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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम के समापन सत्र में शामिल हुए। जहां नए विधायक कैसे कार्य करें उसको लेकर उन्हें संबोधित किया है।

रायपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह रविवार को राजधानी रायपुर पहुंचे जहां सीएम विष्णुदेव साय ने उनका स्वागत किया। गृहमंत्री अमित शाह वहां से सीधे विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम के समापन सत्र में शामिल होने पहुंचे। उनके साथ सीएम विष्णु देव साय, डिप्टी सीएम अरुण साव और डिप्टी सीएम विजय शर्मा भी मौजूद थे।

प्रबोधन कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि, राजनीतिक क्षेत्र में विधायकों को प्रभावी विधायक कैसे बने ये बताना काफी कठिन  होता है। हम सभी को सीखते रहना चाहिए क्योंकि सीखने का कोई समय और कोई उम्र नहीं होती। जीवन के अंतिम क्षण तक सीखते रहना सफलता का मूल मंत्र है। श्री शाह ने आगे कहा कि, आजादी के बाद लोग इस बात को लेकर आशंकित थे कि, भारत में लोकतंत्र कैसे चलेगा। हमारे यहां तीन स्तरीय लोकतंत्र है जिसमे पहले में विधायक का रोल बड़ा महत्वपूर्ण होता है। संपूर्ण विधायक होने के लिए सभी तरह का अनुभव और ज्ञान होना चाहिए क्योंकि लोकतंत्र की जड़े पाताल से भी ज्यादा गहरी होती है।

देश में त्रिस्तरीय लोकतांत्रिक व्यवस्था 

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि, देश में त्रिस्तरीय लोकतांत्रिक व्यवस्था है। सभी विधायकों को बहुत अनुभवी लोगों ने संबोधित किया है और बताया है कि, राजधर्म में राजनीतिक क्षेत्र में चुने हुए प्रतिनिधि का रोल बहुत महत्वपूर्ण होता है। यदि आपको प्रभावी विधायक बनना है तो आपको इन तीनों दायित्वों को समझना होगा। इनमें पहला है क्षेत्र का दायित्व, दूसरा है सदन का दायित्व और तीसरा है कार्यों का दायित्व। इन तीनों दायित्वों को बखूबी निभाना पड़ता है।  कई लोग अपने क्षेत्र में बहुत प्रभावी होते हैं मगर सदन में उनकी उपस्थिति बेहद सामान्य होती है। एक संपूर्ण विधायक बनने के लिए आपको तीनों क्षेत्र में अपना योगदान देना पड़ता है। हम प्रेसिडेंटल व्यवस्था के नहीं बल्कि किसी ना किसी पार्टी की विचारधारा से जुड़े होते हैं। जिसमें हमें पार्टी की रीति-नीति को भी साथ में लेकर चलना पड़ता है। 

अधिकारियों को लिखित में दें 

गृहमंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि, एक जनप्रतिनिधि के भीतर संवेदना होना चाहिए और उसे संवैधानिक दायित्व निभाने के लिए हमेशा जागरूक रहना चाहिए। काम को लेकर उत्सुकता भी होनी चाहिए और तीनों क्षेत्रों में प्रसन्नता से कार्य करना चाहिए। जन प्रतिनिधि को तीन व्यवहार पर फोकस करना चाहिए। जन प्रतिनिधि को लोक संपर्क, लोक संग्रह, विधायी दायित्वों का निर्वाह कर पार्टी के विचारों को जमीन पर उतरना आना चाहिए। अधिकारियों के साथ मिलकर विकास कार्य करना एक बड़ी चुनौती होती है। आप में हमेशा अधिकारियों को लिख कर देने की आदत होनी चाहिए। आप लिख कर देंगे तो अमर्यादित बातों को नहीं लिख पाएंगे और अधिकारी फिर जिम्मेदारी के साथ कार्य करेंगे। अधिकारियों के साथ मिलकर आपको अपने क्षेत्र के विकास का करना चाहिए। 

समस्या निराकरण के कई रास्ते 

श्री शाह ने आगे कहा कि, जन प्रतिनिधि जब सक्षम होगा तब हो क्षेत्र का विकास संभव होगा। समस्या निराकरण के कई रास्ते होते हैं आंदोलन, कोर्ट, RTI और मीडिया भी एक रास्ता है. सबसे उचित रास्ता नियमों को जानकर अधिकारियों को लिखकर देना होता है। किसी भी आंदोलन से ज्यादा कारगर प्रशासनिक व्यवस्था को समझकर लिखना होता है. विधायक का मूल कार्य समस्या पर समाधान देना है श्रेय लेना नहीं। 

प्रसिद्धि पर ना रखें अपना फोकस 

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि, तत्काल प्रसिद्धि के लिए एडमिस्ट्रशन के लिए बोझ नहीं बनना चाहिए। प्रसिद्धि के पीछे जाने से आपका फोकस विकास पर उतना नहीं होगा। किसी भी राज्य में विकास की सैकड़ों योजनाएं चलती हैं इसलिए विधायकों को समस्या के समाधान के बारे सोचना चाहिए। किसी भी समस्या पर कठोर से कठोर बातों को शालीनता से लिखा और बोला जा सकता है। हमारा काम समस्या का निराकरण होना चाहिए। मैं देखता हूं कि, आजकल वीडियो चालू कर के बातचीत करने का चलन हो चुका है। 

वीडियो वीर ना बनें 

मैंने राज्य से लेकर देश में चुनाव लड़वाया है और मैंने वीडियो वीरों को बड़े-बड़े अंतर से हारते हुए देखा है। आप किसी भी कानून, बिल और बजट को जागरूकता से समझें। आज कल सदस्य किसी बिल के विस्तार को पढ़ते तक नहीं हैं। हमें लोकहित के विषयों को विस्तार से पढ़ना और समझना चाहिए। एक विधायक का कंट्रीब्यूशन सिस्टम को सुधारने के लिए भी होना चाहिए। सिस्टम, जनता और सरकार के बीच विधायक एक महत्वपूर्ण कड़ी का काम करता है।


 

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