बिहार चुनाव 2025: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने मंगलवार (21 जनवरी) को एनडीए में उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने नरेंद्र मोदी कैबिनेट से इस्तीफा देने तक की धमकी दे दी। मुंगेर में आयोजित एक सम्मेलन में जीतन राम मांझी ने एनडीए पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। जीतन राम मांझी दिल्ली और झारखंड विधानसभा चुनाव में पार्टी को एक भी सीट न मिलने से नाराज चल रहे हैं।
जीतन राम मांझी ने मंत्री पद से इस्तीफा देने की धमकी दी
नरेंद्र मोदी कैबिनेट में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि जब हमारी सभाओं में भीड़ आ रही है, जनता हमारे साथ है, मतदाता हमें वोट देने के लिए तैयार हैं, तो हमें सीट क्यों नहीं मिली? मैं यह सवाल पूछ रहा हूं। हम कोई भीख नहीं मांग रहे हैं, लेकिन हमारे अस्तित्व के आधार पर हमें सीट दी जानी चाहिए। अगर हमें नजरअंदाज किया गया, तो इसका क्या मतलब है? लगता है कि मुझे कैबिनेट छोड़नी पड़ेगी।
मांझी ने कहा कि उनकी मांग सीटें उनके व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं बल्कि दलित समुदाय के लाभ के लिए है। उन्होंने मंच से कहा, "हमारे लोगों को उनकी स्थिति के अनुसार सीट दी जाए। यह उनकी भलाई के लिए है।"
दलितों को जमीन देने की मांग की
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि बिहार के सभी भूमिहीन दलितों को पांच डिसमिल जमीन मिलनी चाहिए। मांझी ने याद दिलाया कि जब वह बिहार के मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने तीन डिसमिल जमीन के बदले भूमिहीन परिवारों को पांच डिसमिल जमीन देने का निर्णय लिया था।
एनडीए को खुला संदेश
जीतन राम मांझी ने एनडीए को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि जो हमारी जनाधार देखना चाहते हैं, वे हमारी सभाओं में आएं। जनता हमारे साथ है, लेकिन हमें नजरअंदाज करना अन्याय है।
दिल्ली और झारखंड विधानसभा चुनाव में सीट न मिलने से नाराज हैं मांझी
कुछ दिनों पहले पत्रकारों से बात करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा था कि हमे झारखंड और दिल्ली चुनाव में एक भी सीट लायक नहीं समझा गया। लेकिन कोई बात नहीं हम बिहार में अपनी ताकत दिखाएंगे। इसका मतलब है कि जीतन राम मांझी इशारों-इशारों में बिहार चुनाव में अपनी मजबूती दिखाने की कोशिश की। साथ ही वो बताने की कोशिश की कि बिहार चुनाव में उनकी पार्टी को सम्मानजनक सीटें मिलनी चाहिए।