड़कियों के लिए न सिर्फ सैनेटरी पैड की मशीन लगवाई, बल्कि स्कूल परिसर में सड़क भी बनवा दी।
- मीनाक्षी लड़कियों के लिए विशेष मुहिम 'खुद पढ़ो और दूसरे को भी पढ़ाओ अभियान शुरू किया था। जिससे शिक्षा से वंचित सैकड़ों बच्चियां स्कूल आने लगीं। अब वह दूसरे बच्चों को पढ़ाती हैं। मीनाक्षी दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ भी छात्राओं को जागरूक करती हैं। दलित इलाकों में जाकर बड़ी संख्या में लड़कियों के एडमिशन कराए।
- डॉ मीनाक्षी को राजकीय शिक्षक पुरस्कार भी मिल चुका है। बिहार सरकार ने 2022 में उन्हें यह पुरस्कार दिया था। इसके अलावा भारत ज्योति श्री गुरु राष्ट्र सम्मान, ग्रेस लेडीस ग्लोबल बुक ऑफ रिकॉर्ड, सजग सिपाही सम्मान सहित अन्य संगठनों व संस्थानों से पुरस्स्कृत हो चुकी हैं। मीनाक्षी ने बताया, पिता की प्रेरणा और संस्कारों के चलते मैं समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा रही हूं।
यह भी पढ़ें: शिक्षकों के गांव: नरसिंहपुर के सिंहपुर और बुरहानपुर के बंभाड़ा में 800 से ज्यादा टीचर, युवा पीढ़ी में भी जबरदस्त जुनून
कैमूर के शिक्षक सिकेंद्र कुमार
- सिकेंद्र कुमार सुमन कैमूर के न्यू प्राथमिक विद्यालय तरहनी के प्रभारी प्रिंसिपल हैं। उन्होंने बच्चों को तकनीक और कम्प्यूटर ट्रेनिंग देकर काफी हाइटेक बना दिया है। यहां के बच्चे मोबाइल पर ही ऑनलाइन परीक्षा दे सकते हैं। उन्होंने स्कूल में भी ऐसी व्यवस्था की है कि अन्य सरकारी स्कूलों से अलग दिखे। बच्चे टाई-बेल्ट लगा कर स्कूल आते हैं। 5वीं के छात्र ईमेल इस्तेमाल करते हैं। पढ़ाई से जुड़े कंटेंट ई मेल पर ही शेयर करते हैं।
- सिकेंद्र कुमार राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान पुरस्कार पाने वाले कैमूर जिले के तीसरे शिक्षक हैं। 2021 में रामगढ़ प्रखंड की मिडिल स्कूल डहरक के हेड मास्टर हरदास शर्मा, 2023 में रामगढ़ की आदर्श बालिका इंटर स्कूल के प्रधानाध्यापक अनिल सिंह को भी राष्ट्रीय पुरस्कार मिला चुका है।