रायपुर। छत्तीसगढ़ के विधानसभा के प्रबोधन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राजधानी रायपुर पहुंचे। सीएम विष्णुदेव साय ने स्वामी विवेकानंद विमानतल पर पुष्प भेंट कर उनका स्वागत किया। यहां से निकलकर वे बीजेपी के प्रबोधन कार्यक्रम में शामिल होंगे।
यहां से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ विधानसभा पहुंचेंगे। यहां वे प्रबोधन कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके बाद गृह मंत्री एलडब्ल्यूई की समीक्षा बैठक लेंगे। बैठक लेने के बाद गृह मंत्री अमित शाह 6 बजकर 20 मिनट में एयरपोर्ट पहुंचेंगे और वहां से दिल्ली के लिए रवाना होंगे। माना एयरपोर्ट पर उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा, सांसद सुनील सोनी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरी शंकर अग्रवाल और पूर्व आरडीए अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव ने भी केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह का स्वागत किया।
उपराष्ट्रपति विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस में हुए शामिल
शनिवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शनिवार को सीएम विष्णुदेव के साथ इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 38वां स्थापना दिवस कार्यक्रम में पहुंचे। इस मौके पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि, विकसित भारत 2047 हमारा सपना नहीं बल्कि लक्ष्य है और हम इस लक्ष्य की ओर तीव्रता बढ़ रहे हैं। बीते कुछ वर्षों में हमारी सोच में काफी बदलाव आया है। आज का भारत जिस विकास के साथ आगे जा रहा है, आज हम हर क्षेत्र में हम वर्ल्ड लीडर हैं।
डिजिटल ट्रांजेक्शन सबसे ज्यादा भारत में
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने संबोधन में आगे कहा कि, आज सबसे अधिक डिजिटल ट्रांजेक्शन हमारे भारत में होते हैं। भारतीयता हमारी पहचान है और हमें इस पर गर्व है। आप यदि असफल होने के डर से किसी चीज को आगे नहीं बढ़ाएंगे तो आपका नुकसान कम और देश का नुकसान ज्यादा है। आज कृषि में जितने स्टार्टअप की संभावना है, आप उसका इस्तेमाल करें। सभी बड़े-बड़े उद्योग आज ऐसा ही कर रहे हैं।
उपराष्ट्रपति ने किया विभिन्न स्टालों का निरीक्षण
कृषि विश्वविद्यालय परिसर में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मौल श्री का पौधा रोपण किया। श्री धनखड़ ने कृषि स्टार्ट अप, बायोटेक और कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टालों का निरीक्षण किया। छत्तीसगढ़ के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में धान की एक किस्म तैयार की गई है जो कैंसर में भी फायदेमंद है। इस बात का दावा करने वाले इंदिरा गांधी कृषि विश्विवद्यालय के वैज्ञानिकों ने किया है। धान की इस किस्म को संजीवनी नाम दिया गया है।